
- पिछड़ों को जिलों की कमान देने में बीजेपी-कांग्रेस दोनों पीछे
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को 71 शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्षों में 12 ओबीसी नेताओं को जगह देने की जानकारी दी थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने रविवार को सवाल पूछने पर दावा किया कि यह संख्या करीब 25 है। यदि 25 ओबीसी नेताओं की संख्या मान भी लें तो यह करीब 35 प्रतिशत ही होती है। हालांकि, अभी भी ओबीसी जिला अध्यक्षों को लेकर कोई अधिकृत आंकड़ा पार्टी ने नहीं दिया है। इसके अलावा 10 एसटी और 8 एससी वर्ग से हैं। वहीं, तीन अल्पसंख्यक और चार महिलाओं को भी मौका कांग्रेस ने दिया है।
भाजपा कांग्रेस से थोड़ी आगे
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने अपने 62 शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्षों की सूची में 25 ओबीसी नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। यह कुल नियुक्तियों का लगभग 40 प्रतिशत है। पार्टी ने सामान्य वर्ग से 30 नेताओं (16 ब्राह्मण, 6 राजपूत, 8 वैश्य), अनुसूचित जनजाति (एसटी) से 4 और अनुसूचित जाति (एससी) से 3 नेताओं को भी जिला अध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा, सात महिलाओं को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी। भाजपा ने ओबीसी और महिला दोनों को ही जिम्मेदारी देने में कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया।
महिलाओं को नेतृत्व में भाजपा आगे
कांग्रेस ने हाल ही में अपने 71 जिला अध्यक्षों (शहर और ग्रामीण) की सूची जारी की है। इसमें कांग्रेस ने 10 एसटी, 8 एससी, 3 अल्पसंख्यक और 4 महिलाओं को शामिल किया है। महिला प्रतिनिधित्व के मामले में भी भाजपा ने बाजी मारी है। जहां भाजपा ने 7 महिलाओं को जिला अध्यक्ष बनाया है, वहीं कांग्रेस ने केवल 4 महिलाओं को यह जिम्मेदारी सौंपी है।
मध्य प्रदेश में ओबीसी बड़ा वोट बैंक
मध्य प्रदेश में ओबीसी वोट बैंक को लुभाने के लिए दोनों पार्टियां पूरा जोर लगाती हैं। भाजपा 2003 से लगातार ओबीसी नेताओं को मुख्यमंत्री बनाती आ रही है। इनमें उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस भी प्रदेश में ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग के वोटरों को साधने के लिए अधिक प्रतिनिधित्व देने का दावा करती है, लेकिन जिला अध्यक्षों की सूची में ओबीसी नेताओं की पर्याप्त संख्या नहीं होने से सवाल खड़े हो रहे हैं।
50 प्रतिशत से अधिक है ओबीसी वर्ग की जनसंख्या
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेताओं को जिला अध्यक्ष बनाने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस को पछाड़ दिया है। राज्य में ओबीसी आबादी 50 प्रतिशत से अधिक होने के बावजूद, दोनों पार्टियां सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का दावा करती हैं, हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
संगठन महामंत्री बोले- अभी जानकारी जुटा रहे
कांग्रेस के प्रदेश संगठन महामंत्री डॉ. संजय कामले ने रविवार को बताया कि शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में अब तक 14 ओबीसी नेताओं को जगह दी गई है। उन्होंने कहा कि जातियों का आकलन अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है। सोमवार दोपहर तक यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने ओबीसी, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और सामान्य वर्ग के जिला अध्यक्ष हैं।