
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस द्वारा प्रदेश की 22 सीटों के लिए ही अब तक प्रत्याशी घोषित किए जा सके हैं। अब भी प्रदेश की आधा दर्जन सीटें ऐसी हैं, जिन पर प्रत्याशियों की कांग्रेस तलाश कर रही है। दरअसल प्रदेश में कांग्रेस ने एक सीट बसपा के लिए छोड़ रखी है। बामुश्किल कांग्रेस द्वारा पहले चरण के नामाकंन के दौरान एक दर्जन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकी है। हालांकि माना जा रहा था कि इस सूची में कांग्रेस सभी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर देगी। लेकिन 6 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन में फंसा पेंच नहीं सुलझ सका है। दरअसल कांग्रेस के सामने सबसे अधिक मुसीबत गुना से बीजेपी प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विदिशा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दमदार प्रत्याशी ही नहीं मिल रहा है। इसके अलावा कांग्रेस को महिला प्रत्याशी की तलाश बनी हुई है। इसके अलावा कांग्रेस को डर सता रहा है कि इन सीटों के घोषित किए गए प्रत्याशी चुनाव से ठीक पहले झटका न दें दे। लिहाजा फैसला करने मे मुश्किल बनी हुई है। दूसरी तरफ 22 सीटों में कांग्रेस ने महज 1 सीट पर महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है। जबकि बीजेपी ने 29 में से 6 लोकसभा सीटों पर महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। ऐसे में बची हुई 6 सीटों में से कांग्रेस कम से कम दो सीटों पर महिला उम्मीदवार उतार सकती है। लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस का फोकस कोटा सिस्टम की बजाए जिताऊ कैंडिडेट के फॉर्मूले पर ही है।
इन सीटों पर इसलिए फंसा पेंच
गुना: बीजेपी प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कांग्रेस को मजबूत प्रत्याशी की तलाश है। जातिगत समीकरण के चलते कांग्रेस यहां से यादव समाज का उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। यही वजह है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने दावेदारी पेश कर दी थी। लेकिन बताया जा रहा है कि दिग्विजय गुट के विरोध के चलते अरुण यादव की दावेदारी कमजोर हो गई है।
विदिशा: इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस मजबूत उम्मीदवार उतारना चाहती है। सिलवानी से विधायक देवेंद्र पटेल का नाम लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि महिला कोटा चला तो विंग कमांडर अनुमा आचार्य को या और फिर युवा को टिकट किा फॉर्मूला चला तो आनंद जाट का टिकट तय हो सकता है।
खंडवा: प्रदेश के बड़े नेताओं पर चुनाव लडऩे का दबाव है लिहाजा अरुण यादव को भी मैदान में उतारा जाएगा। लेकिन गुना से टिकट मांगने की वजह से खंडवा भी होल्ड पर है। वे यहां से उपचुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में खंडवा से यादव को ही टिकट दिया जा सकता है। महिला उम्मीदवार उतारा गया तो सुनीता सकरगाय को मौका मिल सकता है।
मुरैना: इस सीट पर कांग्रेस के 5 और बीजेपी के तीन विधायक हैं। कांग्रेस यहां मजबूत नजर आ रही है। कांग्रेस नेताओं को यहां जीत की उम्मीद है, लिहाजा टिकट के लिए दावेदारों की संख्या भी ज्यादा है। जातिगत समीकरण के चलते बीजेपी से शिवमंगल सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह रेस से बाहर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि पीसीसी चीफ इस सीट से विधायक पंकज उपाध्याय को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। लेकिन वे स्थानीय समीकरण में फिट नहीं बैठ रहे। लिहाजा ं पेंच फंसा हुआ है।
ग्वालियर: भाजपा ने ग्वालियर में भारत सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर भी पेच फंसा हुआ है। यहां से पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबू जी और पूर्व विधायक प्रवीण पाठक का नाम है। इनके अलावा भी इस सीट पर कई दावेदार हैं।
दमोहज् भाजपा ने यहां पर राहुल लोधी को प्रत्याशी बनाया है। यह सीट लोधी और कुर्मी वोटर बहुल है। इस सीट पर बड़ामलहरा विधायक रामसिया भारती और पूर्व विधायक तरवर सिंह का नाम है। यहां पर जातिगत समीकरण व महिला कोटे को लेकर पेच फंसा हुआ है।
अब टिकट पर कल संभावित
27 मार्च के बाद कांग्रेस की तीसरी लिस्ट आएगी। 27 मार्च को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई है। मध्यप्रदेश के 6 नामों पर इस बैठक में ही मुहर लगेगी। ग्वालियर, मुरैना, गुना, विदिशा, दमोह, खंडवा सीट पर प्रत्याशी तय नहीं कर सकी है। सबसे ज्यादा पेंच ग्वालियर चंबल संभाग की सीटों को लेकर है।