अतिथि विद्वानों को मिलेंगे 50 हजार, नौकरी भी नहीं जायेगी

अतिथि विद्वानों
  • अतिथि विद्वान पंचायत- मुख्यमंत्री ने लिए कई बड़े फैसले
  • पीएससी में अतिथि विद्वानों को 25 फीसदी आरक्षण और दस फीसदी बोनस अंक 

भोपाल/ बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश को अपना घर और जनता को परिवार बताते हैं। वे परिवार के मुखिया की तरह हर सदस्य का पूरा ध्यान रख रहे हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री ने अतिथि विद्वानों को परिवार के सदस्यों की तरह सभी सुविधा देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर अतिथि
 विद्वानों की पंचायत बुलाई। इसमें उन्होंने घोषणा की है कि सभी  शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों को घंटे के हिसाब से नहीं, बल्कि मासिक वेतन दिया जाएगा, जो 50 हजार रुपए तक होगा। साथ ही किसी भी अतिथि विद्वान को बाहर नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिथि  विद्वानों शासकीय सेवकों के समान अवकाश भी दिया जाएगा। अतिथि विद्वान अब स्थानांतरण भी अपने पास के महाविद्यालय में ले सकेंगे। उनकी नौकरी की अनिश्चितता को समाप्त करते हुए फैसला लिया कि  फालेन आउट अतिथि विद्वानों को भी रिक्त पदों पर रखा जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि ये सभी फैसले तकनीकी शिक्षा में भी लागू होंगे। यानी पॉलिटेक्निक और आईटीआई के अतिथि शिक्षकों को भी राहत मिलेगी। पीएससी भर्ती में अतिथि विद्वानों को 25 फीसदी आरक्षण
मुख्यमंत्री बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों को पीएससी के जरिए होने वाली भर्ती परीक्षा में 25 प्रतिशत  आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए पीएससी के नियमों में संशोधन किया जाएगा। अतिथि विद्वानों को भर्ती प्रक्रिया में 10 प्रतिशत  बोनस अंक दिए जाएंगे।  किसी भी अतिथि विद्वान को बाहर नहीं किया जाएगा। आईटीआई वाले भी अतिथि प्रवक्ता को भी 20 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा । अतिथि विद्वानों की इस पंचायत में प्रदेश भर से लगभग साढ़े चार हजार अतिथि विद्वान शामिल हुए। इनमें तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत अतिथि व्याख्याता भी शामिल रहे।

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