- मप्र में सरकार की बढ़ी उपलब्धि
- विनोद उपाध्याय

प्रदेश सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को राज्य का बजट पेश करने से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्य प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 13,63,327 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसमें उत्पादन, वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य दोनों की वृद्धि को शामिल किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष के राज्य सकल घरेलू उत्पाद 12,46,471 करोड़ रुपये की तुलना में यह लगभग 9.37 प्रतिशत ज्यादा है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2023-24 के लिए स्थिर कीमतों पर जीएसडीपी 6,60,363 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वर्ष के 6,22,908 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह लगभग 6.01 प्रतिशत की वृद्धि है, जो दिखाती है कि मध्य प्रदेश सतत रूप से आर्थिक प्रगति कर रहा है। उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण मध्य प्रदेश की उत्कृष्ट आर्थिक प्रगति को रेखांकित करता है। प्रदेश में 9.50 आर्थिक एवं सांख्यकीय संचालनालय द्वारा जारी की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में प्रमुख फसलों के उत्पादन में 0.20 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि अनाज का उत्पादन 1.91 फीसदी कम हुआ है, लेकिन दलहल में 42.62 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। सब्जियों का उत्पादन 236.41 लाख मीट्रिक टन से बढक़र 2023-24 में 242.62 लाख मीट्रिक हो गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अंडा और मांस का उत्पादन बढ़ा है जबकि गेहूं और गन्ना उत्पादन घटा है। दरअसल सरकार पिछले कई सालों से दावा करती आ रही है कि गेहूं का उत्पादन बढ़ाया जाएगा परंतु इसमें गिरावट आ रही है। कृषि विभाग के अफसर बारिश कम होने का तर्क दे रहे हैं। जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में पशुपालन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। दूध उत्पादन 5.88 प्रतिशत बढक़र 201.22 लाख टन पहुंच गया है। वहीं अंडा उत्पादन में 9.48 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। यानि अंडे का उत्पादन 31,850.38 लाख हो गया है। जबकि मांस उत्पादन भी 9.37 प्रतिशत बढक़र लगभग 138.95 हजार टन हो गया। 2022-23 में अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता प्रति वर्ष लगभग 37 अंडे हैं। वहीं मांस की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 1.62 किलोग्राम प्रति वर्ष है। दालों का उत्पादन भी घटा इधर, गेहूं उत्पादन में पिछले वर्ष की अपेक्षा 2023-24 में 5.84 प्रतिशत की कमी आई। उत्पादन 34,977 हजार मीट्रिक टन से घटकर 32,972 हजार मीट्रिक टन हो गया। अरहर उत्पादन में वर्ष 2022-23 की अपेक्षा 2023-24 में 6.63 प्रतिशत की कमी आई है एवं क्षेत्रफल में 166 हजार हेक्टेयर से घटकर 155 हजार हेक्टेयर रह गया। इसी तरह उड़द के क्षेत्राच्छादन में 34.22 प्रतिशत की कमी आई है। उत्पादन में भी 32.71 प्रतिशत की गिरावट आई।
साढ़े नौ लाख लाख पीएम आवास स्वीकृत
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में प्रदेश में 9.50 लाख आवास स्वीकृत हुए हैं, जिसमें से 7.50 लाख आवास पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा 3.56 करोड़ लाभार्थियों को डिजिटल आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला देश का पहला राज्य है। पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण में 8.30 लाख शहरी पथ विक्रेताओं को 827.85 करोड़ रुपए का ऋण वितरित कर राज्य ने देश में पहला स्थान पर है। वर्ष 2004 से 2024 के बीच में पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन में 270.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। देश के कुल सौर उर्जा उत्पादन में मध्य प्रदेश 8.2 प्रतिशत
का योगदान देता है और इस दृष्टि से देश में चौथे स्थान पर है।
राजस्व बढ़ा, लेकिन 55709 करोड़ के राजकोषीय घाटे का अनुमान
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक सेहत सुधरी है। प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 9.37 फीसदी बढ़ गया। यह 1246471 से बढक़र 2023-24 में 1363327 हो गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 55 हजार 709 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया गया है। प्रदेश में कर राजस्व में बढ़ोत्तरी का अनुमान है। भूमि राजस्व 1200 करोड़ रुपए, स्टांप और पंजीयन शुल्क 10400 करोड़ रुपए, एसजीएसटी 32 हजार करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। कुल राजस्व प्राप्तियां 2 लाख 25 हजार 710 करोड़ होने की संभावना जताई गई है।
सालाना आय में हुई वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में लोगों की सालाना आय करीब 10 हजार रुपए बढ़ गई है। वर्तमान मूल्यों के हिसाब से साल 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 32 हजार 10 रुपए थी, जो अब बढक़र 1 लाख 42 हजार 565 हो गई है। इसके साथ ही प्रदेश में आवास के लिए लोन लेने वालों की संख्या भी बढ़ गई है। साल 2023-24 में प्रदेश में आवास के लिए विभिन्न बैंकों से 5489 करोड़ रुपए का लोन दिया गया। हालांकि एजुकेशन लोन लेने वालों की संख्या घटी है। साल 2023-24 में 399 करोड़ की राशि एजुकेशन लोन के लिए दी गई, जो एक पहले 403 करोड़ रुपए थी।