इंदौर-उज्जैन के बीच बनेगी ग्रीन फील्ड रोड

  • मप्र में सिंहस्थ की तैयारी जोरों पर

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम में सडक़ मार्ग की सुविधा अब और बेहतर होने जा रही है। प्रदेश सरकार इन शहरों में नई सडक़, ओवर ब्रिज बनाने जा रही है। इंदौर से उज्जैन शहर के बीच 2 हजार 335 करोड़ की लागत से 48 किलोमीटर की एक नई ग्रीन फील्ड रोड बनने जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में इस ग्रीन फील्ड रोड के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मुहर लगा दी गई।
कैबिनेट की बैठक में इंदौर से उज्जैन के बीच नई ग्रीन फील्ड रोड को मंजूरी दे दी गई है। यह सडक़ फोर लेन की होगी। इसके साथ अब सर्विस रोड भी बनाई जाएगी। इसे पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाया जाएगा। स्थानीय लोगों की मांग के चलते इस ग्रीन फील्ड रोड के साथ सर्विस रोड भी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके चलते इसकी लागत भी बढ़ गई है। राज्य सरकार अब इस ग्रीन फील्ड रोड को एनयूटी मॉडल पर बनाएगा। इसकी लागत अब बढकऱ 2335 करोड़ हो गई है। इस ग्रीन फील्ड रोड में अंडर पास, पुल, जंक्शन और फ्लाई ओवर भी बनाए जाएंगे। यह रोड 17 साल में बनकर तैयार होगा। यह इंदौर उज्जैन के बीच नया रोड होगा। जो इंदौर के एयरपोर्ट से आगे पितृपर्वत से सीधे उज्जैन तक जाएगा।
उज्जैन में चार लेन का होगा आरओबी
उज्जैन शहर के अंदर हरिफाटक पर बने आरओबी को अब चार लेन का किया जाएगा। 980 मीटर लंबाई लंबाई का यह आरओबी अभी टू लेन का है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं का अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता, लेकिन ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु आने पर भी व्यवस्था बेहतर बनी रहे, इसके लिए इस आरओबी की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। कैबिनेट द्वारा आरओबी के निर्माण के लिए 371 करोड़ 11 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। आरओबी का निर्माण सिंहस्थ के दौरान यातायात को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है। इसका निर्माण फोर लेन मय पेव्हड शोल्डर एवं दोनों ओर टू लेन सर्विस रोड सहित हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल योजना के अंतर्गत किया जाएगा। इसके निर्माण पर 2 हजार 935 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च होंगे। इसमें भू-अर्जन पर खर्च होने वाली राशि भी शामिल है। कैबिनेट ने राशि को प्रशासकीय स्वीकृति दे दी है। उन्होंने बताया कि पूर्व में लोक निर्माण विभाग को प्रदान की गई प्रशासकीय स्वीकृति को निरस्त करते हुए परियोजना को हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल पर किए जाने की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। प्रोजेक्ट के अंतर्गत 34 अंडर पास, 2 फ्लायओवर, एक आरओबी, 7 मध्यम पुल एवं 2 वृहद जंक्शन का निर्माण सहित सभी जंक्शन का सुधार, सडक सुरक्षा उपाय, रोड मार्किंग आदि कार्य किए जाएंगे। मार्ग के निर्माण एवं संधारण के लिए कंसेशन अवधि 17 वर्ष रहेगी। उन्होंने बताया कि नई ग्रीन फील्ड सडक़ इंदौर-उज्जैन की पुरानी सडक़ से अलग बनाई जाएगी।
नर्मदापुरम से टिमरनी के बीच नई सडक़ बनेगी
उधर नर्मदापुरम-टिमरनी के बीच 72.18 किलोमीटर लंबी टू लेन मय पेव्हड शोल्डर सडक़ का निर्माण हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल योजना के अंतर्गत किया जाएगा। कैबिनेट ने सडक़ निर्माण के लिए भू-अर्जन सहित 972 करोड़ 16 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। परियोजना के अंतर्गत 2 अंडर पास, 4 बड़े पुल, 37 मध्यम पुल, 14 वृहद जंक्शन एवं 52 मध्यम निर्माण कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा जंक्शन सुधार, सुरक्षा उपाय, रोड मार्किंग और रोड फर्नीचर का कार्य भी किया जाएगा। मार्ग निर्माण और संधारण की कंसेशन अवधि 17 वर्ष रहेगी।
 निर्माण कार्य दिसंबर, 2027 तक होंगे पूरे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के सुव्यवस्थित संचालन के लिए दीर्घकालीन कार्ययोजना का समय-सीमा में क्रियान्वयन किया जाए। संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि सभी निर्माण कार्य दिसंबर, 2027 तक पूर्ण हों। साथ ही भीड़ प्रबंधन और प्रमुख आयोजनों के लिए आवश्यक समन्वय भी इस अवधि तक कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में सिंहस्थ-2028 के लिए गठित मंत्रिमंडलीय समिति की चौथी बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ संबंधी निर्माण कार्यों और नगर के भीतर के मागों के चौड़ीकरण कार्य व अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में स्थानीय निवासियों को सहभागी बनाया जाए। सिंहस्थ के दौरान पदयात्रियों की सुविधा और पार्किंग का विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक मैं कुल 2675 करोड़ रुपए लागत के 33 कार्य स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किए गए। इनमें 25 कार्य उज्जैन, 3 खण्डवा, 2 मंदसौर और 3 खरगोन में होने हैं। इनमें नगरीय विकास एवं आवास विभाग के 21, लोक निर्माण के 6, रेलवे के 2 एवं पर्यटन, गृह, एमपीआरडीसी और जल संसाधन विभाग के एक-एक कार्य शामिल हैं।

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