
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
भोपाल। मप्र का श्रम विभाग नये जोश के साथ-नये युग का प्रारंभ कर चुका है। श्रम विभाग अब परंपरागत कार्यशैली और प्रणाली को पीछे छोडकऱ मौजूदा तकनीकी और तौर-तरीके अपनाकर अब मजदूरों को भी ‘स्टार वाली जिंदगी’ देने की योजनाओं में जुट गया है। प्रदेश सरकार के कार्यकाल को 2 वर्ष हो गए हैं। इन सालों में श्रम विभाग लगातार इनोवेटिव आइडियाज पर काम किया, जिसका रिजल्ट धीरे-धीरे सामने आ रहा है। श्रम विभाग का लक्ष्य अगले 3 साल में अपनी मौलिक योजनाओं के जरिये मप्र के मजदूरों की जिंदगी को बाकियों की तरह सुख-समृद्ध बनाना है। वहीं प्रदेश में अब उद्योगों को श्री श्रम स्टार रेटिंग लेनी होंगी। यह उन्हीं औद्योगिक इकाईयों को मिलेगी, जिनमें श्रमिकों के कल्याण से जुड़े काम करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। भविष्य में इसी रेटिंग के आधार पर उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश यह रेटिंग लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। आमतौर पर रेटिंग प्रणाली निजी क्षेत्रों में प्रभावी है, लेकिन सरकार भी अब अपने विभागों और उनके अधिकार क्षेत्रों में आने बाले क्षेत्रों के लिए यह लागू करने जा रही है। श्रम विभाग का नवाचार इसका ताजा उदाहरण है। हालांकि विभाग के पास पहले ही श्रम और पर्यावरण कानूनों का पालन कराने के लिए तय नियम व गाइडलाइन है लेकिन रेटिंग व्यवस्था के प्रभावी होने से नियम विरुद्ध काम करने वाली इकाइयों को नई कसावट के दायरे में लिया जा सकेगा। श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का कहना है कि श्रमिक कल्याण और श्रयाक संरक्षण के लिए उक्त रेटिंग लागू की है। भविष्य में इसका दायरा बढ़ाएंगे। उद्योगों से जुड़े सभी वर्गों को इसका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष फायदा होगा। श्रम विभाग के सचिव रघुराज एमआर ने बताया कि संबल पोर्टल पर जाकर श्री श्रम स्टार रेटिंग के विकल्प को चुनना होगा। जिसके बाद एक बॉक्स खुलेगा, जहां ईएसटी लॉग-इन विकल्प चुनने पर यूनिट लॉग-इन पर पहुंचेंगे। यहां आवेदन क्रमांक और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद सीधे रेटिंग वाले फॉर्मेट पर पहुंच जाएंगे। वहां वहां पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देने होंगे। इस आधार पर श्रम विभाग परीक्षण करेगा और रेटिंग से जुड़ा प्रमाण पत्र जारी करेगा।
इन उद्योगों को मिलेगी रेटिंग
रेटिंग के लिए जो मानक तय किए गए हैं उनमें जिन उद्योगों में बाल श्रमिकों से काम कराए जाने की शिकायत रही हो। यदि रेटिंग मिली है और बाद में शिकायत होती है जो कि सही पाई जाती तो उसे निरस्त किया जाएगा। वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले उद्योगों को किसी हाल में यह रेटिंग नहीं दी जाएगी, ऐसी इकाईयों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइनों का पालन करना होगा। श्रमिकों के कल्याण से जुड़े प्रत्येक काम करने होंगे, यदि कोई श्रमिक श्रम विभाग में इस बात की शिकायत करेंगे कि उन्हें परेशान किया जा रहा है और शिकायत सही पाई जाती है तो रेटिंग निरस्त कर दी जाएगी। रेटिंग, इस बात का प्रतीक होगी कि मप्र श्रम विभाग ने यह प्रमाणित किया कि संबंधित औद्योगिक इकाई तय मापदंडों का पालन कर रही है। इसके आधार पर उद्योगों को दूसरे राज्यों में कारोबार करना आसान होगा। श्रमिकों के कल्याण के लिए उद्योग और अधिक प्रतिबद्ध होंगे। शिकायतों के सही पाए जाने पर रेटिंग जाने के खतरे को देखते हुए श्रमिक कल्याण से जुड़े काम जारी रखेंगे, जिसका फायदा श्रमिकों व उनके परिवारों को होगा। पर्यावरण के लिए कई उद्योग बड़ी चुनौती हैं। खासकर उद्योगों के अपशिष्ट और धुंए से पर्यावरण गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसे मदद मिलेगी। उद्योगों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। साथ ही मापदंडों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई के दायरे में भी लिया जा सकेगा।
