कोरोना के बाद उद्योगों को पटरी पर लाने सरकार का फोकस

औद्योगिक पार्क
  • प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर व  रीवा सहित कई जिलों में आकार ले रहे हैं औद्योगिक पार्क

    भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/ बिच्छू डॉट कॉम प्रदेश की कोरोना संकटकाल बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और उद्योगों को गई देने की सरकार ने नए सिरे से प्रयास शुरू किए हैं। इसके तहत बड़े शहरों में नई औद्योगिक भूखंडों का विकास किए जाने की योजना तैयार की जा रही है। यही नहीं है सरकार निवेशकों को  रिझाने और प्रदेश में इकाईयां लगाने के लिए रोडमैप तैयार कर प्रयास कर रही है।
    इस पर अधिकारियों ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए जहां निवेशकों से बातचीत कर निवेश के प्रस्ताव पर पहल की जा रही है। वहीं अविकसित भूखंडों को विकसित कर उद्योग लगाने के लिए तैयार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास केंद्र निगम इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और रीवा में करीब एक हजार हेक्टेयर औद्योगिक भूखंडों का विकास करने की तैयारी कर रहा है। खास बात यह है कि यह भूखंड एक साल के भीतर ही विकसित हो जाएंगे। सूत्रों की माने तो जिन निवेशकों ने प्लाट के संबंध में प्री बुकिंग की थी उन्हें भी पूरा पैसा जमा करने और प्लाट आवंटन करने के संबंध में रिमाइंडर भेजना शुरू कर दिया गया है। प्रदेश के धार जिले में जैतापुर पलासिया में सबसे ज्यादा भूखंड है। यहां दो सौ हेक्टेयर औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाना है। इस क्षेत्र को दिल्ली मुंबई कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र हातोद सरदारपुर में भी 150 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि है।
    प्रदेश में इन क्षेत्रों में होगा औद्योगिक विकास
    भोपाल के अचारपुरा में चालीस हेक्टेयर जमीन पर टैक्सटाइल पार्क,  औद्योगिक क्षेत्र प्लास्टिक पार्क बिलौआ में 37 हेक्टेयर में, औद्योगिक क्षेत्र जैतापुर पलासिया दो सौ हेक्टेयर भूमि पर, औद्योगिक क्षेत्र रेहटा खाडकोट 30 हेक्टेयर भूमि पर, आईटी पार्क फेस वन एवं कन्वेंशन क्लस्टर रंगवासा, इंदौर में 28 हेक्टेयर जमीन पर, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क 36 हेक्टेयर भूमि पर, हातोद सरदारपुर धार जिला में 152 हेक्टेयर भूमि पर, कसारबर्डी में 71 हेक्टेयर भूमि पर, औद्योगिक क्षेत्र द्वीप बैढन जिला सिंगरौली में 32 हेक्टेयर भूमि पर, रीवा जिले के औद्योगिक क्षेत्र गुण में सौ हेक्टेयर भूमि पर, इंदौर के पास औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में 86 हेक्टेयर भूमि पर और इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र बाबूपुर जिला सतना में 62 हेक्टेयर भूमि पर यह उद्योग लगाए जाने की योजना है।
    इन्वेस्टर समिति कर रही निवेशकों से चर्चा
    उल्लेखनीय है कि प्रदेश के बारह औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने के साथ ही वहां उद्योगों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिससे निवेशकों को उद्योग लगाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए इन्वेस्टर समिति ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अन्य योजनाओं के तहत जिन उद्योगों में निवेश के प्रस्ताव दिए थे उनसे एक एक कर फिर से नए सिरे से पत्राचार कर रही है और उनसे उद्योगों को लगाने के बारे में चर्चा कर रही है।

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