सरकार लेगी दो हजार करोड़ का नया कर्ज

विकास परियोजनाओं
  •  विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए …

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की शिव सरकार एक बार फिर  दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। इसके लिए शासन स्तर पर पूरी तैयारी कर ली गई है। यह कर्ज वित्त माह के शुरुआत में ही यानि की दो मार्च को लिया जाएगा।
इसे विकास परियोजनाओं को गति देने के नाम पर लिया जा रहा है। यह कर्ज ऐसे समय लिया जा रहा है जब प्रदेश सरकार का नया बजट पेश होने जा रहा है। इस नए कर्ज के लिए बॉण्ड जारी किए जा चुके हैं। इसे खुले बाजार से 20 वर्ष के लिए लिया जा रहा है। इस वित्त वर्ष में यह छठवां मौका है जब सरकार द्वारा कर्ज लिया जा रहा है। सरकार द्वारा इस चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 18 हजार करोड़ का ऋण लिया जा चुका है। मप्र सरकार ने सबसे बड़ा कर्ज मार्च 2021 में एकमुश्त चार हजार 473 करोड़ रुपए का लिया था। इसके बाद से लगातार दो-दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है। सरकार द्वारा जुलाई 2021 से जनवरी 2022 तक सरकार पांच बार दो-दो हजार करोड़ का कर्ज लिया गया  है। जुलाई में 10 साल के लिए, सितंबर में एक बार पांच साल, दूसरी बार 10 साल के लिए  और नवंबर, जनवरी 2022 में 20-20 साल के के लिए कर्ज लिया गया। इसे मिलाकर प्रदेश के ऊपर लगभग पौने तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है। उल्लेखनीय है कि सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में चार प्रतिशत तक ऋण ले सकती है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस दायरे में रहकर ही आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकास परियोजनाओं के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से ऋण लिया जाता है।  उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।
जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश के ऊपर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा है। प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये से अधिक का ऋण हो चुका है। उनका कहना है कि इस वर्ष सरकार कुल राजस्व का 12.72 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ ब्याज में व्यय कर रही है। उनके अनुसार प्रदेश के ऊपर ऋण का बोझ कम करने की जगह अब विभागों से कहा जा रहा है कि वे भी अपने स्तर पर ऋण प्राप्त करें।
छह माह पहले यह थी स्थिति
मध्यप्रदेश सरकार पर अब तक 2 करोड़ 53 लाख 335 करोड़ का कर्ज हो चुका है। इसमें एक लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज खुले बाजार का है। शेष कर्ज में सरकार को पावर बांड सहित अन्य बांड का कंपनसेशन का 7360 करोड़, वित्तीय संस्थाओं की देनदारी 10,901 करोड़, केन्द्र सरकार के ऋण एवं अग्रिम के 31 हजार 40 करोड़ सहित अन्य दायित्व 20 हजार 220 करोड़ रुपए शामिल हैं।
यह है कर्ज की पात्रता
प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में चार प्रतिशत तक ऋण ले सकती है। वित्त विभाग अधिकारियों का कहना है कि इस दायरे में रहकर ही आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकास परियोजनाओं के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से ऋण लिया जाता है।

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