भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में जारी चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए डॉ. मोहन यादव की सरकार द्वारा जारी प्रयासों के तहत जहां इस बार कई नए मेडिकल कॉलेज शुरु होने जा रहे हैं, वहीं अब आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए इसके नए मेडिकल कॉलेजों को खोलने की भी तेजी से तैयारी की जा रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री मंडला, खजुराहो, धार और बालाघाट में कॉलेज शुरू करने की घोषणा कर चुके हैं। इनका निर्माण कार्य इसी वर्ष शुरू करने की तैयारी की जा रही है। आयुष संचालनालय के अफसरों के मुताबिक प्रदेश सरकार अगले चार सालों में करीब एक दर्जन इस तरह के मेडीकल कालेज शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। सरकार की योजना आगामी सालों में सागर, शुजालपुर, झाबुआ, शहडोल, नर्मदापुरम, श्योपुर और मुरैना में भी आयुर्वेद कॉलेज शुरू करने की योजना है। इसके तहत जिला अस्पतालों का 30 बिस्तर के अस्पताल में उन्नयन कर शुरू में कालेज संचालित किए जाएंगे। बाद में कालेजों का अलग से अस्पताल बनाया जाएगा।
इन कॉलेजों में कुछ में 60 और कुछ में 100 सीटें रहेंगी। नए कॉलेज शुरू करने के लिए विभाग द्वारा संबंधित जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर सुगम स्थान पर पांच एकड़ भूमि आवंटित करने के लिए कहा है। प्रदेश में वर्तमान में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, बुरहानपुर और रीवा मिलाकर छह कालेज हैं। सभी जगह मिलाकर 600 सीटें हैं। 11 और कॉलेज शुरू होने से 600 से 1100 सीटें बढ़ जाएंगी। इससे प्रदेश को डॉक्टर तो मिलेंगे ही, कालेजों को फैकल्टी मिल सकेंगे। आगे चलकर एमडी-एमएस और शोध को बढ़ावा मिलेगा। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा.राकेश पाण्डेय ने कहा कि नए कालेज खुलने से जहां बीएएमएस की 1100 सीटें बढ़ जाएंगी, वहीं एमडी-एमएस की सीटें भी बढ़ सकेंगी।
28 सालों से नहीं खुला नया सरकारी कालेज
प्रदेश में अभी सात सरकारी आयुर्वेदिक कालेज हैं। इनमें आखिरी कालेज वर्ष 1995 में भोपाल में पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज खोला गया था। यानी बीते 28 वर्ष से प्रदेश में एक भी आयुर्वेद कालेज नहीं खुला। यह बात जरुर है कि इस अवधि में कई निजी कालेज जरुर शुरू हुए हैं। उधर, एलोपैथी मेडिकल कालेज पिछले 10 वर्ष में आठ खुल चुके हैं, जबकि 17 अन्य स्वीकृत हैं। अगले पांच वर्ष में सभी में प्रवेश शुरू हो जाएगा।
11/03/2024
0
210
Less than a minute
You can share this post!