
- महंगाई से राहत पर बड़ा फैसला
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। वित्त मंत्रालय के इस फैसले का मकसद खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी लाना और खाने के तेल का कारोबार करने वाले घरेलू कारोबारियों के हितों की रक्षा करना है। पहले इन तीनों कच्चे खाद्य तेलों पर शुल्क 20 प्रतिशत था। बता दें कि भारत अपनी घरेलू खाद्य तेल आवश्यकता का 50 प्रतिशत से अधिक आयात करता है।
कीमतों में कमी से उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा
इस फैसले के बाद उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने कहा कि कच्चे तेल पर शुल्क में कमी से घरेलू कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से अधिसूचना जारी कर खाद्य तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को घटाने के फैसले की जानकारी दी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।
फैसले के बाद कितनी राहत मिलेगी?
इस फैसले पर उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा, कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर लगने वाला मूल सीमा शुल्क यानी कस्टम ड्यूटी को घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इन तीनों उत्पादों पर प्रभावी आयात शुल्क (मूल सीमा शुल्क और अन्य शुल्क सहित) अब 16।5 प्रतिशत होगा। पहले 27।5 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था। उन्होंने कहा, हाल ही में रिफाइंड पाम तेल का आयात बढ़ा है, क्योंकि यह कच्चे पाम तेल की तुलना में सस्ता है।