
- मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को दिए विपक्ष के आरोपों का जवाब देने का फ्री हैंड
गौरव चौहान/भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा। शीतकालीन सत्र पांच दिनों का होगा, लेकिन इसमें सिर्फ चार ही बैठकें प्रस्तावित की गई हैं। इस सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में सरकार ने भी कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। कैबिनेट बैठक से पहले चर्चा में उक्त विषय पर विस्तार से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों से बात की। कहा कि सरकार हर वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग समेत हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष यदि झूठी दलीलें देता है तो अपने-अपने विभागों में किए विकास के कामों का आईना दिखाने में पीछे न रहें।
जानकारी के अनुसार, विपक्ष ने चार बैठकें तय किए जाने पर आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार जानबूझकर छोटा सत्र बुला रही है ताकि विपक्ष को सवाल उठाने का अवसर न मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सदन में चर्चा से बचना चाहती है, इसलिए बहस के दिन घटा दिए गए हैं। सिंघार ने यह भी कहा कि किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी, जातीय संघर्ष और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं, जिन्हें विपक्ष सत्र में जोरदार ढंग से उठाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार विधानसभा की कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट से परहेज कर रही है, ताकि जनता तक सच्चाई न पहुंचे। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि अब वक्त है कि कार्यकर्ता से लेकर नेतृत्व तक एक समान दिशा में काम करें। पचमढ़ी शिविर को इसी कड़ी में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सत्र में अनुपूरक बजट समेत चार विधेयक लाए जा सकते हैं। इसे लेकर विभागों ने तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं, विपक्ष भी कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
कुछ विधेयक होंगे पेश
5 दिवसीय सत्र में सदन की कुल 4 बैठकें होंगी। इसमें महत्वपूर्ण सरकारी काम निपटाए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, सत्र के दौरान राज्य सरकार कुछ महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश करने की तैयारी कर रही है। इनमें वित्तीय प्रावधानों और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े प्रस्ताव शामिल हो सकते हैं। सरकार इस सत्र को संक्षिप्त लेकिन प्रभावी बताकर नीति आधारित चर्चाओं पर जोर देने की बात कर रही है। विधानसभा सचिवालय में अशासकीय विधेयकों की सूचनाएं 4 नवंबर 2025 तथा अशासकीय संकल्पों की सूचनाएं 20 नवंबर 2025 तक प्राप्त की जाएगी। जबकि स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण, नियम 267 – क के अधीन सूचनाएं विधानसभा में 25 नवंबर 2025 से कार्यालय में सुबह 11 बजे शाम 4 तक प्राप्त की जावेंगी। बता दे कि मध्यप्रदेश की सोलहवीं विधानसभा का यह सप्तम सत्र होगा।
विपक्ष को दिखाएं विकास का आईना
सरकार विस सत्र की तैयारियों में जुट गई है। वहीं मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा है कि वे भी विधानसभा सत्र के लिए तैयारी शुरू कर दें। मंत्री अपने विभागों की चल रही योजनाओं और विकास कार्यों की रिपोर्ट तैयार करके रखें। अगर कांग्रेस सरकार पर कोई झूठे आरोप लगाती है तो उसको मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग समेत हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष यदि झूठी दलीलें देता है तो अपने-अपने विभागों में किए विकास के कामों का आईना दिखाने में पीछे न रहें।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों का दिए निर्देश
वहीं मुख्य सचिव ने आगामी कार्यक्रमों को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि हर जिले, विकासखंड और ग्राम पंचायत में गौरव दिवस मनाया जाए। बिरसा मुंडा सहित जनजातीय नायकों का समान कार्यक्रम हों। योजनाओं, नवाचारों की प्रदर्शनी लगाई जाए। वि?द्यार्थी, कलाकार और समाज के मुखियाओं का समान और योजनाओं पर फोकस करें। प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस पखवाड़ा मनाया जा रहा है, लेकिन कई जिलों में कार्यक्रम न होने की शिकायतों पर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अधिकारियों की क्लास ली। उन्होंने जनजातीय कार्य विभाग के अफसरों से सख्ती से पूछा, आयोजन किए हैं तो दिख क्यों नहीं रहे? जवाब न मिलने पर कई अफसर चुप रह गए। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पखवाड़े का उद्देश्य शत-प्रतिशत पूरा होना चाहिए।
