
- हीरे के बाद मध्यप्रदेश के हाथ लगा सोने का खजाना…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हीरे के बाद बेशकीमती सोने का प्रचुर भंडार मिलने के बाद मप्र देश का अग्रणी राज्य बन गया है। सिंगरौली में बड़ी मात्रा में मिले सोने की खदान से उत्पादन शुरू करने के लिए खनिज विभाग ने सोने की तीन और डायमंड की दो खदानों की नीलामी की है। यह खदानें गरिमा, प्रोस्पेक्ट और इनवर्ड टेक रिसोर्स जैसी कंपनियों ने ली है।
जल्दी ही सोने का उत्पादन मप्र में होने लगेगा। मप्र देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां सभी तरह के खनिज पदार्थ मिले हैं। अभी तक किसी भी राज्य में इस तरह से खनिज पदार्थ नहीं मिले हैं। अकेले खनिज नीलामी से सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिलने के आसार हैं। छतरपुर जिले में बंदर हीरा खदान को बहुराष्ट्रीय कंपनी रियोटोंटो ने लीज पर लिया था। किंतु बेवजह के दबावकी वजह से कंपनी ने अपना काम बंद कर यहां से वापस चली गई। इसके बाद से ही यहां की खदानों का काम लगभग रूका था, अब जाकर इसके लिए भी टेंडर हो गया है। संभावना जताई जाने लगी है कि जल्दी ही उस खदान से उत्पादन शुरू हो जाएगा। दरअसल, पन्ना जिले की ऊथली खदानों में हीरा मिल पा रहा है, लेकिन अब प्रदेश गोल्ड के उत्पादन में भी मप्र रिकार्ड बनाएगा। मप्र में सबसे पहले सिंगरौली जिले के ग्राम मेडवा में अवस्थित गुरहर पहाड़ी पर सोना मिलने की जानकारी खनिज विभाग को मिली थी। इसके लिए मप्र सरकार ने खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से मिन्न) रियायत नियम 2016 के नियम 67 के तहत गुरहर पहाड़ी पर निकली सोने की खदान का खनिपट्टा ब्लॉक रकबा 149.30 हेक्टेयर के लिए अधिक बोली लगाने वाली हरियाणा गुरुग्राम की कंपनी मेसर्स कुंदन गोल्ड माइंस प्रायवेट लिमिटेड को दो साल के लिए सर्वेक्षण के लिए आवंटित किया था।
मप्र में 100 से अधिक खनिज ब्लॉक की नीलामी हुई
खनिज विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने बताया कि मप्र में एक साथ करीब एक सौ माइंस ब्लॉक नीलाम किए गए है। इतनी बड़ी मात्रा में माइंस ब्लॉक नीलाम करने वाला मप्र देश का पहला राज्य बन गया है। यहां डायमंड, गोल्ड, बाक्साइट, लाइम स्टोन, वोफाइट, आईरन ओर मॅगनीज, रॉक फास्फेट आदि माइंस की नीलामी की गई है। इससे मप्र को अलग-अलग चरणों में खनिज क्षेत्र में करीब एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व आय होने की संभावना है।