एक जिला एक उत्पाद पर फोकस करेगी सरकार

सरकार
  • छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की तैयारी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा की डां मोहन सरकार ने अब प्रदेश में औद्योगिक क्रांति लाने की तरफ कदम बढ़ाना शुरू कर दिए हैं। यही वजह है कि यह पहला मौका है, जब प्रदेश में रीजनल स्तर पर इंवेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। उज्जैन के बाद जबलपुर में इसका आयोजन किया जा चुका है। अब ग्वालियर की बारी है। अहम बात यह है कि सरकार ने एक जिला एक उत्पादन पर फोकस करना शुरु कर दिया है। इसकी वजह से छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।  इन उत्पादों के लिए सरकार का पूरा फोकस निर्यात पर होगा। इससे सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर को मजबूती मिल सकेगी। इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अनुदान देने की भी योजना बनाई है। इसके तहत निर्यात पर अलग-अलग श्रेणी में अनुदान दिया जाएगा। इसकी वजह है पूर्व की तुलना में प्रदेश का निर्यात कम हुआ है। इसका प्रतिकूल असर छोटे उद्योगों पर हुआ है। यही वजह है कि राज्य सरकार छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन राशि में भी वृद्धि करने की योजना पर काम कर रही है। सरकार की नजर अब प्रदेश के उन इलाकों पर भी है, जो औद्योगिक क्षेत्र में पिछड़ेपन का शिकार बने हुए हैं। इसके लिए अब उन्हें चिन्हित कर वहां पर उद्योग लाने पर काम किया जा रहा है। इसके बेहतर परिणाम मिलने की संभावना बनी हुई है। यही वजह है कि सरकार द्वारा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का अलग-अलग अंचलों में आयोजन किया जा रहा है।
ग्वालियर और रीवा में आयोजन की तैयारी
उज्जैन और जबलपुर के बाद ग्वालियर में सितंबर में और अक्टूबर में रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारी की जा रही है। इसी तरह से सरकार द्वारा  प्रदेश से बाहर दूसरे राज्यों में भी इसी तरह के आयोजन करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत फिलहाल तमिलनाडु के कोयंबटूर में 25 जुलाई को, कर्नाटक के बेंगलुरु में अगस्त में, दिल्ली में सितंबर में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रस्तावित है। इसी तरह से अगले साल सात और आठ फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की भी योजना है। इसके लिए भी अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश की नई निर्यात नीति की घोषणा भी की जाएगी।
निर्यात का लक्ष्य किया दोगुना
सरकार ने इस साल प्रदेश से निर्यात करने का लक्ष्य दोगुना तय किया है। इसके लिए अब सरकार ने जिला स्तर पर निर्यात सुविधा प्रकोष्ठ बना दिए हैं। इससे छोटे और मझौले स्तर के उत्पादकों में निर्यात को लेकर जागरूकता लाई गई है। निर्यात को लेकर जानकारी देने के लिए मप्र व्यापार संगठन परिषद और निर्यात प्रकोष्ठों ने मिलकर कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया है। इसके तहत  नीमच, हरदा, अशोकनगर, नरसिंहपुर, शहडोल, बालाघाट, बैतूल और धार में जिला निर्यात संवर्धन कार्यक्रम किए जा चुके हैं। हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में दवा उत्पाद, कपास, परमाणु रिएक्टर, बायलर, मशीन, कपड़ा, जैविक रसायन, एल्युमिनियम, धातु, अनाज, विद्युत मशीनरी उपकरण, प्लास्टिक जैसे प्रोडक्ट का निर्यात हुआ है। सबसे ज्यादा दवा उत्पादों का निर्यात हुआ। इनका निर्यात मूल्य 13,158 करोड़ रुपये है।

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