
सीएम ने की विभागों के काम की समीक्षा
मप्र सरकार अगले तीन साल में प्रदेश के 81 विधानसभा क्षेत्रों में नए औद्योगिक एरिया विकसित करेगी। प्रदेश में अभी 6,340 स्टार्टअप्स हैं, इनकी संख्या को बढ़ाकर 12 हजार से अधिक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक जिले में कम से कम एक इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। 3 साल में 100 नए इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए जाएंगे। जनवरी 2026 में मप्र सरकार स्टेट लेबल पर स्टार्टअप कॉन्क्लेव आयोजित करेगी। 1.5 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों का फार्मलाइजेशन कर उन्हें उद्यम पोर्टल से जोड़ा जाएगा। खजुराहो में सोमवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग की समीक्षा बैठक में यह लक्ष्य तय हुए हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार कॉश्यप ने विभाग के अगले 3 साल के लक्ष्यों पर व पिछले दो साल की उपलब्धियों और कामों पर प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार कुमार ने प्रेजेंटेशन दिया। इसमें बताया कि एमएसएमई के पंजीकरण में 31 त्न की ग्रोथ हुई। एमएसएमई यूनिट को 2780 करोड़ की प्रोत्साहन राशि सरकार ने दी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 39 हजार 600 करोड़ का निवेश आया। दो साल में 1240 भूखंड उद्यमियों को दिए। 13 औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण पूरा हुआ। मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी।
5 हजार करोड़ प्रोत्साहन राशि एमएसएमई यूनिट्स को देंगे
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि अगले 3 साल में 5 हजार करोड़ से अधिक प्रोत्साहन राशि एमएसएमई यूनिट्स को दी जाएगी। 30 नए निजी क्लस्टरों और 22 सामान्य सुविधा केंद्रों की स्थापना को सरकार ने मंजूरी दी है। 31 प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्रों के विकास का काम पूरा हो गया है, इनमें 6 हजार से अधिक भूखंडों के आवंटन की योजना सरकार ने बना ली है।
100 औद्योगिक क्षेत्रों में सीईटीपी की स्थापना की जाएगी। सीएम ने एमएसएमई विभाग को निर्देश दिया कि इंदौर व भोपाल मेट्रोपॉलिटन सिटी को ध्यान में रखते हुए नए औद्योगिक निवेश व रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जाए। उद्योग वर्ष (2025) के समापन पर दिसंबर आखिर में ग्वालियर में 2 लाख करोड़ निवेश वाली इकाइयों के भूमिपूजन औद्योगिक भूखंड आवंटन, शुभारंभ जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे। मप्र सरकार ने 2028 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 25.3 लाख करोड़ और निर्यात को 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। औद्योगिक निवेश एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा में प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने सीएम मोहन यादव को बताया कि इसके लिए मप्र को वैश्विक निवेश स्थल के रूप में ब्रांड किया जाएगा और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क मजबूत होगा। विंध्य-महाकौशल और मालवा-निमाड़ में इनलैंड कंटेनर डिपो विकसित होंगे। एफडीआई आकर्षण के लिए अमेरिका, जापान और यूके पर फोकस रहेगा। पिछले दो साल में 12.70 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, 327 इकाइयों में उत्पादन शुरू हुआ और 40 हजार से अधिक रोजगार सृजित हुए।
इन विभागों की भी समीक्षा
राजस्व विभाग: राजस्व समीक्षा में सीएम मोहन यादव ने लंबित भूमि विवादों के समाधान के लिए फिर से राजस्व महाअभियान चलाने के निर्देश दिए। भूमि अभिलेखों का डिजिटाइजेशन तेज होगा और भू-अर्जन प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि दो साल में 41.68 लाख प्रकरणों में से 94 त्न का निराकरण हुआ और 5281 पटवारी व 136 नायब तहसीलदार नियुक्त हुए।
नगरीय विकास विभाग
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि पीएम आवास 2.0 के तहत 6 लाख नए आवास बनाए जाएंगे। अमृत 2.0 में 1440 करोड़ की जल परियोजनाएं, बायो सीएनजी प्लांट, लैंडफिल और 386 नए एसटीपी स्थापित होंगे। इंदौर मेट्रो मई 2025 व भोपाल मेट्रो दिसंबर 2025 से शुरू होगी।
तीन साल में 20 लाख रोजगार का सृजन
स्वरोजगार योजना के माध्यम से 30,000 उद्यमियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा प्रदेश में 20 लाख से अधिक रोजगार सृजन का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। 20 विशिष्ट उत्पादों की पहचान कर उन्हें जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बहादरपुर सहकारी सूत मिल, बुरहानपुर की देनदारियों के निराकरण तथा इंदौर व जबलपुर की परीक्षण प्रयोगशालाओं के उन्नयन का कार्य भी प्राथमिकता से किया जाएगा।
