
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में भले ही दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार अभी से मतदाताओं में खासतौर पर गरीब तबके के घरों में पैठ बढ़ाने की कवायद में जुट गई है। यह वो तबका है जो सर्वाधिक मताधिकार का प्रयोग करता है। इसी वजह से इनके घरों में सूबे के मुखिया के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की पहुंच बनाने के लिए उनके चेहरों के चित्रों का सहारा लिया जा रहा है। योजना के तहत गरीबों को दिए जाने वाले पीडीएस के राशन को अब थैलों में दिया जाएगा। इन थैलों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चित्र होंगे। इसके तहत प्रदेश में संचालित 25 हजार से ज्यादा पीडीएस दुकानों के माध्यम से करीब 5 करोड़ लोगों के घरों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है। खास बात यह है कि सरकार यह राशन कोरोना संकट के बहाने गरीबों को मुफ्त देने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले आवासों के दरवाजों पर मोदी-शिवराज के फोटो वाली टाइल्स और संबल योजना के कार्ड पर भी तस्वीर लगाने का प्रयोग कर चुकी है। हालांकि कांग्रेस द्वारा इन दोनों ही योजनाओं में तस्वीरों का प्रयोग किए जाने का विरोध करने से प्रदेश की राजनीति सुर्खियों में रह चुकी है। प्रदेश सरकार तस्वीरों वाले थैलों में राशन देने की योजना को बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मिलने का इंतजार किया जा रहा है। योजना के तहत प्रदेश सरकार कार्यक्रम में मोदी का संबोधन और कुछ हितग्राहियों से पीएम की बात कराने का प्रयास कर रही है। प्रदेश का खाद्य नागरिक आपूर्ति और सहकारिता महकमा इस मेगा शो की तैयारी में लगा हुआ है। बताया जा रहा है कि योजना के तहत मोदी शिवराज की तस्वीर वाले थैलों में 10 किलोग्राम राशन मुफ्त दिया जाएगा । दरअसल भाजपा के रणनीतिकारों को मानना है कि इस योजना के तहत दिए जाने वाले थैलों के माध्यम से मोदी-शिवराज के फोटो 4.81 करोड़ लोगों के घरों तक पहुंच जाएंगे। दिन में कई बार यह फोटो लोगों की नजर में आएंगे जिससे परोक्ष रूप से भाजपा और सरकार के कामकाज की ब्रांडिंग होगी।
तस्वीरों को लेकर होता रहा है विवाद
मध्यप्रदेश में इस तरह का यह पहला प्रयोग नहीं है, बल्कि इसके पहले भी इसी तरह से अन्य योजनाओं में चित्र का प्रयोग किया जाता रहा है। यह बात अलग है कि उनको लेकर विवाद खड़ा होने से सरकार को चित्र लगाने का फैसला बदलना पड़ा था। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों की टाइल्स पर मोदी-शिवराज का फोटो लगवाया गया था, जिसके विरोध में कांग्रेस खड़ी हो गई थी। इसके बाद ही सरकार को अपना यह फैसला बदलना पड़ा था। इसी तरह से संबल योजना के दस्तावेजों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फोटो लगाया गया था। इस योजना को प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के बाद बंद कर दिया गया था। इसी तरह से केंद्र की उज्जवला योजना के दस्तावेजों में और वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी के चित्र का मामला भी सुर्खियों में रह चुका है।
इस तरह की तैयारी जारी
गरीबों को थैलों में रखकर मुफ्त राशन देने की योजना को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा गया है। समय मिलने के बाद ही उसकी तारीख की घोषणा कर दी जाएगी। सरकार चाहती है कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की कुछ हितग्राहियों से वर्चुअल बात भी कराई जाए। सरकार के स्तर पर इस मामले में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सरकार इस कार्यक्रम का स्वरूप व्यापक करने की तैयारी कर रही है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भी हितग्राहियों से इस योजना के बारे में बातचीत करेंगे।
पीडीएस दुकानों का बदला जाएगा स्वरूप
प्रदेश में राशन बांटने वाली पीडीएस दुकानों पर नए रंग रोगन कर उनके आकर्षक बनाने को कहा गया है। इसके साथ ही इन दुकानों का नामकरण किसी न किसी महापुरुष के नाम पर किए जाने का निर्णय किया गया है। गौरतलब है कि इस साल नवंबर महीने तक प्रदेश की सभी 25,423 पीडीएस दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को निशुल्क राशन देने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है।