
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर जनता की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं। हालांकि राज्य सरकार ने इससे निपटने की तैयारी कर ली है। सरकार जल्द ही अब एथेनॉल पॉलिसी लाएगी। योजना के तहत प्रदेश में सड़ा गला गन्ना, मक्का और धान के जरिए एथेनॉल बनाया जाएगा। इसका सीधा फायदा किसानों कोहोगा।
एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि वैसे तो इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन अब इसे मक्का और धान से भी तैयार किया जाने लगा है। मध्यप्रदेश में पेट्रोल के दाम 111 प्रति लीटर तक पहुंच गए है। वहीं डीजल के दाम भी 100 रुपए के नजदीक है। पेट्रोल, डीजल के दाम कम करने के लिए वेट घटाने की जगह सरकार इथेनॉल पॉलिसी लेकर आ रही है। एथेनॉल को पेट्रोल की जगह उपयोग किया जाएगा। एथेनॉल पेट्रोल की अपेक्षा सस्ता है।
किसानों का लिया जाएगा सहयोग
बहरहाल, वर्तमान में ऑयल कंपनियों द्वारा एथेनॉल पचपन से साठ रुपए प्रति लीटर बेचा जाता है। प्रदेश सरकार इसे किसानों के सहयोग से खुद बनाएगी। खास बात है कि प्रदेश में एथेनॉल का उत्पादन करने सरकार किसानों का सहयोग लेगी। साथ ही किसानों को इससे अतिरिक्त आय का एक जरिया भी बनेगा। उन्हें उनकी फसलों का दाम दिया जाएगा।
प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों का होगा उपयोग
उल्लेखनीय है कि एथेनॉल बनाने के लिए प्राकृतिक आपदा तथा अन्य कारणों से खराब हुई फसलों का उपयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश में धान का उत्पादन लगभग एक सौ नौ लाख टन होता है। वहीं मक्के का उत्पादन चालीस लाख टन है। इन फसलों का प्राकृतिक आपदा जैसे भारी बारिश अथवा अन्य प्रकोपों का बहुत प्रभाव पड़ता है। भारी बारिश अथवा अन्य कारणों से गन्ना, मक्का और धान सड़ गल जाता है। अब उसका उपयोग भी एथेनॉल बनाने के काम में किया जाएगा। इससे किसानों को खराब फसलों की एवज में अतिरिक्त राशि भी मिल जाएगी। प्रदेश के उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल के दामों को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यही वजह है कि अब सरकार एथेनॉल पॉलिसी लेकर आ रही है। इसके तैयार होने से किसानों को भी फायदा होगा और जनता को कम दामों पर पेट्रोल डीजल मिल सकेगा। अधिकारियों द्वारा इस पर काम शुरू किया गया है। जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे।