जीएसटी 2.0 से मप्र की जेब खाली, भरपाई की कवायद में जुटी सरकार

जीएसटी
  • केंद्रीय करों में 7 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति पर जीएसटी 2.0 का बड़ा असर पड़ा है। नए नियमों के चलते राज्य को 8,600 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इससे केंद्र के हिस्से में 9-10 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्रीय करों में 7 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की है। अभी केंद्र सरकार 41 फीसदी दे रहा है।  मप्र ने केंद्रीय करों में 48 प्रतिशत की हिस्सेदारी मांगी है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने जीएसटी की दरों में कटौती करके आमजन को राहत पहुंचाई है। इससे सरकार को मिलने वाले राजस्व में कमी हो सकती है। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि इसकी भरपाई 16वां वित्त आयोग कर सकता है। मध्य प्रदेश ने केंद्रीय करों में 48 प्रतिशत हिस्सा मांगा है। यदि यह स्वीकार हो जाता है तो फिर जीएसटी कटौती से होने वाली कमी की पूर्ति इस बढ़े हुए हिस्से से काफी हद तक हो जाएगी। अप्रैल 2026 से नए वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने की संभावना है, जो पांच साल के लिए होंगी। प्रदेश सरकार ने जो प्रारंभिक अनुमान लगाया है, उसके अनुसार जीएसटी की नई दरों से लगभग 8,600 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित हो सकता है। इसकी पूर्ति के लिए वित्त विभाग मंथन कर रहा है। उन खर्चों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनमें कटौती की जा सकती है। इसमें नए कार्यालय भवन, नए वाहन सहित वे व्यय शामिल हैं, जिन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन पर भी फोकस किया जा रहा है ताकि आर्थिक गतिविधियां बढ़ें।
15,908 करोड़ मिलने का अनुमान
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश का बजट का मुख्य आधार केंद्रीय करों में हिस्सा और सहायता अनुदान होता है। वर्ष 2025-26 में केंद्रीय करों के हिस्से में 1,11,662 करोड़ रुपये और केंद्रीय सहायता अनुदान 48,661 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस प्रकार प्रदेश की कुल राजस्व प्राप्ति में केंद्रीय करों का हिस्सा और सहायता अनुदान 41 प्रतिशत के आसपास होता है। यह जीएसटी की नई दरों से प्रभावित हो सकता है। चूंकि, जीएसटी क्षतिपूर्ति अब मिलना बंद हो गई है, इसलिए पूरी उम्मीद 16 वित्त आयोग से है। सरकार ने आयोग से केंद्रीय करों में 48 प्रतिशत हिस्सा मांगा है। यदि यह मिल जाता है तो राज्य को होने वाली क्षति के बड़े हिस्से की पूर्ति हो जाएगी। करों में वृद्धि का आधार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कृषि, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन, पर्यटन, शहरी विकास और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में हो रहे तेजी से विकास को बताया है। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार होने का लाभ प्रदेश को मिल सकता है। केंद्रीय करों के हिस्से में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2025-26 में 15,908 करोड़ रुपये अधिक मिलना अनुमानित है। सहायता अनुदान में भी वृद्धि प्रस्तावित है तो केंद्र सरकार का राजस्व बढऩे से 2024-25 के पुनरीक्षित अनुमान में प्रदेश को केंद्रीय करों के हिस्से में 5,247 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिले हैं।

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