
- फंड का अभाव…पिछले तीन साल से ओबीसी छात्र कर रहे छात्रवृत्ति का इंतजार …
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की 52 फीसदी आबादी को साधने के लिए राजनीति चरम पर है। ऐसे में फंड के अभाव सरकार प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं बांट पा रही है। इस कारण प्रदेश में पिछले तीन साल से ओबीसी छात्र छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि तमाम कोशिशों के बाद गतदिनों सरकार स्कॉलरशिप के लिए 100 करोड़ रुपए जुटा पाई है। यह राशि पिछड़ा वर्ग विभाग को आवंटित कर दी गई, जिसे छात्र-छात्राओं को तत्काल वितरित कर दिया गया। इस तरह सरकार को स्कॉलरशिप बांटने के लिए अभी 1100 करोड़ रुपए की व्यवस्था और करना है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में कॉलेज जाने वाले करीब 6 लाख ओबीसी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाती है। सरकार की ओर से कॉलेज जाने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उनके कोर्स के अनुसार स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। किसी भी कोर्स में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को सरकारी कॉलेज के लिए निर्धारित न्यूनतम फीस के बराबर स्कॉलरशिप दी जाती है, चाहे छात्र ने किसी प्राइवेट कॉलेज में प्रवेश लिया हो। स्कॉलरशिप के लिए क्रीमीलेयर का प्रावधान भी रखा गया है।
पिछले दो साल से बचे बकाया का ही भुगतान
पिछड़ा वर्ग विभाग का सूत्रों का कहना है कि फंड की कमी के चलते पिछले तीन साल से ओबीसी विद्यार्थियों की समय पर छात्रवृत्ति का वितरण नहीं हो पा रहा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर ओबीसी छात्रों को करीब 1600 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप बकाया थी। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार की तरफ से 419 करोड़ की स्कॉलरशिप मुहैया कराई गई, लेकिन इससे पिछले दो साल से बचे बकाया का ही भुगतान हो सका।
शिकायतें मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंची
फंड नहीं होने की वजह से मौजूदा वित्तीय वर्ष के छह लाख, पिछले वित्तीय वर्ष के तीन लाख और 2019- 20 के 1.5 लाख छात्रों की स्कॉलरशिप रुकी हुई है। ओबीसी छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलने की शिकायतें मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंच चुकी हैं। इसे देखते हुए सरकार ने अन्य किसी मद से स्कॉलरशिप के लिए राशि की व्यवस्था करने की कवायद शुरू की, लेकिन वह 100 करोड़ रुपए जुटाने में सफल हो पाई। गौरतलब है कि यह स्कॉलरशिप पारंपरिक कोरों के अलावा आईआईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी जैसे दूसरे संस्थानों से प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई करने वाले ओबीसी छात्रों को भी दी जाती है।
मात्र 50 करोड़ देता है केंद्र
ओबीसी स्कॉलरशिप के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को हर साल 50 करोड़ रुपए ही मुहैया कराए जाते हैं। बाकी राशि का इंतजाम राज्य सरकार को खुद ही करना होता है। उधर, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल का कहना है कि सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी पूरी कोशिश है कि ओबीसी विद्यार्थियों की बकाया स्कॉलरशिप का भुगतान जल्द से जल्द कर दिया जाए। हाल में स्कॉलरशिप के रूप में विद्यार्थियों को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। अगली कैबिनेट बैठक में इस मामले में चर्चा की जाएगी।