आदिवासियों को साधने सरकार ने किया टास्क फोर्स का गठन

आदिवासी
  • कई मंत्रियों सहित तेरह लोगों को किया गया है शामिल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में आदिवासी बड़ा और संगठित वोट बैंक है। इस वर्ग को साधने के लिए भाजपा सरकार ने पेसा कानून लागू किया है। अब प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गठित टास्क फोर्स का पुर्नगठन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनाया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री प्रहलाद पटेल, जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री विजय शाह, वन मंत्री रामनिवास रावत उपाध्यक्ष बनाए गए है। मुख्य सचिव अनुराग जैन पदेन सदस्य सचिव होंगे। कुल 13 सदस्यों की टास्क फोर्स का गठन किया है। इस समिति का कार्यकाल दो साल के लिए होगा। उधर, कांग्रेस को टास्क फोर्स में खोट नजर आ रही है। उसने चुनाव आयोग से शिकायत कर मप्र शासन द्वारा पेसा कानून की निगरानी के लिए गठित टास्क समिति में विजयपुर से भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत, मंत्री मप्र शासन को तत्काल उपाध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में भाजपा को सरकार से बेदखल करने में जिन आदिवासियों की अहम भूमिका रही, उस वर्ग पर सरकार ने विशेष रूप से फोकस किया है। राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा नियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है। इसके लिए अलग से एक कार्यकारी समिति भी गठित की गई है, जिनमें पूर्व विधायकों को सदस्य बनाया गया है। डा. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डा. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), भगत सिंह नेताम व राम डांगोरे (पूर्व विधायक), डा. रूपनारायण मांडवे और कालू सिंह मुजाल्दा को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे। गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डा. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वर्ष में दो बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।
 रावत को समिति से हटाने की मांग
प्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने चुनाव आयोग से शिकायत कर मप्र शासन द्वारा पेसा कानून की निगरानी के लिए गठित टास्क समिति में विजयपुर से भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत, मंत्री मप्र शासन को तत्काल उपाध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है। धनोपिया ने कहा कि प्रदेश में दो विधानसभा उप चुनाव की आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है। मतदान 13 नवंबर को होना है। रावत स्वयं उपचुनाव में भाजपा की ओर से प्रत्याशी है, ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा आदिवासी वर्ग के लिए प्रभावशील पेसा कानून के माध्यम से इस वर्ग को प्रलोभित करने के में उद्देश्य से उन्हें टास्क फोर्स कमेटी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है जो सरासर गलत एवं अनुचित है।
साल में दो बार होगी बैठक
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार साल में दो बार शीर्ष समिति की बैठक होगी। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई जा सकेगी। राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मैपिंग की जिलेवार सूची तैयार की जाएगी। समिति अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिए संस्तुति प्रदान करेगी। राज्य में वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करेगी। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) में सीएफआरआर प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन के संबद्धित विभाग/विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिए डीएलसी और पेसा संबंधित विषयों के लिए जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्य योजना के लिए अनुशंसाएं प्रदान करेगी। समिति का काम प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद, कार्य योजना एवं समय सीमा के अनुसार बिंदुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना होगा। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अन्य उपाय या अनुशंसाएं, जैसा टास्कफोर्स उचित समझें।

Related Articles