अच्छी खबर: अगले महीने… कम आएगा बिल

  • गौरव चौहान
बिजली उपभोक्ताओं

करंट मार रही महंगाई के बीच मप्र के बिजली उपभोक्ताओं के लिए कुछ राहत भरी खबर आई हैं। अगले महीने सरचार्ज भी कम लगेगा। इस कारण उनका बिजली बिल भी कम आएगा। दरअसल प्रदेश में नए संशोधन के बाद पेट्रोल-डीजल की तर्ज पर बिजली कंपनियां भी हर महीने बिजली बिल रिवाइज कर रही हैं। यह पहला मौका है, जब बिजली कंपनियों को फ्यूल एंड पॉवर पर्चेस एडजेस्टमेंट में फायदा हुआ है और कंपनियों ने सरचार्ज में 4.72 फीसदी की कमी की है। यानी केंद्र सरकार ने फरवरी 2023 में विद्युत नियम 2005 में संशोधन कर हर महीने फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) तय करने का जिम्मा बिजली कंपनी को देने का प्रावधान किया था। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने इस अप्रूवल को मंजूरी दे दी थी। इस का नाम भी बदलकर एफसीए की जगह एफपीपीएएस कर दिया है। पिछले साल मई से सरचार्ज लगना शुरू हुआ है। अब पेट्रोल-डीजल के दाम की तरह बिजली कंपनियां भी हर महीने बिजली का फ्यूल कास्ट चार्ज घटा-बढ़ा सकेंगी।
चुनावी राहत
मप्र के विधानसभा चुनाव के दौरान बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली थी। उस दौरान सरचार्ज नहीं लिया गया था। इसी तरह अब लोकसभा चुनाव के दौरान तो बिजली कंपनियों ने इसमें कटौती कर सरचार्ज घटा दिया है। इससे बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है। सरचार्ज के नाम पर बिजली कंपनियों हर महीने बिजली का टैरिफ बढ़ा देती हैं, इससे इससे 40 से 150 रुपए तक बिजली का बिल बढ़ा जाता है।
दरअसल चुनावी साल में बिजली कंपनियां हर साल बिजली उपभोक्ताओं को राहत देती हैं। गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने 2046 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली के टैरिफ में 3.86 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की थी। विद्युत विनियामक आयोग ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इससे इस बार बिजली के टैरिफ में भी इजाफा नहीं हुआ है। बिजली कंपनियों की याचिका पर सिर्फ नगर निगम और पंचायतों को मिलने वाली बिजली में मामूली इजाफा किया है, जबकि पिछले साल बिजली कंपनियों की याचिका पर आयोग ने बिजली के टैरिफ इजाफा किया था। बिजली कंपनियों ने 1537 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली की दरों में 3.20 फीसदी का इजाफा करने की मांग की थी। इसका प्रस्ताव विद्युत विनियामक आयोग को भेजा था। आयोग ने 1.65 फीसदी टैरिफ बढ़ाया था।
 बिजली कंपनियों को एफपीपीएएस में फायदा
गौरतलब है कि बिजली कंपनियां हर महीने फ्यूल एंड पॉवर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) जोड़ती हैं। यह सरचार्ज घाटे के मुताबिक बिल में जुडक़र आता है। पिछले साल मई से सरचार्ज लगना शुरू हुआ है। यह पहला मौका है, जब बिजली कंपनियों को फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट में फायदा हुआ है और कंपनियों ने सरचार्ज में 4.72 फीसदी की कमी की है। यानी अगले महीने बिजली उपभोक्ताओं का बिल 4.72 फीसदी कम आएगा। गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने पिछले साल मई से सरचार्ज लेना शुरू किया है। पहले कंपनियों ने बिजली उपभोक्ताओं से करीब 8 फीसदी सरचार्ज वसूला था। इसके बाद हर महीने 5 से 7 फीसदी तक सरचार्ज लिया गया।
 व्यवसायियों को भी राहत
दुकानदारों के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच बिजली सस्ती हो सकती है। हालांकि, यहां एक शर्त ये है कि शाम 5 बजे के बाद उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। वर्ष 2024-25 के लिए अपने नए टैरिफ आदेश में, एमपीईआरसी ने नॉन -डोमेस्टिक लो-टेंशन के साथ-साथ हाई-टेंशन कंज्यूमर के लिए टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। पिछले साल विद्युत मंत्रालय ने अधिसूचित बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) संशोधन नियम, 2023 में ये नियम तय किए थे। सूत्रों ने कहा कि यही टीओडी अगले वित्तीय वर्ष से घरेलू उपभोक्ताओं पर भी लागू होगा। आदेशों के अनुसार, सोलर ड्यूरेशन के दौरान यानी कि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच उपभोक्ता समूह के लिए ऊर्जा की लागत लागू टैरिफ से 20 फीसदी कम होगी।

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