सुशासन बना मप्र की पहचान

सुशासन
  • सीएम डॉ. यादव के ऐतिहासिक निर्णयों का असर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ऐतिहासिक निर्णयों का असर अब दिखने लगा है। जहां एक ओर प्रदेश में विकास की बहार दिखाई दे रहा है, वहीं मप्र की पहचान सुशासन बन गया है। प्रदेश में सुशासन के लिए सरकार ने जो प्रयास किए हैं, वे दूसरे राज्यों के लिए मिसाल बन गए हैं।

विनोद कुमार उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम
भोपाल (डीएनएन)।
मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही डॉ. मोहन यादव में कहा था कि प्रदेश में सुशासन की स्थापना करना उनकी प्राथमिकता है। मप में सुशासन का मतलब है प्रभावी और पारदर्शी शासन प्रणाली, जो जनता के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करती है और विकास को बढ़ावा देती है। यह शासन के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि नीति निर्माण, सेवाओं की डिलीवरी और निगरानी में सुधार करने के बारे में है। सुशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही, निष्पक्षता और भागीदारी शामिल है, जो नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है और भ्रष्टाचार को कम करती है। मप्र में सुशासन के लिए विभिन्न पहल की जा रही हैं, जिनमें डिजिटल क्रांति, सुशासन सप्ताह, सुशासन एवं विकास रिपोर्ट, सामाजिक अंकेक्षण, सुशासन सूचकांक और सुशासन की विशेषताएँ शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य शासन को बेहतर बनाना, सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाना और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है। डॉ. यादव को विश्वास है कि स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन प्रदेश के युवाओं के सशक्तिकरण का सक्सेस मंत्र सिद्ध होगा। युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती को लांच किया गया यह मिशन युवा पीढ़ी को आधुनिकतम तकनीकों उद्यमिता और खेल क्षेत्र में उच्च कौशल से सशक्त बनाएगा। यह मिशन से प्रदेश के युवाओं को बदलते दौर में स्वयं को विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के लिये सशक्त बनायेगा।
मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के विकास और जनकल्याण के विजन को स्पष्ट करते हुए कार्य योजना पर काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में लोकसभा चुनावों के संपन्न होते ही उन्होंने अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। सीएम डॉ. यादव ने मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव की बैठक कर आगामी वर्षों की कार्ययोजना एवं विकास कार्यो एवं जन कल्याण के कार्यों को महत्व देते हुए पारदर्शिता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान सीएम डॉ. यादव ने आगामी वर्षों में विकास कार्यों के रौडमैप पर चर्चा की। उन्होंने 5 वर्षों में जीएसडीपी दोगुना करने की कार्ययोजना पर विमर्श किया एवं राज्य सरकार का राजस्व स्रोत बढाने व खनन राजस्व को 50000 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य भी रखा है। सीएम यादव ने कहा कि अन्य राज्यों में स्थित राज्य सरकार की संपत्तियों को लाभदायक और राजस्व प्राप्ति करने वाला बनाना है। शहरी क्षेत्रों की क्षेत्रीय योजना और नए क्षेत्रों का नियोजित तरीके विकास कार्यों के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में सरकार ने सामाजिक न्याय के क्षेत्र में भी कई जन-हितैषी निर्णय लिए हैं। फैसला किया गया है कि गरीब कैदियों के जुर्माने का भुगतान सरकार करेगी। इससे उनके परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी। इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है, इससे कैदियों के समाज में पुन:स्वीकार्यता सुनिश्चित हो सकेगी।

मिशन मोड में सर्वांगीण विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प को ही कार्यसिद्धि का मंत्र बनाया है। उन्होंने देश के सर्वांगीण विकास के लिए समाज के सभी वर्गों के एक साथ और एक समान सशक्तिकरण को आवश्यक बताया है। इस संकल्प की सिद्धि के लिएमप्र सरकार लगातार मिशन मोड में कार्य कर रही है। मिशन मोड में विकास पथ पर तेजी से आगे बढऩे के लिये प्रदेश सरकार ने गरीब कल्याण मिशन, युवा शक्ति मिशन, किसान कल्याण मिशन और नारी सशक्तिकरण मिशन लागू किये हैं। सभी मिशनों को पूरा करने के लिए अलग-अलग रोड़ मैप तैयार कर प्रभावी क्रियान्वयन शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के देश के सर्वांगीण विकास के संकल्प ने प्रेरित किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि समाज के सभी वर्गों के मिशन मोड में सशक्तिकरण सेमप्र विकास की नई ऊचाइयों को स्पर्श करेगा। गरीब कल्याण मिशन का मुख्य उद्देश्य गरीबों के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करना है, ताकि वंचित वर्ग को कठिन समय में आवश्यक सहायता मिल सके। इसके अतिरिक्त, मिशन इस वर्ग को रोजगार से संबंधित चुनौतियों से निपटने में सक्षम योजनाओं का लाभ दिलाएगा। आर्थिक रूप से पिछड़े, जरूरतमंदों को मिशन में वित्तीय सहायता प्रदान कर आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करेगा। बुनियादी सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास तक पहुंच में सुधार किया जाएगा, जिससे गरीब परिवारों के जीवन स्तर में सुधार हो सकें। गरीब कल्याण मिशन,मप्र सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को सशक्त बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाएं और आवश्यक सेवाएं उन तक सहजता से पहुंच सकें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को विश्वास है कि ‘स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन’ प्रदेश के युवाओं के सशक्तिकरण का सक्सेस मंत्र सिद्ध होगा। युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी 2025 को लांच किया गया यह मिशन युवा पीढ़ी को आधुनिकतम तकनीकों, उद्यमिता और खेल क्षेत्र में उच्च कौशल से सशक्त बनाएगा। यह मिशन से प्रदेश के युवाओं को बदलते दौर में स्वयं को विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के लिये सशक्त बनायेगा। इससे मिशन की परिणिति युवाओं के सफल एवं सक्षम नेतृत्व के गुणों से संपन्न बनने, ग्लोबल जॉब मार्केट का सशक्त प्रतिस्पर्धी बनने और नौकरी ढूंढऩे की कतारों में लगे युवा के स्थान पर नौकरी देने वाला उद्यमी बनने में होगी। ‘युवा शक्ति मिशन’ के सफल क्रियान्वयन में आधुनिक तकनीक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कौशल विकास के पाठ्यक्रम युवाओं को सहजता से उपलब्ध कराने और उसे सहजता से समझाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म लॉन्च किए गए हैं। इस फ्लेटफार्म की सुविधाएं ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवाओं को समान रूप से सुलभ होंगी। मिशन का लाभ प्रदेश के युवा बढ़-चढ़ कर ले सकें, इसके लिए सोशल-मीडिया के माध्यमों का भी प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। इससे युवाओं को मिशन से संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध हो रही है और युवाओं में मिशन के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ रही है। कृषि और कृषक देश एवं प्रदेश की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण आधार हैं। इसलिएमप्र की मंत्रि-परिषद ने 15 अप्रैल को कृषक कल्याण मिशन को हरी झंडी दे दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में इस मिशन का उद्देश्य है कि अन्नदाता समृद्ध हों और कृषि क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता आए। इस मिशन का उद्देश्य फसल-विविधीकरण के साथ ही पशुपालन एवं मत्स्य पालन जैसे सहायक व्यवसायों को एकीकृत कर समावेशी कृषि को बढ़ावा देना है। मिशन में कृषि-आधारित उद्यमिता जैसे प्रगतिशील उपायों को वित्तीय सहायता और तकनीकी परामर्श देकर प्रोत्साहित किया जाएगा। मिशन के अंतर्गत जैविक खेती, पशुपालन, मत्स्य-पालन जैसे व्यवासायों का एकीकरण और उन्हें बाजारोन्मुखी बनाकर उपज की पहुंच बाजारों में सुनिश्चित करने के साथ ही कृषि-उद्यमिता को प्रोत्साहन पर जोर दिया जाएगा। मिशन किसानों को सीधे बाजारों से जोडऩे के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और स्थानीय मेलों का भी आयोजन भी कर रहा है, जिससे उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित हो रहा है। किसानों का वित्तीय बोझ को कम करने के लिए मिशन के अंतर्गत बीज, उर्वरक और उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता और अनुदान दिया जा रहा है। इससे कृषि लागत कम होंगी और आय में वृद्धि होगी।

देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन
पुण्य-श्लोका लोकमाता देवी अहिल्या बाई के 300वें जयंती वर्ष में उनकी प्रशासन-स्थली महेश्वर में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में देवी अहिल्या बाई नारी सशक्तिकरण मिशन का शुभारंभ किया गया। नारी सशक्तिकरण मिशन राज्य में मातृ-शक्ति की सामाजिक-आर्थिक स्थितियां सुधार कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मिशन का उद्देश्य महिलाओं को पुरुषों के ही समान अवसर उपलब्ध करा कर प्रदेश में जेंडर इक्वलिटी को बढ़ावा देना है। मिशन के अंतर्गत नारी शिक्षा और कौशल के विकास के लिए उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे रोजगार प्राप्त कर पाने के लिए नारी की सक्षमता और संभावनाएं बढ़ेंगी और उन्हें वित्तीय आत्मनिर्भरता प्राप्त होगी। मिशन महिला उद्यमिता को भी बढ़ावा देगा, उन्हें अपने व्यवसाय शुरू करने और उसके सुचारु संचालन के संसाधन, मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसमें महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण के लिए घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीडऩ जैसी लैंगिक समस्याओं से निपटने के कार्यक्रम भी शामिल होंगे। इससे प्रदेश में समावेशी समाज की स्थापना हो सकेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशासनिक कार्यवाही और प्रक्रिया को जन-हितैषी, पारदर्शी बनाने पर जोर देते हैं। उनकी प्रेरणा से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मप्र सरकार प्रशासन में डिजिटल नवाचारों के साथ सुशासन के नए युग में प्रवेश कर रही है। प्रदेश सरकार ने प्रशासन में दक्षता, पारदर्शिता और नागरिकों की सहभागिता को बढ़ाने के लिए कई नवाचार किए हैं, इनसे प्रशासनिक तंत्र को आधुनिक और लोकसेवा को बेहतर बनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्ष-2025 के शुभारंभ के साथ ही 1 जनवरी को ई-ऑफिस सिस्टम का भी शुभारंभ किया। इस डिजिटल नवाचार से प्रशासन को सुशासन के मार्ग पर चलाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है। ई-ऑफिस सिस्टम प्रशासनिक प्रबंधन को पेपरलेस बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही इस डिजिटल प्रणाली से प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सकेगा, दस्तावेज़ों के खोने के जोखिम खत्म होगा और लोकसेवा की प्रक्रिया तीव्र हो जाएगी। डिजिटल फाइलिंग से विभागों में पारदर्शिता बढ़ेगी साथ ही आवश्यकतानुसार फाइलों की समय पर उपलब्धि सुनिश्चित हो सकेगी। आम नागरिक भी अब सरकारी प्रक्रियाओं को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे और सार्वजनिक सेवाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, इससे सरकार पर जनता का विश्वास बढ़ेगा।मप्र सरकार की यह पहल दूसरे राज्यों के लिए मिसाल बनेगी। ई-ऑफिस सिस्टम के अलावा, मप्र सरकार ने कई अन्य महत्वपूर्ण नवाचार भी किए हैं, जिनमें संपदा 2.0 प्रणाली भी शामिल है। संपदा 2.0 प्रणाली संपत्ति लेनदेन के लिए ई-रजिस्ट्रेशन और ई-स्टाम्पिंग की सुविधा प्रदान करती है, इससे प्रक्रिया और भी तेज और सुविधाजनक हो जाती है। इस पहल से नागरिकों को सरकारी कार्यालयों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, साथ ही रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशन में मप्र सरकार ने राजस्व महाभियान चलाया, इसका उद्देश्य दो चरणों में 80 लाख से अधिक लंबित राजस्व प्रकरणों का निष्पादन करना है। इस अभियान के अंतर्गत नामांतरण, भूमि बंटवारा, अभिलेख सुधार और नक्शा संशोधन जैसे मुद्दों को हल किया गया। तीन चरणों में चले इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का समाधान निकालना था ताकि नागरिकों को उनके अधिकार और लाभ का शीघ्र प्राप्त हो सकें। प्रकरणों के बैकलॉग्स हटेंगे तो राजस्व विभाग की सेवा प्रदान करने की क्षमता में वृद्धि होगी।मप्र में आवासीय भूखंडों के अनुमोदन के लिए भी ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं। इसके अंतर्गत 105 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए ऑनलाइन डीम्ड अनुमोदन जबकि 300 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए त्वरित अनुमोदन प्रणाली लागू की गई है। प्रशासन की इस पहल से नागरिकों को अपने भूखंडों के लिए अनुमति प्राप्त करने में सुविधा होगी और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो जाएगी।

सुशासन की नई दिशा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया है। इस विधेयक का उद्देश्य आम जनता और उद्यमियों के लिए जीवन और व्यवसाय को आसान बनाना है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि न्याय की प्रक्रिया इतनी सरल हों कि आम नागरिक और व्यापारी बिना किसी परेशानी के अपने काम कर सकें। मुख्यमंत्री यादव ने इस विधेयक को एक नई सोच के साथ आगे बढ़ाया है। उनका मानना है कि इससे न केवल शासन में पारदर्शिता आएगी, बल्किमप्र में निवेश और रोजगार के अवसरों में भी तेजी से बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए राज्य में विकास और सुशासन के नए अध्याय की शुरुआत होगी। केंद्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023 से यह विधेयक प्रेरित है जिसने राष्ट्रीय स्तर पर 42 केंद्रीय अधिनियमों में 183 प्रावधानों को अपराध-मुक्त किया। इसने छोटे अपराधों को गैर-अपराधीकरण करते हुए, दंड प्रणाली को तर्कसंगत बनाया और नागरिकों व उद्यमियों के लिए नियामकीय बाधाओं को दूर किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस विधेयक को राज्य की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग रैंकिंग को और मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम बताया। उन्होंने कहा, यह विधेयकमप्र में शासन और विकास का नया अध्याय लिखेगा, जिससे निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
सरकार ने विधेयक में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। अब छोटे अपराधों के लिए जेल भेजने की अपेक्षा जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। पुराने और जटिल कानूनों को हटाकर, कानूनी ढांचे को समय के अनुसार अपडेट किया गया है। इससे आम जनता और उद्यमियों को यह विश्वास होगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है और उनके काम को आसान बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री यादव के नेतृत्व में राज्य में कई सुधार पहले ही लागू किए जा चुके हैं। सरकार ने 920 पुराने और अतार्किक हो चुके कानूनों को खत्म किया है, जिससे कानूनी प्रक्रिया सरल और तेज हुई है। स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनसे युवाओं और महिलाओं के स्टार्ट-अप में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री डॉ। यादव का मानना है कि यह विधेयक न केवल एक कानूनी बदलाव है, बल्कि जनता और सरकार के बीच भरोसे का एक मजबूत पुल है। जब कानून सरल होंगे और अनुपालन में कठिनाई नहीं होगी, तो निवेश भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह पहलमप्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है। सरकार का यह प्रयास राज्य में शासन और विकास का एक नया मॉडल पेश करेगा, जिससे हर वर्ग को लाभ होगा। विधेयक में राज्य के 5 विभागों (औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम, नगरीय विकास एवं आवास) के 8 अधिनियमों में 64 धाराओं में संशोधन किया गया है। इनमें कारावास को जुर्माने में बदलने, दंड को शास्ति में परिवर्तित करने और कंपाउंडिंग (शमन) प्रावधान जोडऩे जैसे सुधार शामिल हैं। अप्रचलित कानूनों का उन्मूलन: 920 अप्रचलित अधिनियम समाप्त किए गए। व्यावसायिक क्षेत्र में काम आसान एवं त्वरित गति से होंगे। महिला नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप में 157 प्रतिशत और कुल स्टार्ट-अप में 125 प्रतिशत वृद्धि। त्रढ्ढस् आधारित भूमि आवंटन प्रणाली और संपदा 2.0 जैसी पहलों से प्रक्रिया सुगम बनी। विधेयक में राज्य के 05 विभागों के 08 अधिनियमों में 64 उपबंधों में संशोधन है। जन विश्वास विधेयक लागू होने से छोटे अपराधों का गैर-अपराधीकरण होने से न्यायपालिका का भार कम होगा। अनुपातिक और प्रभावी दंड व्यवस्था लागू होगी। अनुपालन प्रक्रिया को सरल होने से व्यवसाय-अनुकूल वातावरण बनेगा जिससे उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलेगा। यह विधेयक न केवल कानूनी प्रक्रिया में सुधार है, बल्कि यह नागरिकों और उद्यमियों के लिए सरकार के विश्वास और सहयोग का प्रतीक है।मप्र जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक-2024, मुख्यमंत्री यादव की दूरदर्शिता और सुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल विकास और सुशासन के नये आयाम स्थापित करेगी।

औद्योगिक विकास के नए प्रतिमान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व मेंमप्र निवेश और औद्योगिक विस्तार के नए आयाम स्थापित कर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के माध्यम से राज्य अपनी औद्योगिक क्षमताओं, निवेश अनुकूल नीतियों और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप विकसित बुनियादी ढांचे को प्रस्तुत कर रहा है। आईटी एवं प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खनन, ऊर्जा, खाद्य प्र-संस्करण, फार्मा, कपड़ा, लॉजिस्टिक्स, कौशल विकास, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस और पेट्रो केमिकल जैसे प्रमुख क्षेत्रों मेंमप्र ने खुद को निवेशकों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया है। मप्र तेजी से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर बढ़ रहा है। 15 से अधिक आईटी पार्क और 50 से अधिक प्रमुख आईटी कंपनियों की उपस्थिति इसे टेक्नोलॉजी का उभरता हब बना रही है। इंदौर, भोपाल और जबलपुर में आईटी स्टार्ट-अप्स और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे डिजिटल इंडिया मिशन को नया विस्तार मिल रहा है। प्रदेश में 3 यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट्स, 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 11 स्थल यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हैं। महाकाल लोक जैसी परियोजनाएँ धार्मिक पर्यटन को नए स्तर पर पहुँचा रही हैं। टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट, वल्चर स्टेट और चीता स्टेट के रूप में प्रदेश की विशेष पहचान पर्यटन को वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयाँ दे रही है। देश के 90 प्रतिशत हीरा भंडार, तांबा, मैंगनीज, ग्रेफाइट और रॉक फॉस्फेट के विशाल भंडार के साथमप्र खनन क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। 700 से अधिक प्रमुख खनन परियोजनाएँ और 6 हजार से अधिक लघु खनिज खदानें प्रदेश की औद्योगिक प्रगति को गति प्रदान कर रही हैं।
रीवा मेगा सोलर प्लांट, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और नीमच पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएँ प्रदेश को ग्रीन एनर्जी हब बना रही हैं। सरकार की नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में 53 हजार से अधिक मेगावॉट की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है। मप्र ऑर्गेनिक कृषि में देश का अग्रणी राज्य है। 11.24 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती और 30 हजार से अधिक किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। डेयरी, अनाज प्र-संस्करण, फल-सब्जी और मसाला उद्योग में नई संभावनाएँ निर्मित हो रही हैं। फार्मा सेक्टर में 13 हजार 158 करोड़ रूपये के निर्यात के साथ प्रदेश हेल्थ केयर मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क और फार्मा हब के रूप में प्रदेश, निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है। मप्र, जैविक कपास उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क, टेक्सटाइल ओडी-ओपी और वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट जैसी योजनाएँ प्रदेश को वस्त्र निर्माण का प्रमुख केन्द्र बना रही हैं। बुटिक प्रिंट जैसे पारंपरिक शिल्प को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति इसे लॉजिस्टिक्स के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क से तेज और कुशल आपूर्ति श्रृंखला की सुविधा मिल रही है। नए एक्सप्रेस-वे और औद्योगिक कॉरिडोर लॉजिस्टिक्स सेक्टर को और मजबूती प्रदान कर रहे हैं। मप्र स्किल डेवलपमेंट में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। ग्लोबल स्किल पार्क, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और निजी क्षेत्र के सहयोग से रोजगारपरक प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 1500 से अधिक कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। पीथमपुर ऑटो क्लस्टर, एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड टेस्टिंग ट्रैक, 200 से अधिक ऑटो पाट्र्स निर्माता और 30 से अधिक ओरिजनल इक्युपमेंट्स मैन्यूफैक्चरर्स (ओईएम) के साथ प्रदेश ऑटोमोबाइल उद्योग में तेजी से विस्तार कर रहा है। ईवी मैन्युफैक्चरिंग और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीतियाँ लागू की जा रही हैं। प्रदेश में रक्षा उत्पादन और एयरोस्पेस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विशेष क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। डीआईसी इंदौर, एमआरओ हब और एयरोस्पेस पार्क के माध्यम से प्रदेश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को गति दे रहा है। विन्ध्य बेसिन में ओएनजीसी द्वारा गैस उत्पादन से प्रदेश भारत के 9वें उत्पादक बेसिन के रूप में उभरेगा। बीना में 49 हजार करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हो रहा डाउनस्ट्रीम पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स इस क्षेत्र में निवेश के नए द्वार खोल रहा है।

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