
- सीएम यादव की घोषणा से चमकी किसानों की दीवाली
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। धनतेरस के पावन अवसर पर मध्य प्रदेश के किसानों को ऐसी सौगात मिली, जिसने उनकी दीवाली पहले ही रोशन कर दी। अब सोलर पंप के लिए 40 प्रतिशत की बजाय महज 10 प्रतिशतदाम ही चुकाना होगा, बाकी 90 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
3 हॉर्स पावर वाले छोटे किसान भी योजना का लाभ उठा सकेंगे। इतना ही नहीं, भविष्य में फसलें सडक़ों पर न फेंकनी पड़ें, इसके लिए सरकार उन्हें खरीदेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को सीएम हाउस में आयोजित किसान सम्मेलन में ये ऐलान किए। कार्यक्रम में जिलों से पहुंचे हजारों किसानों के बीच सीएम डॉ. यादव ने कहा कि सारे पुण्य एक तरफ, अन्नदाता की सेवा एक तरफ। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। सीएम ने बताया कि आपदा राहत की पुरानी प्रक्रिया बदल दी गई है। अब सोयाबीन की फसल कटते ही नुकसान का मुआवजा खाते में पहुंच रहा है। प्रदेश में सोयाबीन अभी-अभी कटी है, लेकिन किसानों के अकाउंट में पैसा आ चुका। गेहूं का समर्थन मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल किया गया, जो देश में सबसे ज्यादा है। इसे और बढ़ाने का वादा भी किया।
कांग्रेस ने किसान के बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया
सीएम ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेसी कान खोलकर सुनें। 1956 में मध्य प्रदेश बना, लेकिन 2003 तक एक भी किसान बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। ये पाप है उनका। भाजपा ने ही किसान परिवार के बेटे को मुखिया बनाया। उन्होंने नर्मदा जल का अपव्यय करने का भी आरोप लगाया। नर्मदा घाटी परियोजना 1977 में बनी, लेकिन कांग्रेस ने 1956-2003 तक पानी का उपयोग नहीं होने दिया। मजाक उड़ाते थे कि नर्मदा नदी नीचे है, ऊपर कैसे पानी ले जाएंगे। आज इतिहास रचा गया है। 1956 में गेहूं 100 रुपये क्विंटल था, 2003 तक 500 ही पहुंचा। भाजपा ने 20 वर्षों में 2000 रुपये बढ़ाए, जबकि कांग्रेस के 55 वर्षों में सिर्फ 400 रुपए बढ़े। कांग्रेस राज में डीजल-बिजली के लिए लाइनें लगतीं थीं, आज ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली सरप्लस है।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर सरकार फसल खरीदेगी
सीएम डॉ. मोहन ने कहा कि किसानों को 6 हजार रुपये किसान सम्मान निधि मिलती है, 6 हजार रुपये प्रधानमंत्री की तरफ से आता है। 5 हॉर्स पावर के कनेक्शन पर किसान को साढ़े सात हजार बिल आता है। इस पर सरकार 51 हजार रुपये की सब्सिडी भरती है। अब हम सोलर पंप की योजना लेकर आए हैं। अभी तक सोलर पंप खरीदने पर उसकी कीमत का 40 फीसदी किसान और 60 फीसदी दाम सरकार देती थी। मैं इस बात की मंच से ही घोषणा करता हूं कि अब किसानों को सोलर पंप खरीदने के लिए महज 10 फीसदी कीमत देनी होगी, बाकी 90 फीसदी कीमत सरकार देगी। जिन किसानों के कनेक्शन 3 हॉर्स पावर के हैं उन्हें भी 5 हॉर्स पावर के सोलर पंप दस फीसदी कीमत पर ही मिल जाएगा। किसान अपने घर में बिजली जलाएगा। ये हमारी किसानों के प्रति वचनबद्धता है।
100 लाख करेंगे सिंचाई का रकबा
प्रदेश के मुखिया ने कहा कि नदी जोड़ो योजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध करा रहे हैं। किसानों की फसल को पानी मिल जाए, फसल सोने की हो जाती है। राज्य सरकार ने सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य रखा है। संतरा-मसाला-लहसुन-धनिया-दलहम-तिलहन में मध्यप्रदेश नंबर-1 पर है। मटर-प्याज-मिर्च, अमरूद उत्पादन में दूसरे नंबर पर है। औषधी-सुगंधित पौधों में तीसरे नंबर पर है। हमारे प्रदेश में कुछ फसलें ज्यादा हो जाती हैं, तो किसानों को उन्हें फेंकना पड़ता है। लेकिन, किसानों को अब फसल फेंकनी नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार की जगहों पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर उनकी फसल खरीद लेगी। किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। हमने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश का नक्शा लेकर बैठें और कहां-कौन सी फसल होती है उस पर रिसर्च करें। हमारे पैर भी अन्न का दाना लगता है तो हम अपमान समझते हैं। उसमें देवताओं का वास होता है। इस स्थिति में जब फसल फेंकनी पड़े तो यह बहुत गंभीर बात है। इसलिए हम अन्न का अपमान नहीं होने देंगे।
