मप्र के हर नगरीय निकाय में बनेंगे गीता भवन

  • तुलसी जयंती पर सीएम मोहन यादव ने दोहराया संकल्प

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। मानस भवन में तुलसी जयंती पर आयोजित पद्मभूषण युगतुलसी पण्डित रामकिंकर उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बार फिर दोहराया कि मप्र के हर नगरीय निकाय में गीता भवन बनेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि गोस्वामी तुलसीदास जी का 528वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस देश का पुरातन महाकाव्य है। आज हम सब जिन समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्पराओं में पोषित और पल्लवित हो रहे हैं, उसकी नीव सदियों पहले गोस्वामी तुलसीदास जी ने रख दी थी। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने श्री रामचरित मानस के जरिए देश को एक ऐसी काव्यधारा प्रदान की है, जो जन-जन को धर्म, नीति, जीवन मूल्य और मर्यादा का मार्ग दिखाती है।
    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तुलसीदास की अमर कृति श्री रामचरित मानस को भारतीय साहित्य और संस्कृति की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि हमारी संस्कृति को समृद्ध बनाने में उनका योगदान अमिट और चिरस्मरणीय रहेगा। वे भारतीयों के हृदय में सदैव जीवित रहेंगे। उनकी वाणी आज भी हमारे जीवन को दिशा देती है। मुख्यमंत्री ने सभी से तुलसी साहित्य को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने विरासत से विकास की संस्कृति को अपनाया है।
    राजधानी में मोहन बनाएंगे भगवान राम का संग्रहालय
    मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव राजधानी में भगवान राम का विश्व स्तरीय संग्रहालय बनाएंगे। इसके लिये सरकार द्वारा 5 करोड़ रुपए दिये जाएंगे। उन्होंने यह घोषणा मानस भवन में तुलसी जयंती पर आयोजित पद्मभूषण युगतुलसी पण्डित रामकिंकर उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के दौरान की। संस्कृति विभाग के जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा इस वर्ष यह पुरस्कार राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरिजी महाराज को दिया गया है। इसके पहले तुलसी मानस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने संस्थान द्वारा बनाई गई योजना और उसके लिये हुए प्रयासों का हवाला देते हुए हुए इस काम में सरकार से सहयोग की उपेक्षा मताई गई थी। उनका कहना था कि भोपाल में ऐसा एक अद्भुत श्री राम के नाम पर संग्रहालय होना चाहिए, जिसको लेकर दुनिया कहे कि यदि श्री राम के जीवन चरित्र के ऊपर कोई संग्रहालय है तो भोपाल में है और वहां जाकर उसे जरूरत देखना चाहिए। इसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि निश्चित रूप से हमारा यह संग्रहालय बनेगा। यह भवन आपका, हमारा नहीं बल्कि, यह हमारी भावनाओं का भवन है। वह संग्रहालय के लिये आकार लेगा। यह आनंद हमारे यहां बरसेगा। मंदाकिनी श्रीरामकिंकर, प्रमुख सचिव, संस्कृति शिव शेखर शुक्ल, संचालक संस्कृति एनपी नामदेव ने भी अपनी बात रखी। अलंकरण समारोह से पूर्व श्री चंद्रमाधव बारिक द्वारा निर्देशितें श्रीहनुमान लीला नाट्य ने लोगों का मन मोह लिया।
    राम समाज को शिक्षा देने आए थे
    राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाला दूसरा पद्मभ वाला दूसरा पद्मभूषण युगतुलसी पण्डित श्री रामकिंकर उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरिजी महाराज ने यहां कहा कि भगान राम राक्षसों का वध करने नहीं बल्कि समाज को शिक्षा देने आए थे। उनसे धर्म के साथ पिता-मातृ भक्ति और समाज व प्रजा के प्रति व्यवहार अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शाल श्रीफल के साथ स्मृतिचिंह द्वारा गरिमामयी समारोह में राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाला दूसरा पद्मभूषण युगतुलसी पण्डित श्री रामकिंकर उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि को प्रदान किया। वहीं पुरस्कार राशि 2 लाख रूपये की राशि डिजिटल रूप से दी गई।

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