53 हजार गांवों का गजेटियर हो रहा तैयार

 गजेटियर

जनभागीदारी से गांवों के विकास का खाका तैयार
– 14 अप्रैल के बाद हर गांव में गौरव दिवस पर कार्यक्रम होंगे
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
मप्र के गांवों और शहरों के विकास से लोगों को प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने उनके स्थापना दिवस को  गौरव दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश के 53 हजार गांवों का गजेटियर तैयार किया जा रहा है। अपने खूबसूरत इतिहास व  परंपराओं के कारण प्रत्येक गांव की एक विशिष्ठ पहचान होती है। अपनी संस्कृति, धरोहर, और विशिष्टताओं के प्रति गौरव की भावना को जागृत करने के उद्देश्य से सरकार ने प्रत्येक गांव में ग्राम गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है। खास बात ये है कि पहली बार किसी गांव का गजेटियर भी तैयार होगा। सरकार ने पुराने अभिलेखों, तहसील के रिकार्ड, गजेटियर या बीसीएनवी के माध्यम से ग्राम पंचायत का गजेटियर विकसित करने के निर्देश दिए हैं। विभाग के माध्यम से सभी गांवों और ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाएं आयोजित की जा चुकी हैं। 14 अप्रैल के बाद हर गांव का गौरव के दिवस कार्यक्रम शुरू होगा। यह कार्यक्रम सालभर चलेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में एमपी सीडीआर-2022 के विमोचन अवसर पर आयोजन को लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया। मुख्यमंत्री की मंशानुसार गांवों का गौरव दिवस मनाया जाएगा। दरअसल, मुख्यमंत्री की मंशा है कि हर गांव की अपनी पहचान हो और गौरव दिवस के माध्यम से जनता विकास में सहभागी बने। इसके लिए पंचायतों में ग्राम सभाएं आयोजित कर सरपंच, सचिव, पंच और अन्य समाजसेवी, गांव के बुजुर्ग व जनप्रतिनिधियों की आपसी सहमति से गांव का गौरव दिवस मनाने एक दिन तय किया गया है। 14 अप्रैल तक गजेटियर बनाकर शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। ये पहली बार होगा कि किसी गांव का अपना गजेटियर होगा, जबकि अब तक जिले का ही अपना गजेटियर रहता है जिसमें जिले की एक एक छोटी से छोटी जानकारी होती है। लेकिन अब प्रदेशभर के गांवों का गजेटियर तैयार करने के निर्देश मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय ने दिए हैं।
पोर्टल पर दर्ज होगा हर गांव का गौरव दिवस
पंचायत विभाग ने पंचायत दर्पण पोर्टल तैयार किया है। इसमें 14 अप्रैल के बाद हर गांव का गौरव  दिवस तिथि दर्ज कर दी जाएगी। जिससे देश-विदेश में बैठे गांव के लोग अपनी सुविधा अनुसार आयोजन में शामिल हो सकेंगे। संचालक, पंचायत राज संचालनालय आलोक कुमार सिंह का कहना है कि हर गांव का अपना गौरव दिवस मानने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। सभी गांव और ग्राम पंचायतों की ग्राम सभाएं आयोजित की जा चुकी हैं। गौरव दिवस कार्यक्रम से समाज की भागीदारी बढ़ेगी तथा विकास में गति मिलेगी। गौरव दिवस आयोजन पूरे साल होंगे। इसके लिए एक पोर्टल बनाया गया है जिसमें सभी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
सर्वसम्मति से तय हो रहा गौरव दिवस का दिन
प्रत्येक पंचायत स्तर पर होने वाली ग्राम सभाएं तय कर रही हैं कि किस दिन उनके गांव का गौरव दिवस मनाया जाएगा। ग्राम सभा सर्वसम्मति से गांव का कोई एतिहासिक दिन, गांव के किसी महापुरुष, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अथवा ख्याति प्राप्त किसी महिला पुरुष के जन्मदिन की तारीख को भी चुन रही है। इसके अलावा किसी गांव में परंपरानुसार कोई खास दिवस मनाया जाता हो तो वह दिन भी ग्राम गौरव दिवस के रूप में मनाया जा सकता है। चरणबद्ध तरह से ग्राम सभाएं हो रही है। जहां 14 अप्रैल तक गौरव दिवस तय करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम सभाओं में गांव से बाहर रहने वाले सफल, अनुकरणीय व्यक्ति को भी बुलाया जाएगा। सभा के शुरू होने से पहल गांव के बुजुर्गों का सम्मान किया जाएगा। आगामी वर्षों में गांव के विकास का प्लान तैयार करना होगा। भविष्य के लक्ष्य तय किए जाएंगे। सभी कार्यों का दस्तावेजीकरण तैयार कर पंचायत के दर्पण पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
गांव के लोग ही करेंगे गांव का विकास
गौरव दिवस के पीछे  सरकार का मकसद है कि गांव के लोग ही गांव का विकास करें। जैसे कि कोई व्यक्ति स्वच्छता अभियान चलाने के जिम्मेदारी लेगा तो कोई गरीब बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लेगा। गांव के ही लोग आंगनबाड़ी, स्कूल और योजनाओं के संचालन में भागीदारी निभाएंगे। इससे सरकार का बजट बचेगा तथा विकास में गति आएगी। हर गांव का गौरव दिवस कार्यक्रम जोरदार होगा। इसमें उन लोगों को प्रमुख तौर पर आमंत्रित किया जाएगा जो बड़े शहरों अथवा विदेश में रह रहे हैं। इसके पीछे मंशा है कि गांव का महत्व पूरे प्रदेश में जाना जा सके। प्लान के अनुसार गांव के प्रमुख लोगों से आर्थिक मदद भी ली जाएगी। इस राशि को गांव के विकास में खर्च की जाएगी।

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