- तीन दर्जन सीटों पर इस बार भाजपा का पूरा ध्यान
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। पहली सूची जारी कर भाजपा ने भले ही चुनावी रणनीति में बाजी मार ली है, लेकिन प्रदेश में 33 सीटें ऐसी भी जहां कांग्रेस पिछले कई चुनावों से जीतती आ रही है। इस बार भाजपा ने इन सीटों को जीतने के लिए अलग से चुनावी स्ट्रेटजी बनाई है। दरअसल, भाजपा इन कमजोर सीटों को हर हाल में जीतना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने फुल प्रूफ प्लान बनाया है।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने के लिए पूरी तरह आश्वस्त है। लेकिन इसके बाद भी पार्टी टिकट वितरण में काफी सतर्कता बरत रही है। इसी रणनीति के तहत उन सीटों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है जहां पार्टी की हालत खस्ता बता रही है। पार्टी हर सीट पर जांच परख और सर्वे के आधार पर टिकट तय करने की रणनीति पर काम कर रही है। ऐसे में जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में कुछ सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। पार्टी की रणनीति के अनुसार जिन सीटों पर अधिक फोकस किया जा रहा है कि लहार, पिछोर, राघौगढ़, राजनगर, चुरहट, सोनकच्छ, चित्रकूट, राऊ, सिहावल, झाबुआ, डिंडोरी, लांजी, भीकनगांव, पुष्पराजगढ़, छिंदवाड़ा, कसरावद, भोपाल उत्तर, गंधवानी, कुक्षी आदि। प्रदेश प्रवक्ता भाजपा रजनीश अग्रवाल का कहना है कि वैसे तो हर चुनाव में भाजपा के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण होती है। पार्टी ने प्रदेश में 100 ऐसी सीटें चिन्हित की हैं, जिन पर हम पिछला चुनाव हारे थे। इनमें कुछ ज्यादा कमजोर और कुछ कमजोर सीटें हैं। पार्टी पहले से ही इन सीटों पर चुनाव के मद्देनजर एक्सरसाइज कर रही है।
दोनों पार्टियों का हारी सीटों पर फोकस
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। दोनों पार्टियों का फोकस हारी हुई सीटों पर सबसे अधिक है। चुनाव में कांग्रेस उन 66 सीटों पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है, जिन पर वह लगातार चुनाव हार रही है। इन सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस शुरुआत से गंभीर है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन सीटों का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंप चुके हैं। मई के अंत में दिल्ली में हुई कांग्रेस की बैठक में तय किया गया था कि जून के आखिर तक इन 66 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे, लेकिन अब तक कांग्रेस एक भी सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को इन 66 कमजोर सीटों में से कई पर ढंग के प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। कांग्रेस के साथ ही भाजपा भी कई सीटें भाजपा के लिए कमजोर कड़ी बनी हुई हैं। इन सीटों पर या तो भाजपा लगातार चुनाव हार रही है या फिर पिछले चार चुनाव में एक दफा जीत दर्ज कर सकी है। ऐसी सीटों की संख्या 33 हैं। इन सीटों पर प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव प्रचार की रणनीति को लेकर पार्टी गंभीरता से काम कर रही है। पार्टी इन सीटों का बारीकी से एनालिसिस कर इस बात की जानकारी जुटा रही है कि यहां लगातार हार की प्रमुख वजह क्या है, प्रमुख स्थानीय मुद्दे क्या हैं, पार्टी के कौन से बड़े नेता यहां प्रचार में प्रभाव डाल सकेंगे? इसी के आधार पर पार्टी इन सीटों पर चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार करेगी। पार्टी का मानना है कि यदि वह कांग्रेस का गढ़ बनी इन सीटों को भेद पाने में सफल होती है, तो उसके लिए सत्ता की राह आसान हो जाएगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि इनमें से कुछ सीटों पर दबाव में प्रत्याशी घोषित किए जता चुके हैं।
दुनिया में बढ़ा भारत का सम्मान
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बीते रोज पवई में पत्रकारों से चर्चा में कहा, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और मैं उनके जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। पीएम मोदी इस देश के सर्वमान्य नेता हैं। साथ ही आज उनके कारण इस देश का सम्मान विश्व स्तर पर बढ़ा है। उनके कुशल नेतृत्व के कारण ही देश को आज नई पहचान मिली है। शर्मा रविवार को पन्ना के पवई में विंध्य क्षेत्र की जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल हुए। शर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड में जो भी विकास नजर आता है, वो केवल भाजपा की सरकार ने किया है। कांग्रेस के जमाने में यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ था। यहां रोजगार के संसाधन नहीं थे, सिंचाई की व्यवस्था नहीं थी । बुंदेलखंड आतंक का पर्याय था और लोग यहां आने में डरते थे, लेकिन आज उसी बुंदेलखंड में चारों तरफ विकास ही विकास दिखाई देता है। आज बुंदेलखंड पर्यटन के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। शर्मा ने कहा कि पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना और अब लाड़ली बहना योजना ने पूरे देश में तहलका मचा रखा है। अब सभी राज्यों की बहनें लाड़ली बहना योजना की मांग कर रही हैं। पूरे देश में बहनों के खातों में हर महीने रुपए डाले जाने और इस राशि को बढ़ाकर तीन हजार तक ले जाने की चर्चा है। उन्होंने कहा कि जब मप्र की बहनों के खाते में 3 हजार रुपए आने लगेंगे, तो 7 समझो कि हर राज्य के मुख्यमंत्री को यह योजना लागू करनी ही पड़ेगी। उन्होंने कहा कि 2003 में सत्ता में आई भाजपा की सरकार ने मप्र को कई मामलों में देश का नं.-1 राज्य बना दिया है। 3.62 करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरित कर 7 मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में मध्य प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। मप्र की जनता एक बार फिर आशीर्वाद देकर देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाएगी।