
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ की तैयारियां जोरों पर है। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए सडक़ों, पुलों और आरओबी का जाल बिछाया जा रहा है। दरअसल, सरकार सिंहस्थ 2028 को नया लुक देना चाहती है। इसके लिए कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं, लेकिन विडंबना यह है कि इसके लिए फिजूलखर्ची की जा रही है। जानकारी के अनुसार एक फोरलेन आरओबी के निर्माण में तो तीन गुना राशि खर्च की जा रही है।
इस प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ की सफलता को देखते हुए सरकार की कोशिश है इस उज्जैन में सिंहस्थ हो भी भव्य बनाया जाए। इसके लिए सरकार का पूरा फोकस निर्माण कार्यों पर है। सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन शहर को नया लुक, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने, घाटों का निर्माण और अधोसंरचना सहित शिप्रा नदी में पानी पहुंचाने आदि जैसे विकास से जुड़े करीब 500 से अधिक निर्माण कार्य 17 विभागों द्वारा कराए जा रहे हैं। इनमें साधु-संतों के लिए स्थाई आवास निर्माण के लिए भी करीब 600 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहण की जा रही है। वैसे यूपी सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ के निर्माण कार्यों, सुरक्षा और विभिन्न व्यवस्थाओं पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे और मप्र सरकार सिंहस्थ पर करीब 50 हजार करोड़ खर्च करने की तैयारी में है।
जानकारी के अनुसार उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ की तैयारियों की जुटी सरकार औने-पौने दामों पर निजी जमीन अधिग्रहण करने में लगी हुई है। खासकर हरिफाटक लालपुरा व्हाया शंकराचार्य चौराहा पर फोरलेन आरओबी बनाया जाना है। इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट 131 करोड़ रुपए है और 0.45 हेक्टेयर निजी जमीन अधिग्रहण करने पर सरकार 225 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। यानि तीन गुना राशि खर्च करने पर एक फोरलेन आरओबी निर्मित होगा। यह अकेला एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि कई सडक़ों के निर्माण में निजी भूमि अधिग्रहित करने की तैयारी है। इस मामले में पीडब्ल्यूडी के एसीएस नीरज मंडलोई ने कहा कि यह काम एलएनटी को दिया गया है। डीपीआर अभी बनी नहीं है और आंकड़ें भी अभी तक फाइनल नहीं हुए हैं, इसलिए यह बताना संभव नहीं है कि हरि फाटक आरओबी पर कितना खर्चा आएगा। वहीं वाकडक़र ब्रिज से दाउदखेड़ी फोरलेन के लिए 2.55 हेक्टेयर, तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग फोरलेन के लिए 5.62 हेक्टेयर, रंजीत हनुमान से सिंहस्थ बायपास फोरलेन के लिए 2.55 हेक्टेयर, अंगारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचमार्ग टूलेन के लिए 0.98 हेक्टयर जमीन अधिग्रहण करना है।
32 हजार करोड़ में सडक़, फोरलेन निर्माण
सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में जुटी मप्र सरकार कुंभ को नया लुक देने के नाम पर करीब 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की जुगाड़ में है। इनमें से 32 हजार करोड़ रुपए तो सडक़ों के निर्माण, बायपास सडक़ का निर्माण, नए फोरलेन और आरओबी सहित सडक़ों के उन्नयन पर खर्च किए जा रहे हैं। इन्हीं में हरिफाटक लालपुरा मुल्लापुरा व्हाया शंकराचार्य से चंदूखेड़ी फोरलेन निर्माण, 2 अतिरिक्त और आरओबी सहित शिप्रा नदी पर 12.4 किमी लेन निर्मित करने की लागत 131 करोड़ रुपए है, जबकि 0.45 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने पर सरकार 225 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। वैसे पूर्व से ही इस मार्ग पर टू-लेन आरओबी बना हुआ है और टू-लेन का अतिरिक्त आरओबी बगल से बनाया जाएगा। इस तरह एक आरओबी प्रोजेक्ट पर ही सरकार तीन गुना राशि फूंकने जा रही है। इसी तरह करोहन से नईखेड़ी पंचक्रोशी मार्ग की लंबाई 31.75 किमी है।