चार और आरक्षक भी चल रहे थे सौरभ की राह पर

सौरभ
  • लोकायुक्त पुलिस से की जा चुकी है शिकायत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
आयकर और लोकायुक्त के बाद ईडी के छापे के बाद सौरभ की काली कमाई का खुलासा हुआ तो चार और ऐसे आरक्षकों का पता चला है, जो अफसरों से सांठगांठ कर जमकर काली कमाई कर रहे थे। सौरभ पर छापा पड़ने के बाद से ही चारों आरक्षक भूमिगत हो गए हैं। वे न तो दफ्तर जा रहे हैं और न ही मिल रहैं। यह सौरभ के वे आरक्षक साथी है जो अब पूरी तरह गायब हैं। हद तो यह है कि लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले सह आरक्षक अब फेसबुक तक का अकाउंट बंद कर चुके हैं। इसी तरह की एक शिकायत अवकाश के दिन रविवार को लोकायुक्त के साथ ही मुख्यमंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों से ग्वालियर के एक अधिवक्ता ने भेजी है, जिसमें  मांग की गई है कि सौरभ के इन साथियों के खिलाफ भी केस दर्ज कर जांच की जाए तो और बड़े खुलासे हो सकते हैं। जिन लोगों की शिकायत की गई है, वे सभी आरक्षक सौरभ शर्मा के बेहद करीबी बताए जाते हैं। इनमें नरेंद्र सिंह भदौरिया, गौरव पाराशर, हेमंत जाटव एवं धनंजय चौबे का नाम शामिल है। शिकायतकर्ता अधिवक्ता संकेत साहू ने शिकायत में कहा कि सौरभ शर्मा के अलावा मध्य प्रदेश राज्य के परिवहन विभाग में इसको संरक्षण देने वाले एवं इसके अपराध में साथ देने वाले अन्य आरक्षक भी हैं, जो अभी वर्तमान में भी परिवहन विभाग में कार्यरत हैं। इन्होंने भी सौरभ के साथ मिलकर करोड़ों रुपए की संपत्ति कमाई है। इन आरक्षकों को जैसे ही उसके यहां छापे की खबर मिली, तभी से चारों आरक्षक अंडरग्राउंड हो गए हैं और अवैध रूप से कमाई हुई संपत्ति को इधर-उधर करने का प्रयास कर रहे हैं। सौरभ शर्मा इन आरक्षकों को अलग-अलग चेक पोस्टों पर तैनात कराकर उन्हीं के माध्यम से पूरी कमाई करता था।
किन आरक्षकों के खिलाफ क्या शिकायत
इन आरक्षकों में भिंड निवासी नरेन्द्र सिंह भदौरिया का नाम भी शामिल है , जो खुद को परिवहन विभाग में अपने आप को पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का काफी नजदीकी बताता है। यह इंदौर में अपने परिवार के लिए एक कोठी का निर्माण करा रहा है। उसके द्वारा श्योपुर, भिंड, ग्वालियर में जमीन खरीदी गई है। इसी तरह से शिवपुरी जिले के पिछोर निवासी गौरव पाराशर का नाम भी इसमें शामिल है। वह कांग्रेस के पूर्व विधायक केपी सिंह (कक्काजू) का काफी नजदीकी बताता है। गौरव ने इंदौर, पिछोर एवं श्योपुर और झांसी में जमीनें खरीदी हुई हैं। इसमें से अधिकतर संपत्ति पत्नी के नाम पर खरीदी गई है। तीसरा नाम हेमंत जाटव का है। वह भी शिवपुरी का रहने वाला है। उसने कुछ समय पहले 20 एकड़ जमीन रन्नौद में खरीदी है। इसके अलावा ग्वालियर, शिवपुरी एवं श्योपुर में भी इसने संपत्ति बनाई है। शिकायत में चौथा नाम धनंजय चौबे का है। जिसमें कहा गया है कि वह पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का सबसे खास साथी रहा है। आज भी यह सौरभ शर्मा के संपर्क में है। इसने छिंदवाड़ा, इंदौर एवं भोपाल में काफी जमीनें खरीदी हैं।

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