
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना महामारी के दौरान आपदा को अवसर मानकर दवाओं से कमाई करने वाली चार कंपनियों को अब ब्लैकलिस्ट में डालकर उनकी धरोहर राशि जप्त कर ली गई है। दरअसल इन कंपनियों ने दवा सप्लाई का काम तो हेल्थ कॉर्पोरेशन से टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ले लिया था , लेकिन न तो उनकी सप्लाई की और न ही उन्हें भेजे गए मेल का कोई उत्तर ही दिया। यह मनमानी दवा कंपनियों की ओर से तब की गई जबकि उनके द्वारा दवा सप्लाई के लिए अनुबंध तक कर लिया गया था। हद तो यह हो गई कि दवा सप्लाई के लिए उन्हें कई बार पत्र भी लिखे गए इसके बाद भी दवा सप्लाई करना तो दूर उनके द्वारा उनका जवाब देना तक मुनासिब नहीं समझा गया। इसकी वजह से अब हेल्थ कॉर्पोरेशन द्वारा बीते एक पखवाड़े के दौरान चार फर्मों की धरोहर-राशि जब्त कर संबंधित दवा के लिए होने वाली टेंडर प्रक्रिया में अगले दो साल के लिए शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सिपको नहीं की पैरासिटामोल की सप्लाई
इंदौर की सिपको फार्मास्युटिकल ने पैरासिटामोल 500 एमजी की सप्लाई के लिए रेट अनुबंध आधर पर सप्लाई का आदेश लिया था , लेकिन जुलाई व अगस्त में हेल्थ कॉर्पोरेशन द्वारा उसे दस बार ईमेल किया गया , लेकिन फिर भी पैरासिटामोल टेबलेट की सप्लाई नहीं की गई। अब उसकी हेल्थ कॉर्पोरेशन ने धरोहर राशि जब्त कर दो सालों के लिए उसे निविदाओं में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसी तरह भारत सीरम एंड वैक्सीन लिमिटेड ने/एनोक्सापेरिन 40 एमजी इंजेक्शन सप्लाई करने से 13 मई को ईमेल भेजकर इस दवा के रॉ मेटेरियल के रेट बढ़ने से दवा सप्लाई करने में असमर्थता जताई थी, जिस पर कॉर्पोरेशन ने उसकी दो लाख की राशि जप्त कर उसकी दवाओं पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
इन पर भी की गई कार्रवाई
कारपोरेशन द्वारा सेंट लाइफ फार्मास्युटिकल लिमिटेड को कैल्शियम 500 एमजी एंड कॉलेकैल्सिफेरॉल आईपी 250 आईयू टैबलेट की सप्लाई के लिए टेंडर के माध्यम से आदेश दिया गया था , लेकिन उसके द्वारा भी दवा की सप्लाई नहीं की गई। इस पर ईएमडी राशि को जप्त कर कंपनी को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसी तरह से रुसन फार्मा मुंबई को कोरोना मरीजों के इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन एनोक्सापारिन 40 एमजी की सप्लाई के लिए ऑर्डर दिए गए थे। इसके बाद भी संकट काल में कंपनी द्वारा सप्लाई नहीं की गई , जिसकी वजह से उसे भी दो साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली गई।
अमानक निकली दवाएं
नेस्टोर फार्मास्युटिकल लिमिटेड द्वारा एमलोडीपाइन टेबलेट आईपी 5 एमजी की सप्लाई की गई थी। इसकी टेस्टिंग फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन की लैब में कराई गई, जिसमें दवाएं अमानक स्तर की पाई गई। इस बैच की दवा को दो साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करते हुए बैच में शामिल दवा की अनुमानित राशि 1,61,427 रुपए हेल्य कॉपोर्रेशन में डीडी के माध्यम से जमा करने का आदेश दिया है।