- मप्र में हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार!
- गौरव चौहान

मप्र में भाजपा सत्ता और संगठन में नई जमावट करने की तैयारी कर रही है। वर्तमान में सरकार का फोकस निगम-मंडल-बोर्ड और प्राधिकरणों में नेताओं को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाना। इसी बीच सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल विस्तार की योजना भी बना रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के अचानक दिल्ली जाने से प्रदेश के सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। खासकर उन नेताओं के दिलों की धडकऩे बढ़ गई हैं, जो मंत्री या मंत्री दर्जा पाने के लिए पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कई ऐसे नेता हैं, जो पार्टी में वरिष्ठ होते हुए भी किसी न किसी कारण से इस बार अहम पद नहीं पा पाए हैं, तो कुछ को अपने राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार है।
मप्र भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद से ही पार्टी के नेता राजनीतिक पुनर्वास के लिए सक्रिय हो गए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री भी लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में निगम-मंडल-बोर्ड और प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्ति के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाने जाने लगे हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश में निगम-मंडलों में नियुक्ति के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। मंत्री बनने के लिए पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य पूर्व मंत्री सत्ता और संगठन में अपने संपर्कों के माध्यम से प्रयासरत भी हैं। संभावना जताई जा रही है कि रिक्त स्थानों की पूर्ति हो सकती है। कुछ मंत्रियों को खराब प्रदर्शन के आधार पर विश्राम भी दिया जा सकता है। उधर, राजनीतिक नियुक्तियां भी अब की जाएंगी। इसको लेकर संगठन स्तर पर कई बार चर्चा भी हो चुकी है। इसमें कुछ पूर्व विधायकों को समायोजित भी किया जाएगा। अभी इनके पास कोई काम नहीं है।
मंत्रिमंडल में 4 पद खाली
प्रदेश में मोहन यादव सरकार को डेढ़ वर्ष से अधिक का समय होने जा रहा है, लेकिन राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। उधर, मंत्रिमंडल विस्तार का भी नेताओं को इंतजार है। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, हरिशंकर खटीक, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह को अपना नंबर आने की संभावना दिख रही है। इसमें क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। उनके अलावा कांग्रेस से भाजपा में आए छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह भी प्रतीक्षारत हैं। रामनिवास रावत के मंत्रिमंडल से त्याग पत्र देने के बाद मोहन कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की कैबिनेट कैबिनेट में अभी दो उप मुख्यमंत्रियों को मिलाकर कुल 30 मंत्री हैं। इनमें से 20 कैबिनेट, 6 स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री और 4 राज्यमंत्री हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें सियासी वीथिकाओं में पिछले छह महीने से अधिक समय से लग रही हैं। पूर्व में कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत के विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद दिए गए इस्तीफे के बाद से इन अटकलों ने जोर पकड़ लिया था। रामनिवास रावत वन मंत्री थे। उनके इस्तीफे के बाद से यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री दो से तीन विधायकों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा चर्चा निगम, मंडलों में नियुक्ति की है।
पूर्व मंत्री लगाए हैं मंत्री बनने की आस
जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार में मंत्री बनने के लिए कई विधायक सक्रिय हैं। इनमें पांच पूर्व मंत्रियों का नाम सबसे ऊपर है। इनमें विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव लगातार नौवी बार चुनाव जीते हैं। 2003 से वे भाजपा की हर सरकार में मंत्री रहे। कांग्रेस की 15 महीने की सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष रहे। 1985 से लगातार विधायक हैं। वहीं शिवराज मंत्रिमंडल में दो बार महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे भूपेन्द्र सिंह को भी मंत्री पद का अब तक इंतजार है। पांच बार के विधायक और एक बार सांसद रहे भूपेन्द्र सिंह पिछले दिनों अपने कुछ बयानों से चर्चा में भी रहे। जबलपुर जिले से पांच बार विधायक रहे अजय विश्नोई दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। विश्नोई कई बार समसामायिक राजनीतिक मुद्दों पर अपने ट्वीट से चर्चा में रहते हैं। पहले पन्ना जिले के पवई और अब पन्ना से विधायक बृजेन्द्र सिंह चौथी विधानसभा में पहुंचे हैं। बृजेंद्र प्रताप सिंह दो बार मंत्री रह चुके हैं। वे पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के करीबी हैं। भाजपा संगठन में कई पदों पर रही चौथी बार की विधायक अर्चना चिटनिस भी पूर्व में कई बार मंत्री रह चुकी है। उन्हें भी दावेदार माना जा रहा है।
40 निगम-मंडलों में होनी हैं नियुक्तियां
सीएम ने रामकृष्ण कुसमरिया को मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाकर इसकी शुरूआत भी कर दी है। निगम-मंडलों को लेकर सीएम की सीएम की प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद से चर्चा भी हो चुकी है। इसके बाद सीएम का संगठन नेताओं के साथ कुछ दिनों पूर्व दिल्ली जाने से इन नियुक्तियों के जल्द होने की संभावना को बल मिला है। करीब 40 निगम, मंडलों में अभी नियुक्तियां होना हैं। इनके नाम जिलों से प्रदेश संगठन के पास आ गए हैं, लेकिन इन पर अंतिम मुहर अब तक नहीं लगी है। इस बार सीएम की दिल्ली यात्रा ने फिर इन दावेदारों में उम्मीद जगा दी है।
