
- विभाग का काम छोड़ कर रहे दूसरे काम कई आला अफसर
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। वन विभाग का मुख्यालय बीते कई माह से अफसरों की कमी से जूझ रहा है , जिससे मुख्यालय का काम भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। हालात यह है कि तमाम वन अफसर अपना मूल काम छोडक़र अन्य जगहों पर प्रतिनियिुक्ति लेकर दूसरे मन पसंद काम कर रहे हैं। उधर दूसरी ओर पदस्थापनाओं को लेकर विभाग के मंत्री और अफसरों में भी पटरी नही बैठ पा रही है जिसकी वजह से कई माह से मुख्यालय में रिक्त चल रहे एपीसीसीएफ, सर्किल और वन मंडलों में अफसरों की पदस्थापनाए भी अटकी हुई हैं। ऐसी स्थिति इसलिए निर्मित हुई है, क्योंकि मंत्रियों और विधायकों की सिफारिशों के चलते वन मंत्री विजय शाह अपने चहेते अफसरों की उनकी चाहत के अनुसार पदस्थापना नहीं करा पा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ तबादलों को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय तक शिकवे-शिकायतें भी की गई हैं। पदस्थापना प्रस्ताव लंबित रहने की एक वजह मुख्यमंत्री सचिवालय की नाराजगी भी मानी जा रही है। मुख्यालय सतपुड़ा में एपीसीसीएफ के विकास, भू-अभिलेख, समन्वय, वित्त एवं बजट, शिकायत एवं सतर्कता, उत्पादन और संयुक्त वन प्रबंधन शाखा के पद रिक्त पड़े हैं, जबकि एपीसीसीएफ मनोज अग्रवाल कैडर विरुद्ध उज्जैन सर्किल में पदेन वन संरक्षक के पद पर कार्य कर रहे है। मनोज अग्रवाल मुख्यालय आने से बचने के लिए वन मंत्री विजय शाह की परिक्रमा कर रहे हैं। इसी प्रकार एपीसीसीएफ स्तर के दो अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर एनवीडीए और मत्स्य महासंघ में पदस्थ हैं। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों की कमी के कारण वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने एक-एक आईएफएस अफसरों को कई शाखाओं का प्रभार दे रखा है। विभाग की विकास शाखा सबसे महत्वपूर्ण है, इसका प्रभार यूके सुबुद्धि को दिया गया है जबकि, सुबुद्धि की पूर्णकालिक पदस्थापना सीईओ बांस मिशन के पद पर है। विकास और संयुक्त वन प्रबंधन का दायित्व भी उनके पास है। सुबुद्धि को महत्वपूर्ण शाखाओं का अतिरिक्त प्रभार मिलने से उनके बिरादरी के अफसरों में नाराजगी भी है।
सीसीएफ के स्थान पर जमे हैं एपीसीसीएफ
उज्जैन वन मंडल में सीसीएफ के पद पर एपीसीसीएफ मनोज अग्रवाल लंबे समय से पदस्थ हैं। वहीं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में फील्ड डॉयरेक्टर एल. कृष्णमूर्ति एपीसीसीएफ बनने के बाद भी सीसीएफ वाले पद पर जमे हुए हैं।
सात वनमंडलों में डीएफओ के पद भी खाली
एक हफ्ते पहले ही पन्ना उत्तर वनमंडल में एक टाइगर की शिकारी के फंदे में फंसने से मौत हो गई थी, इस घटना के बाद एसीएस जेएन कंसोटिया घटनास्थल पर भी पहुंचे थे, वहां उन्हें अधिकारियों ने बताया कि कई महीनों से डीएफओ और एसडीओ के पद रिक्त है। अजीबोगरीब स्थिति यह है कि पन्ना में एसडीओ का प्रभार छतरपुर वन मंडल में पदस्थ एसडीओ को सौंपा गया है। अशोकनगर, राजगढ़, पूर्व छिंदवाड़ा, पश्चिम मंडला, रतलाम और बड़वाह वन मंडल के पद भी खाली पड़े हुए है।