
- कलेक्टरी में लिंगानुपात सुधरा, पर कम लिंगानुपात वाले 9 जिलों में से सिर्फ एक महिला कलेक्टर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा नारी सशक्तिकरण की दिशा में उठाए जा रहे ठोस कदमों का असर न सिर्फ सरकारी योजनाओं में दिख रहा है, बल्कि प्रशासनिक में भी नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है। यही वजह है कि प्रदेश में पहली बार 12 जिलों में महिला कलेक्टर हैं। हालांकि कलेक्टरों की पदस्थापना में तबादला नीति का पालन नहीं किया गया है।
नीति के बिंदु क्रमांक 39 के अनुसार कम लिंगानुपात वाले जिलों में उच्च प्रशासनिक पदों पर यथासंभव महिला अधिकारियों की पदस्थापना की जावे। का प्रावधान है, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ है। प्रदेश में कम लिंगानुपात वाले 9 जिले हैं, जिनमें सिर्फ एक जिला ग्वालियर में ही महिला कलेक्टर है। खास बात यह है कि इनमें एक भी जिले में महिला एसपी नहीं है। तबादला नीति के अनुसार प्रदेश में 900 से कम लिंगानुपात वाले 9 जिले मुरैना, भिंड, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, छतरपुर, सागर, विदिशा और रायसेन हैं। इनमें से ग्वालियर जिले में महिला जिलाधीश है। जबकि अन्य जिलों में पुरूष अधिकारी ही पदस्थ हैं। इतना ही नहीं इनमें से किसी भी जिले में महिला पुलिस अधीक्षक नहीं है। न ही संभागायुक्त या अन्य किसी बड़े प्रशासनिक पद पर महिला अधिकारी है। नीति के अनुसार प्रदेश में सबसे कम लिंगानुषात 838 भिंड मिले में है, यहां महिला पुलिस अधीक्षक कभी पदस्थ नहीं रहीं। 20 साल से किसी महिला को जिलाधीश भी नहीं बनाया। 1994 बैच की आईएएस श्रीमती रश्मि अरुण शमी भिंड जिले की आखिरी महिला जिलाधीश थीं। वहीं रुचिका चौहान ग्वालियर जिले की पहली महिला जिलाधीश है।
12 जिलों में महिला कलेक्टर
– जिला कलेक्टर का नाम
– डिंडौरी श्रीमती नेहा मारख्या
– ग्वालियर श्रीमती रुचिका चौहान
– रीवा श्रीमती प्रतिभा पाल
– झाबुआ सुश्री नेहा मीणा
– नर्मदापुरम सुश्री सोनिया मीणा
– नरसिंहपुर श्रीमती शीतला पटले
– सिवनी सुश्री संस्कृति जैन
– मैहर श्रीमती रानी बाटड
– शाजापुर ऋजु बाफना
– खरगोन सुश्री भव्या मिलल
– मंदसौर सुश्री अदिति गर्ग
– बड़वानी सुश्री गुंजा सनोबर
