
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के करीब पौने तीन लाख किसानों को चार साल बाद भी चार अरब के फसल बीमा दावों का इंतजार बना हुआ है। यह राशि न मिल पाने की वजह से इन किसानों को अब तक राहत नहीं मिल सकी है। इसकी वजह से यह किसान बेहद परेशान बने हुए र्है। इस मामले में राजगढ़ जिले के ब्यावरा तहसील निवासी हर प्रसाद यादव का कहना है कि चार साल पहले उन्हें वर्ष 2017 के बाद से फसल बीमा की कोई राशि नहीं मिली है। इसी तरह से इस तहसील के अन्य किसान भी बीमा राशि को लेकर बेहद परेशान बने हुए हैं। प्रदेश में इस तरह के किसानों की संख्या लगभग 2.64 लाख है, जिनका चार सालों से फसल बीमा की राशि मिलने का इंतजार समाप्त ही नहीं हो रहा है। इन किसानों को फसल बीमा दावे की राशि करीब 384 करोड़ रुपए होती है। इस मामले में विभाग का कहना है कि किसानों के नाम पोर्टल पर दर्ज नहीं होने की वजह से उनकी बीमा राशि का भुगतान नहीं हो सका है। विभाग का कहना है कि करीब डेढ़ साल पहले यह समस्या आयी थी, जिसके बाद से इसके भुगतान के लिए कार्रवाई चल रही है। बताया जाता है कि इन किसानों का जो भुगतान रुका है उसमें 92.88 करोड़ फको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी और 144 करोड़ एग्रीकल्चर इश्योरेंस कंपनी आॅफ इंडिया लि. का है। यह बीमा राशि उस नुकसान के एवज में मिलती है जब फसल खेत में कटने के बाद खुली रखी रहती है और तब ओला या पाला जैसी स्थिति में फसल को नुकसान होता है।
किसानों को यह भी हुआ नुकसान
खरीफ वर्ष 2019 हेतु बीमित राशि को स्केल आॅफ फायनेंस के 75 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया था। इसके एवज में 5,562.73 करोड़ का भुगतान किया गया। यदि बीमित राशि को स्केल आॅफ फाइनेंस के बराबर रखा जाता, तो कृषकों को 7,416.97 करोड़ का भुगतान होता। खरीफ वर्ष 2019 के अंतर्गत बैंकों द्वारा भारत सरकार के पोर्टल में प्रविष्टि नहीं किए जाने के कारण 2.64 लाख किसानों बीमा दावा राशि से वंचित रह गये। पोर्टल खुलवाया जाकर बाद में उनके नाम दर्ज करवाए गए हैं।