
- यहां बनाना चाहता है टैंक लॉरी व प्रयोगशाला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। नापतौल विभाग का मुख्यालय इन दिनों फिजूलखर्ची व मुख्यालय की जमीन अधिग्रहण को लेकर चर्चा में है। दरअसल अरेरा हिल्स स्थित विभाग के मुख्यालय की 0.65 हेक्टेयर जमीन पर खाद्य भवन बनाने के लिए खाद्य विभाग द्वारा पत्राचार शुरू कर दिया गया है। दूसरी ओर राजस्व विभाग भी 78.44 करोड़ रुपए की इसी जमीन पर रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट विकसित करने की तैयारी में है। तीसरा इन दोनों प्रोजेक्ट के इतर नापतौल विभाग द्वारा भी इसी जगह पर टैंक लॉरी कैलिब्रेशन और द्वितीय मानक प्रयोगशाला का निर्माण करने के लिए सात साल से तैयारी की जा रही है। जिनके निर्माण के लिए नापतौल विभाग ने सात साल पहले लगभग 50 लाख रुपए खर्च कर अपने कार्यालय को जेके रोड के पास 5 हजार वर्गफीट की जमीन पर शिफ्ट कर दिया था। जबकि इस कार्यालय में कर्मचारियों को बैठने में परेशानी तो होती ही है, व्यापारियों से जब्त गलत मानकों को रखने में भी असुविधा हो रही है। कर्मचारियों के अनुसार वे ये परेशानी टैंक लॉरी कैलिब्रेशन और द्वितीय मानक प्रयोगशाला के निर्माण के लिए झेल रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर नापतौल विभाग के मुख्यालय की जमीन खाद्य विभाग को बेचने की तैयारी की जा रही है, जिससे भविष्य में नापतौल विभाग का कामकाज बुरी तरह प्रभावित होगा। इस मामले में विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि खाद्य भवन के पास भी गौतम नगर में अपनी इमारत मौजूद है। ऐसे में नापतौल मुख्यालय की जगह खाद्य विभाग को देने की आवश्यकता ही नहीं हैं। इस कारण वे खाद्य भवन के निर्माण का पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं।
परिसर में काटे जाएंगे 300 से ज्यादा फलदार वृक्ष
नापतौल विभाग के कर्मचारियों ने पिछले कई सालों में विभाग की खाली पड़ी जमीन पर एक बगिया का निर्माण कर लिया है, जिसमें आम, अमरूद, जामुन, सहजन, पपीता सहित अन्य फलों के 300 से ज्यादा पेड़ लगे हुए हैं। परिसर में बरगद व पीपल के भी कई पेड़ मौजूद हैं। ऐसे में नव निर्माण के लिए इन सभी पेड़ों को भी काटा जाएगा, जिसका सभी कर्मचारी खुलकर विरोध कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों की मानें तो यहां जल्द से जल्द दोनों निर्माणों को किया जाए, ताकि आम लोगों के हितों की रक्षा की जा सके। 6 खाद्य भवन के पास पहले से ही अपना भवन मौजूद है, लेकिन फिजूलखर्ची करवाने के लिए नापतौल मुख्यालय की जमीन पर नए खाद्य भवन का निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे में हम लोग मुख्यालय की जमीन किसी अन्य विभाग को आवंटित न करने की मांग कर रहे हैं।
सात साल के इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने दिए 5 करोड़
पेट्रोल, डीजल, केरोसिन व दूध सहित अन्य द्रव्यों के परिवहन में लगने वाले टैंकरों की जांच टैंक लॉरी कैलिब्रेशन में की जाती है। इसके अलावा द्वितीय मानक प्रयोगशाला में दुकानदारों व व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले मापने के उपकरणों की जांच होती है। इन्हीं दोनों के निर्माण के लिए विभाग ने अपने मुख्यालय के भवन में सबसे ऊपर के तल पर 61903 वर्ग फीट को खाली करवाया था, ताकि इनका निर्माण किया जा सके। 2 महीने पहले केंद्र सरकार द्वारा भी प्रयोगशाला व टैंकलोरी कैलिब्रेशन के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत कर दी गई है। ऐसे में राजस्व विभाग या खाद्य विभाग द्वारा जमीन के अधिग्रहण से यह दोनों ही काम रुक जाएंगे, जिससे भविष्य में जांचें प्रभावित होंगी और इसका खामियाजा आम लोगों को ही उठाना पड़ेगा।
