वित्त वर्ष 2025-26 का पहला सप्लीमेंट्री बजट जुलाई में

  • जनहित योजनाओं पर होगा विशेष ध्यान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की डॉ. मोहन यादव की सरकार साल 2025-26 का पहला सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी। इसके लिए विभाग 13 जून तक वित्त विभाग को जानकारी देंगे।  वित्त विभाग ने इसे लेकर सभी विभागों को आदेश जारी कर दिया है। सप्लीमेंट्री बजट में फिजूलखर्ची और अफसर के लिए वाहन खरीदी के लिए बजट नहीं मिलेगा। वित्त विभाग ने आदेश में कहा है कि विभाग, वाहन खरीदी का प्रस्ताव न भेजे। यह बजट मुख्यत: केंद्र प्रायोजित योजनाओं और जनहित योजनाओं के लिए होगा। राज्य सरकार सेंट्रल स्पॉन्सर स्कीम में फंड जमा करेगी। इस सप्लीमेंट्री बजट में जनहित से जुड़ी योजनाओं के लिए भी अतिरिक्त व्यवस्था रहेगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में जनहित की योजनाओं की भरमार है। सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा जनहित की योजनाओं पर खर्च होता है। यही नहीं योजनाओं और परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार लगभग हर महिने कर्ज ले रही है। ऐसे में सप्लीमेंट्री बजट सरकारी योजनाओं को रफ्तार देगा। अनुपूरक बजट से तात्पर्य ऐसे बजट से है जिसे सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष के दौरान आवश्यक खर्चों के लिए स्वीकृत किया जाता है। यह बजट उस समय प्रस्तुत किया जाता है जब मौजूदा बजट में निर्धारित राशि पूरी नहीं होती या अतिरिक्त खचों की आवश्यकता होती है। अनुपूरक बजट एक समेकित विवरण होता है, जिसे अनुपूरक बजट के रूप में जाना जाता है।
13 तक देने होंगे प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार जुलाई में होने वाले मानसून सत्र की तैयारियां वित्त विभाग ने शुरू कर दी हैं। वित्त विभाग की ओर से इस सत्र में पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा जिसके लिए सभी विभागों से अनुपूरक बजट संबंधी प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्रस्तावों का परीक्षण करने के बाद वित्त मंत्री की अनुमति से इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा और फिर विधानसभा में लाया जाएगा। वित्त विभाग ने वर्ष 2025-26 के पहले अनुपूरक बजट की तैयारियों के मद्देनजर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि 13 जून तक वे अपने विभाग से संबंधित अनुपूरक बजट के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दें। जीरो बेस बजट प्रणाली के आधार पर समीक्षा के बाद पूर्व में लंबित बिलों का भी बजट में प्रावधान किया जा चुका है। ऐसे में अब विभागों की जिम्मेदारी है कि तय प्रावधानों के अंतर्गत ही आईएफएमआईएस पर ऑनलाइन प्रस्ताव भेजें।
 खर्च राशि, बजट का ब्योरा भी देना होगा
अनुपूरक बजट के लिए राशि मांगने वाले को प्रस्ताव के साथ वित्त वर्ष 2024-25 का कुल बजट बताना होगा और कितनी राशि खर्च की गई है, यह जानकारी भी देना होगी। वर्ष 2025-26 में अब तक कुल कितना बजट विभाग को मिला है और कितना उपयोग किया गया है। कितनी और राशि की जरूरत है। इस तरह की जानकारी फार्मेट में मांगी गई है।
इस आधार पर मांगे बजट प्रस्ताव
वित्त विभाग ने अपने निर्देश में कहा है कि जिन विभागों के लिए राज्य की आकस्मिक निधि से एडवांस जारी किया गया हो। जिन विभागों के लिए वित्त विभाग द्वारा परमिशन दी गई है। जिन विभागों के लिए भारत सरकार या अन्य एजेंसी से वित्तीय सहायता या केंद्रांश मंजूर किया गया हो तथा जो तय मद से अलग न किया जा सकता हो और जिसके लिए अतिरिक्त संसाधन की व्यवस्था प्रशासकीय विभाग की अन्य योजनाओं में उपलब्ध राशि में कटौती कर बचत के रूप में नहीं दी जा सकती है। जिन विभागों द्वारा भारत सरकार के निर्देशों के आधार पर अलग से बजट लाइन खोलने की जरूरत है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृति पाने वाले कार्यों के अतिरिक्त अगर किसी विभाग के लिए बजट की जरूरत है। वित्त विभाग ने साफ किया है कि ऐसे नए मद के प्रस्ताव मंजूर नहीं किए जाएंगे जिसमें राज्य के वित्तीय संसाधनों से अलग डिमांड की जा रही है। साथ ही वाहन खरीदी के लिए भी अनुपूरक बजट में प्रस्ताव शामिल नहीं होंगे।
फिजूल खर्च पर रोक
सप्लीमेंट्री बजट में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि अफसरों के लिए वाहन खरीदी का कोई भी प्रस्ताव मंजूर नहीं होगा। वित्त विभाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि ऐसे गैर-जरूरी खचों को इस बार बजट में स्थान नहीं दिया जाएगा। अनुपूरक बजट में जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिला सशक्तिकरण, युवाओं के लिए कौशल विकास, किसानों के लिए सहायता और ग्रामीण विकास प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी। मार्च 2025 में प्रदेश का मुख्य बजट 4.21 लाख करोड़ रुपए का पेश किया गया था। यह बजट पूरी तरह पेपरलेस था और महिलाओं, युवाओं, किसानों और उद्योगों पर केंद्रित था। जुलाई में आने वाला अनुपूरक बजट उसी योजना का विस्तार होगा।

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