
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी /बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में डीएसपी के रिक्त पदों की संख्या में लगातार वृद्वि होती जा रही है , लेकिन इसके बाद भी पुलिस मुख्यालय की सुस्त कार्यप्रणाली में तेजी नहीं आ पा रही है। हालात यह हैं कि करीब दो माह से वह फाइल लंबित पड़ी हुई हैं , जिसमें निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी के पद पर नियुक्ति करने की मंजूरी दी जाना है। इसकी वजह से प्रदेश के करीब तीन सैकड़ा निरीक्षक कार्यवाहक डीएसपी नहीं बन पा रहे हैं। दरअसल प्रदेश में आला अफसरों की कार्यशैली ऐसी हैं कि अगर अखिल भारतीय सेवा के अफसरों से जुड़ा इस तरह का मामला हो , तो उनके पदोन्ननति के आदेश एक दिन में ही जारी हो जाते हैं और अगर निचले स्तर के कर्मचरियों का मामला हो तो फिर मनमर्जीे से पूरी प्रक्रिया पूरी की जाती है। खासतौर पर आईएएस और आईपीएस अफसरों को पद रिक्त होने के पहले ही दिन पदोन्नत कर दिया जाता है। दरअसल प्रदेश में इन दिनों डीएसपी के करीब 337 पद रिक्त बने हुए हैं। इन में से पदोन्नति के जरिए भरे जाने वाले पदों पर 120 निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी बनाए जाने का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसके लिए प्रदेशभर की सभी जिलों से निरीक्षकों का रिकॉर्ड मंगवाया गया था। तीन से चार बार इन सभी के अलग-अलग संदर्भ में रिकॉर्ड तलब करवाया जा चुका है। रिकॉर्ड आने के बाद दो बार डीपीसी की बैठक हो चुकी है, इसके बाद भी इन निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी बनाए जाने का फैसला गृह विभाग ने अटका रखा है।
बीते साल बने थे 150 कार्यवाहक डीएसपी
प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के चलते राज्य सरकार ने पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को प्रमोशन देने का रास्ता निकाला था। इसी के चलते अधिकारियों को एक ऊपर के पद पर कार्यवाहक के तौर पर पदस्थ करने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में इस साल पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने खाली पड़े डीएसपी के पदों में से 120 पदों पर निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी बनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया इस प्रस्ताव में इन सभी निरीक्षकों को वन टाइम वाली शर्त पर कार्यवाहक डीएसपी का प्रभार दिए जाने का प्रस्ताव है। देरी की वजह से बगैर पदोन्नति के निरीक्षक रिटायर होते जा रहे हैं कई तो ऐसे निरीक्षक है, जो अपनी पूरी नौकरी में सिर्फ एक पदोन्नति ही पा सके और अब जल्दी रिटायर होने वाले हैं। वहीं दूसरी ओर आरक्षक से लेकर उपनिरीक्षक तक को कार्यवाहक के रूप में एक पद पर का प्रभार इस वर्ष दिया जा चुका है। लेकिन निरीक्षकों को डीएसपी का कार्यवाहक प्रभारी इस वर्ष अब तक नहीं मिला है।