
- गेहूं के उपार्जन में यूपी मॉडल लागू करेगी मप्र सरकार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। यूपी में समर्थन मूल्य पर किसानों की फसल खरीदी के के 48 घंटे में भुगतान का जो मॉडल अपनाया है, उसे अब मप्र सरकार भी लागू करेगी। यानी मप्र में भी अब किसानों से समर्थन मूल्य पर फसल ही खरीदी के 48 घंटे के अंदर उसका भुगतान कर दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि यूपी का यह मॉडल मप्र सरकार गेहूं खरीदी में करेगी। यूपी मॉडल का अध्ययन करने के लिए मप्र के अफसरों का दल राज्य के दौरे पर है।
गौरतलब है कि राज्य में उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सरकार देती है। इसके लिए प्रतिवर्ष गेहूं, धान सहित अन्य उपज खरीदी जाती हैं। किसानों को उपज का भुगतान समय पर हो, इसके लिए मप्र में ऑनलाइन व्यवस्था तो बनाई गई है पर इसमें भी विलंब हो जाता है। इससे किसानों को होने वाली परेशानी को देखते हुए अब मप्र सरकार उत्तर प्रदेश का मॉडल अपनाने जा रही है। वहां 48 घंटे में भुगतान की व्यवस्था बनाई गई है। इस मॉडल को आगामी गेहूं के उपार्जन से लागू किया जा सकता है। इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का एक दल उत्तर प्रदेश पहुंच चुका है और दूसरा आज-कल में रवाना हो जाएगा। मप्र में बीते वर्ष छह लाख 16 हजार किसानों से 48 लाख टन गेहूं का उपार्जन किया गया था। इसी तरह इस वर्ष अभी तक पांच लाख 61 हजार 627 किसानों से 36 लाख 50 हजार 736 टन धान खरीदा जा चुका है। किसानों को भुगतान उनके आधार से लिंक खाते पर किया जाता है। इसके लिए राष्ट्रीय सूचना केंद्र के सहयोग से जस्ट इन पोर्टल से भुगतान की व्यवस्था बनाई गई है। इसके बाद भी इसमें विलंब हो जाता है। अभी भुगतान में औसत पांच से सात दिन लगते हैं। जबकि, कुछ मामलों में 15 दिन से अधिक का समय लग जाता है। भुगतान में विलंब से उन किसानों को परेशानी अधिक होती है, जिनकी जोत छोटी होती है। कई किसान तो केवल इसी वजह से उपार्जन केंद्रों पर उपज नहीं बेचते हैं क्योंकि भुगतान में विलंब होता है।
भुगतान में देरी से किसान होते हैं परेशान
दरअसल, छोटे किसान स्थानीय व्यापारियों से बीज, खाद और खेत को तैयार करने में होने वाले खर्च के लिए राशि उधार लेते हैं। फसल आने पर उपज उन्हें ही देकर हिसाब किताब कर लेते हैं, और आगामी फसल लेने की तैयारी करते हैं। पिछले दिनों सीएम हेल्पलाइन में भी लंबित भुगतान को लेकर शिकायत सामने आई थी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने उपार्जन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए हैं कि किसानों को भुगतान समय से हो जाना चाहिए। इसके लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के समय ही बैंक खाते से लेकर सभी जानकारियां ले ली जाएं। इनका सत्यापन अधिकारी करें ताकि भुगतान गलत खाते में जाने या असफल होने की आशंका न रहे।
यूपी के दौरे पर अफसर
मप्र खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भुगतान की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाना है, ताकि किसानों को परेशानी न हो। उत्तर प्रदेश में भुगतान 48 घंटे में करने की व्यवस्था है। आधार से लिंक बैंक खाते में ऑनलाइन भुगतान किया।