
-उत्कृष्टता पुरस्कार में शामिल नहीं हुई लाडली बहना
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में अगर कम समय में किसी योजना का सफल क्रियान्वयन हुआ है तो वह है लाड़ली बहना योजना। सफल क्रियान्वयन से यह योजना कम समय में ही लोकप्रियता के आसमान पर पहुंच गई है। ऐसे में इस योजना को साकार करने से लेकर क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को उम्मीद जगी है कि शासकीय सेवकों को मिलने वाला उत्कृष्टता पुरस्कार इस बार उन्हें मिल सकता है। लेकिन सरकार ने लाड़ली बहना को इस बार उत्कृष्टता पुरस्कार की श्रेणी में शामिल नहीं किया है। ऐसे में उन शासकीय सेवकों की मंशा पर पानी फिर गया है।
गौरतलब है कि मप्र सरकार ने प्रदेश में शासकीय सेवकों को बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पुरस्कृत होने के लिए सरकार ने जो क्राइटेरिया तय किया है, उससे कई शासकीय सेवकों के पुरस्कार पाने के अरमानों पर पानी फिर सकता है। ज्यादातर मामलों में सरकार ने उत्कृष्टता के दायरे के लिए जो मानक तय किए हैं, उसके मुताबिक शासकीय सेवकों को ज्यादातर मामलों में 80 फीसदी से अधिक उपलब्धि हासिल करना होगा। पास्को एक्ट से जुड़े मामले जरुर अपवाद हैं, जहां रियायत दी गई है। ऐसे मामलों में यदि 60 फीसदी भी उपलब्धि मिली है तो वे पुरस्कार के दायरे में शामिल होंगे।
प्रक्रिया और क्राइटेरिया तो तय
चुनावी साल होने के कारण इस साल उत्कृष्टता पुरस्कार दिया जाएगा कि नहीं इस पर अभी असमंजस है, लेकिन फिलहाल पुरस्कार के लिए प्रक्रिया और क्राइटेरिया तो तय कर ही दिया गया है। लाड़ली लक्ष्मी तो शामिल लेकिन लाड़ली बहना योजना उत्कृष्टता के लिए शामिल नहीं किया गया है। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने इस वर्ष की सबसे बड़ी चर्चित योजना मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू कर दी है और प्रदेश की सवा करोड़ बहनों के खाते में 10 जून को राशि भी आ गई है। महज चार माह से भी कम अवधि में इस योजना को आकार देने से लेकर अंजाम तक पहुंचा दिया गया। ये बड़ा कार्यक्रम था, जिससे सरकारी अमले ने बड़ी सक्रियता से जिम्मेदारी का निर्वहन किया। इतने कम समय मे इतनी बड़ी योजना को मुकाम तक पहुंचा देने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी अमले की तारीफ की है, लेकिन इस योजना में बेहतर प्रदर्शन कर उत्कृष्ट पुरस्कार की उम्मीद कर रहे शासकीय सेवकों को झटका लग सकता है। सरकार ने वर्ष 2022-23 की अवधि के लिए पुरस्कार के लिए योजना और कार्यक्रमों का जो ब्यौरा जारी किया है, उसमें मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना तो शामिल है, लेकिन मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना को शामिल नहीं किया गया है।
80 फीसदी से कम उपलब्धि पर पुरस्कार नहीं
सरकार ने इस बार जो क्राइटेरिया तय किया है उसके तहत 80 फीसदी से कम उपलब्धि पर उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार नहीं मिल सकेगा। लाडली लक्ष्मी योजना में परस्कृत होने के लिए भी ये जरुरी है कि योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए जो लक्ष्य दिए गए थे, उसमें 80 फीसदी से अधिक उपलब्धि रही हो। 80 फीसदी से कम उपलब्धि पर उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार नहीं मिल सकेगा। वहीं जिन मामलों में 80 फीसदी से अधिक उपलब्धि जरूरी है उनमें 5 महिलाओं के खिलाफ अपराधों के निराकरण अंतिम प्रतिवेदन का प्रतिशत, महिलाओं के प्रति किए गए ऐसे अपराधों के निराकरण यानी आरोप पत्र का प्रतिशत जिनमें प्रारंभ में आरोपी अज्ञात था।