शराब की कीमतों में वृद्धि करने की तैयारी में आबकारी विभाग

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  • ‘राउंड फिगर’ से भरेगा सरकार का खजाना

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। नए वित्तीय वर्ष में सरकार ने शराब की कीमतों में जो कमी की है उससे शराब की बिक्री तो बढ़ी है, लेकिन ग्राहकों और दुकानदारों की मुश्किलें भी बढ़ी हैं। इसकी वजह है शराब की कीमतों का राउंड फिगर में न होना। आबकारी नीति बदलाव के बाद शराब के रेट ऐसे हैं की बिना चिल्लर के काम नहीं चल रहा है। ऐसे ठेकेदारों ने आबकारी विभाग के अफसरों से इस संबंध में शिकायत की है। इसको देखते हुए विभाग ने कीमतों को राउंड फिगर करे की तैयारी शुरू कर दी है। इससे सरकार का खजाना भरेगा
आबकारी विभाग ने कीमतों को ‘राउंड फिगर’ करने की जो तैयारी की है उससें प्रदेश में शराब के दाम फिर बढ़ेंगे। विभाग के स्तर पर कवायद चल रही है कि देशी और विदेशी शराब की कीमतों में तीन रुपए तक की वृद्धि कर दी जाए और वैट बढ़ाकर सरकार इस बढ़ी हुई राशि को अपने खाते में ले ले। रेवेन्यू बढ़ाने के लिए यह प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है, क्योंकि आबकारी नीति 2022-23 में शराब को सस्ता करने के लिए एक्साइज ड्यूटी दस प्रतिशत तक  घटाई गई है।
व्यवस्था में बदलाव की मांग
चिल्लर को लेकर हो रही परेशानी को देखते हुए राजधानी के दुकानदारों ने असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर भोपाल के पास अपनी बात रखी है कि इसे सुधारा जाए। उन्होंने उप्र की व्यवस्था का भी हवाला दिया कि वहां पांच रुपए या सीधे 10 रुपए के आधार पर रेट हैं। एक से 4 रुपए या 6 से 9 रुपए का कहीं जिक्र नहीं। विभाग के स्तर पर भी यह बात पहुंची, लेकिन इसे फिलहाल अभी चर्चा में अभी नहीं लिया गया है। अभी आबकारी नीति में एक पैसे से लेकर 99 पैसे के बारे में तो स्थिति स्पष्ट है। गणना में कुछ रुपए के बाद 15 पैसे या 67 पैसे बन रहे हैं तो उसे एक रुपए में बदल दिया जाए। उदाहरण के लिए एक हजार 15 पैसे हों तो उसे राउंड फिगर में एक हजार ही किया जाए। यदि एक हजार 67 पैसे हैं तो उसे 1001 रुपए माना जाए। इससे एक पैसे से 99 पैसों तक का हिसाब तो साफ हो गया, लेकिन एक रुपए से 9 रुपए की परेशानी बढ़ रही है।
चिल्लर ने बढ़ाई सबकी परेशानी
नई आबकारी नीति में शराब के जो नए रेट तय किए गए हैं उसने ग्राहक और दुकानदार की मुश्किलें बढ़ा दी है। आबकारी नीति के बाद शराब के रेट तो तय हो गए, लेकिन वे ऐसे हैं कि एक रुपए से लेकर 9 रुपए तक का हिसाब बनाना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए किसी शराब (व्हीस्की, रम या देसी) की कीमत 3577, 2149, 1877, 3223, 1167, 81, 52 या 57 रुपए तो ग्राहक अथवा दुकानदार को खुल्ले पैसे देने पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ दुकानदार ऐसी सूरत में फायदा भी उठा रहे हैं और राउंड फिगर में पैसा वसूल रहे हैं। कई बार चिल्लर को लेकर झगड़े की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।

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