बागरी के पहले भी कई विधायकों के नाम भी विवादों में

प्रतिमा बागरी
  • प्रतिमा बागरी साध रही अलग ही निशाना

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाई के गांजा रखने के मामले में पकड़े जाने से चर्चा में आईं नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने अपनी ही सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। अपने क्षेत्र में खराब सडक़ निर्माण की पोल सार्वजनिक रूप से खोलकर भले ही वह जनहित का हवाला दे रही हों, लेकिन जो दिख रहा है, मामला वैसा नहीं है। प्रतिमा बागरी की इस सक्रियता की वजह घटिया सडक़ निर्माण नहीं बल्कि जिले में पदस्थ पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों से नाराजगी है। यह एक तरह से दबाव बनाने की राजनीति रही। दरअसल, प्रतिमा बागरी कुछ इंजीनियरों को सतना जिले से हटवाना चाहती हैं, उनकी मांग नहीं सुनी गई इसलिए उन्होंने इस घटिया सडक़ का मुद्दा सार्वजनिक कर दिया जबकि इस मामले में सडक़ निर्माण गुणवत्ताहीन पाए जाने पर ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई पहले ही आरंभ की जा चुकी है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने उन्हें बुलाकर चेतावनी भी दी, तब प्रतिमा ने यह तक कहा कि मेरे कहने के बाद भी वहां के कार्यपालन अधिकारी को हटाया नहीं जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सरकार में हो, यह भूलना नहीं चाहिए।
पहले भी कई विधायकों के साथ जुड़ा विवाद
यह पहला मामला नहीं है। विधायक और मंत्री जनहित के नाम पर उनकी न सुने जानें पर इस तरह सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहते हैं। पहले भी भिंड से विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह सार्वजनिक रूप से कलेक्टर से भिड़ चुके हैं। ऐसे एक नहीं कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां नेता भले पार्टी को सर्वोपरि बताएं लेकिन खुद की अहमियत साबित करने के लिए वे व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर देते हैं। पार्टी कड़ी कार्रवाई नहीं करती इसलिए दोहराव भी होता रहता है। इसी साल अप्रैल माह में इंदौर-3 के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला ने साथियों के साथ देवास की माता टेकरी पर हंगामा किया था। आधी रात को मंदिर के पट खुलवाने का पुजारी पर दबाव बनाया। अभद्रता की। विरोध के बाद रुद्राक्ष शुक्ला सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया। प्रदेश भाजपा संगठन ने भी विधायक की फटकार लगाई। कुछ माह पहले हाटपीपल्या से भाजपा विधायक मनोज चौधरी के भतीजे डा. निखिल चौधरी ने भोपाल रोड स्थित टोल नाके पर तोडफ़ोड़ की थी। वीडियो बहुप्रसारित हुआ था। इसी तरह देवास से भाजपा विधायक गायत्री राजे पवार के पुत्र विक्रम सिंह पवार वाहनों के काफिले के साथ श्री महाकाल महालोक में घुस गए थे। पुलिस-प्रशासन ने जुर्माना किया था।
यह था मामला
बता दें, कुछ दिन पहले प्रतिमा बागरी ने मझगवां के पोड़ी-मनकहरी मार्ग का निरीक्षण किया था। उन्होंने पैर से ही गिट्टी-डामर हटाकर निर्माण कार्य को गुणवत्ताहीन बता दिया। ठेका निरस्त करने और अधिकारियों पर कार्रवाई के तत्काल निर्देश भी दे दिए। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हुआ, जिससे विपक्ष को सरकार पर हमला करने का अवसर मिल गया। सोमवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने प्रतिमा बागरी को अपने कक्ष में बुला लिया। इसके पहले वे इस सडक़ से संबंधित पूरी जानकारी ले चुके थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि आपने जिस सडक़ की बात उठाई, उसे पर तो विभाग पहले ही कार्रवाई कर चुका है। आप मंत्री है और ऐसा आचरण बिलकुल भी ठीक नहीं है। दरअसल, अनुविभागीय अधिकारी (पीडब्ल्यूडी) मझगवां ने उपयंत्री सुरेन्द्र सिंह को घटिया निर्माण पर ठेकेदार को हटाकर मानक स्तर का कार्य दोबारा कराने के निर्देश दिए गए। इसके बाद 19 दिसंबर को कार्यपालन यंत्री (ईई) द्वारा भी उक्त कार्य को निरस्त कर दिया गया यानी विभागीय स्तर पर कार्रवाई पूरी हो चुकी थी। जबकि प्रतिमा बागरी ने कथित निरीक्षण अगले दिन किया था और कार्रवाई के निर्देश दिए। इसका कोई औचित्य ही नहीं था।

Related Articles