
-क्षमता का 25 फीसदी बिजली उत्पादन भी नहीं कर रहे चारों सरकारी बिजली घर
-कभी सिंगाजी तो कभी संजय गांधी थर्मल पॉवर की यूनिट हो रही बंद
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में इन दिनों बिजली कटौती परेशानी का सबब बना हुआ है। शहर से लेकर गांव तक बिजली कटौती हो रही है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के चारों सरकारी बिजली घरों में कुल क्षमता का 25 फीसदी ही बिजली उत्पादन हो रहा है। इस कारण सरकार को निजी कंपनियों की बिजली से काम चलाना पड़ रहा है।
दरअसल, मेंटेनेंस पर हर साल करोड़ों रूपए खर्च होने के बाद भी सरकारी बिजलीघरों की सांस लगातार टूट रही है। यानी इनमें पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। जानकारों के अनुसार सरकारी बिजलीघर इतने पुराने हो गए हैं की उनमें लगातार खराबी आ रही है। जो यूनिट पहले से ठीक चल रही थीं, अब उसमें भी गड़बड़ियां आ रही हैं। सिंगाजी की चार नंबर यूनिट कोयला चोक होने के कारण बंद हो गई।
वहीं संजय गांधी थर्मल पॉवर की पांच नंबर यूनिट 56 दिन बाद फिर ठप हो गई। इनके रखरखाव पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। इधर, कोयले का संकट भी खत्म नहीं हो रहा है। प्रदेश के सरकारी प्लांटों और अधिक डिमांड के दौरान बिजली ओवर ड्रा भी करना पड़ रही है। नियम है कि सेंट्रल ग्रिड द्वारा शेड्यूल से ज्यादा बिजली लेने पर बिजली कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाता है।
पांच से छह करोड़ प्रतिदिन नुकसाल
सिंगाजी सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट में 16 सितंबर को आग लगने की बड़ी घटना हुई, जिसके कारण चार नंबर यूनिट को बंद करना पड़ा। इस यूनिट के पहले आग लगने से ऑयल लीकेज हो रहा था और बॉयलर के समीप कोयले का ढेर था, जिसमें आग लग गई। हालांकि एक घंटे में आग पर काबू पा लिया गया। इधर, इस यूनिट में गीला कोयला चोक होने के कारण इसे 4 से 5 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। पांच से छह करोड़ रुपए का नुकसान प्रतिदिन होने की आशंका है। यह नुकसान और बढ़ सकता है। सिंगाजी में फिलहाल दो यूनिट चालू है जिसमें 650 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
संजय गांधी लाइटअप होते ही ठप
बिरसिंहपुर की संजय गांधी थर्मल बिजली घर की 500 मेगावाट की यूनिट को 55 दिन तक सालाना मेंटेनेंस होने के बावजूद पिछले दिनों शुरू करने के लिए जैसे ही इसे लाइटअप किया गया, तो वह ठप हो गई। यूनिट के टरबाइन में वाइब्रेशन होने के कारण यह शुरू नहीं हो सकी। यह 5 नंबर यूनिट 19 जुलाई से बंद चल रही थी। यह यूनिट पहली बार इतने लंबे समय तक बंद रही है। बायलर को प्रज्वलित करने के लिए इस पर करोड़ों रुपए का फर्नेश आइल जलाया गया है। इसके बाद भी यह चालू नहीं हा सकी। अब टरबाइन विशेषज्ञों की टीम वहां जांच कर गड़बड़ी का पता लगाने में जुटी है।