5 गुना अधिक कमाई के बाद भी ले लिया घाटे के नाम का अनुदान

टोल नाके
  • अफसरों ने भी आंख मूंदकर कर दिया उपकृत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में संचालित टोल नाके ठेकेदारों के लिए भारी कमाई का जरिया बने हुए है। हालत यह है कि आम वाहन चाल परेशान हैं और ठेकेदार कमाई करने में जुटे हुए हैं। इन मामलों में सरकार , अफसर और ठेकेदारों का गठजोड़ ऐसा है कि नियमों को भी धता बता दिया जाता है। ऐसा ही मामला सामने आया है भोपाल – देवास टोल का। इस टोल पर पर 494 फीसदी वसूली होने के बाद भी वायबिलिटी गेप फंड के नाम पर ठेकेदार को 81 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। यह वो फंड होता है, जिसका भुगतान योजना के तहत किसी परियोजना को वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य बनाने के उद्देश्य से प्रदान किया जाता है।
भोपाल भोपाल-देवास टोल रोड पर अक्टूबर 2024 तक लागत का 494.96 प्रतिशत टोल वसूला जा चुका है। फिर भी निवेशक ने आय कम होने के नाम पर अनुदान के रूप में सरकार से 81 करोड़ का वायबिलिटी गेप फंड ले लिया और प्रीमियम से छूट भी दी गई, जबकि निवेशक ने शासन को मात्र 25 रुपए कंसेशन फीस प्रतिवर्ष एक रुपए के मान से 25 वर्ष के लिए जमा किए थे। इसी तरह जावरा – नयागांव टोल रोड पर 31 दिसंबर 2023 तक प्रीमियम के 333.27 करोड़ तथा लेबड जावरा रोड पर 31 मई 2024 तक प्रीमियम के 276.11 करोड़ रुपए शासन को मिला है। यह जानकारी लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल के उत्तर में दी। राकेश सिंह ने बताया कि भोपाल देवास टोल रोड की अवधि बढ़ाकर 21 मई 2033 कर दी गई है तथा इसमें चेंज ऑफ स्कोप के 195 दिन नहीं जोड़े गए हैं। यदि यह जोड़ दिए जाएंगे तो दिए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी की टोल अवधि दिसंबर 2033 हो जाएगी। लेकिन अवधि क्यों बढ़ाई गई है, चेंज आफ स्कोप के दिन क्यों जोड़े जाएंगे, इस बारे में कोई जवाब नहीं दे सके। मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2024 तक भोपाल- देवास टोल रोड पर 1710.77 करोड़ जो लागत का 494.96 प्रतिशत है, लेबड-जावरा टोल रोड पर 2004.64 करोड़ जो लागत का 340.17 प्रतिशत है तथा जावरा-नयागांव पर 2271.14 करोड़ जो लागत का 533.49 प्रतिशत है पर टोल- वसूला जा चुका है। जावरा-नयागांव टोल पर 26 अक्टूबर 2033, लेबड-जावरा टोल पर 27 अप्रैल 2038 तक टोल वसूला जाएगा। जबकि तीनों टोल नाकों पर हर साल 20 से 25 प्रतिशत वृद्धि हो रही है। इसके बावजूद जावरा-लेबड टोल अवधि 5 साल और बढ़ा दी गई है। इस पर ग्रेवाल ने कहा कि मंत्री ने दोनों ही उत्तरों में विरोधाभास है और सरकार तथ्यों को छुपाकर निवेशक के हित साधने में लगी हुई है।

किस टोल पर हुई कितनी दुर्घटनाएं
– भोपाल-देवास टोल मार्ग पर 11 ब्लैक स्पॉट पर 257 दुर्घटनाएं हुई तथा 190 लोगों की मृत्यु हुई।
– जावरा-नयागांव टोल के 11 ब्लैक स्पॉट पर 265 दुर्घटना हुई 145 की मृत्यु हुई।
– लेबड-जावरा टोल मार्ग पर 132 दुर्घटनाओं में 76 व्यक्तियों की मृत्यु हुई।

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