
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति का मामला बीते एक दशक से नियमों व कानूनों के दांव पेंच में ऐसा उलझ चुका है कि सैकड़ों आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति ही नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से करीब एक हजार आवेदन रद्दी की स्थिति में पहुंच चुके हैं। प्रदेश के शिक्षकों की मृत्यु के मामलों में यह हाल तब है जबकि सरकारी नियमों में कर्मचारी की मौत के बाद उसके आश्रित को 90 दिन में अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है। इसके बाद भी हजारों आवेदक अनुकंपा नियुक्ति का लंबे समय से इंतजार करने को मजबूर बने हुए हैं। शिक्षकों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति में सबसे बड़ी बाधा है आरटीई का वह नियम जिसमें स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक की भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा का पास करना अनिवार्य किया गया है। यही नहीं इस मामले में अधिकारियों का तर्क है कि शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू होने के बाद डीएड, बीएड होना भी अनिवार्य है। खास बात यह है कि अगर कोई भी यह पात्रता हासिल कर लेता है, तो फिर अनुकंपा नियुक्ति के नियम का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है। खास बात यह है कि आरटीई एक्ट 2010 में लागू होने के बाद से मप्र में प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती परीक्षा ही नहीं हुई तो आश्रित पात्रता परीक्षा कैसे पास करें, जिसकी वजह से ही साल दर साल अनुकंपा के मामलों में वृद्धि होती जा रही है। शिक्षा विभाग के इन नियमों की वजह से अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि जब परीक्षा ही पास करना है तो अनुकंपा नियुक्ति का क्या मतलब है। उल्लेखनीय है कि बीते दस सालों में शिक्षा विभाग में अनुकंपा के 2200 से अधिक मामले लंबित हैं, इनमें 1000 से अधिक मामले प्राइमरी शिक्षकों के हैं। अगर सरकार चाहे तो इन मामलों में आवेदकों के लिए आरटीई एक्ट में बदलाव कर राहत दे सकती है।
यह है परीक्षा के हाल
संविदा शिक्षक भर्ती के लिए 2005 से परीक्षा शुरू हुई। इससे पहले सीधी भर्ती होती थी। सन् 2001 में सीधी भर्ती से 36 हजार पद भरे गए थे। सन् 2003 में 40 हजार पदों पर भर्ती की गई। इसके बाद 2005 में पहली बार 25 हजार पदों के लिए संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा व्यापमं द्वारा ली गई। परिणाम के बाद 2006-07 में भर्ती हुई। फिर सन् 2008-09 में 30 हजार पदों के लिए संविदा परीक्षा हुई। सन् 2009 में भर्ती हुई। इसके बाद 2013 में 42 हजार पदों के लिए संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। जिनकी भर्ती प्रक्रिया 2014 में शुरू हुई।
नहीं पता अब कब होगी परीक्षा
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (वर्ग-3) कब होगी, इस संबंध में किसी के पास कोई जवाब नहीं है, पीईबी कई बार परीक्षा की तारीख घोषित करने के बाद उसे निरस्त कर चुका है। यह परीक्षा अपै्रल में शुरू की जाना थी, लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया है। परीक्षा की नई तारीख अब तक घोषित नहीं होने से असमंजस बना हुआ है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए साढ़े छह लाख अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं।