इटारसी में लॉजिस्टिक हब की स्थापना को मिलेगी मंजूरी

लॉजिस्टिक हब
  • डॉ. मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक पचमढ़ी में शुरू

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज पचमढ़ी राजभवन में कैबिनेट की विशेष बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक जनजातीय गौरव और शौर्य के प्रतीक रहे राजा भभूत सिंह को समर्पित होगी। बैठक में इटारसी के निकट लॉजिस्टिक हब विकसित करने के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। करीब 80 एकड़ भूमि दुबई की कंपनी डीपीआई को दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। वर्ष 2012 में इसी परियोजना के लिए पुणे की एक कंपनी को जमीन देने की तैयारी की गई थी, लेकिन वह कार्य शुरू नहीं कर सकी। अब दुबई की यह कंपनी इस परियोजना में इच्छा जताई है। प्रस्तावित हब से माल का लोडिंग और अनलोडिंग इटारसी से मुम्बई पोर्ट तक डबल लाइन कनेक्टिविटी के माध्यम से किया जाएगा। मप्र में किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी का यह महत्वपूर्ण निवेश होगा। इसके जरिए सरकार विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करेगी।  
कैबिनेट की बैठक विशेष रूप से जनजातीय समाज और शौर्य पराक्रम के प्रतीक रहे राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी। इनक्री ऐतिहासिक भूमिका को कैबिनेट की बैठक के दौरान पुन: स्मरण किया जाएगा। पचमढ़ी गोंड शासक राजा प्रभूत प्रभूत सिंह के ऐतिहासिक योगदान को समेटे हुए है। उन्होंने इस बहाड़ी भूभाग का उपयोग शासन संचालन, सुरक्षा और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए किया। बैठक में राजा भभूत सिंह की प्रतिमा पचमढ़ी में स्थापित करने पर भी निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा नर्मदांचल क्षेत्र में किसी संस्थान को उनके नाम से जोडऩे का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। इस इसे कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा विजन-2047 पर अधिकारियों का प्रजेंटेशन भी होगा। इसमें मप्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अहम निर्णय लिए जाएंगे।
सीएम विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे
प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही इस बैठक के साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पचमढ़ी मेंं पर्यटन और अन्य विभागों के कुल 33.88 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया जा सकता है।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जटाशंकर और पांडव गुफाओं पर पिंक टॉयलेट लाउंज – लागत 19 लाख रुपए, जयस्तंभ क्षेत्र में पाथवे निर्माण – लागत 10 करोड़ रुपए, घूपगढ़ जल आपूर्ति योजना – लागत 60 लाख रुपए, पचमढ़ी प्रवेश द्वार – लागत 35 लाख रुपए, सतपुड़ा रिट्रीट में किचन, रेस्टोरेंट और स्विमिंग पूल – लागत 1.35 करोड़ रुपए का लोकार्पण करेंगे। वहीं, 21.39 करोड़ रुपए की 6 नई परियोजनाओं का भूमिपूजन करेंगे। इसमें हांडी खो में पर्यटक सुविधाएं – लागत 1.98 करोड़ रुपए, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में आधारभूत ढांचे का विकास – लागत 2.13 करोड़ रुपए, हिलटॉप बंगले का होमस्टे में रूपांतरण – लागत 6.70 करोड़ रुपए, रूढ्ढष्टश्व कम्युनिटी सेंटर का निर्माण – लागत 9.90 करोड़ रुपए, केन्द्रीय नर्सरी का निर्माण – लागत 34 लाख रुपए शामिल है।
तहसीलदारों के कार्य विभाजन की तैयारी
मप्र सरकार नायब तहसीलदार और तहसीलदारों के मजिस्ट्रेटीयल अधिकारों में कार्य विभाजन करने की तैयारी में है। प्रस्तावित योजना के तहत, एक तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार को प्रोटोकॉल, कानून-व्यवस्था (लॉ एंड ऑर्डर) जैसी प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी, जबकि शेष नायब तहसीलदार और तहसीलदार राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई पर केंद्रित रहेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य राजस्व प्रकरणों की संख्या को कम करना और न्याय प्रक्रिया को गति देना है। सरकार इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत कर सकती है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की मौजूदगी के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 900 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। डीएसपी संतोष मिश्रा के अनुसार, साडिया से पचमढ़ी तक पूरे मार्ग पर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था सख्ती से लागू की गई हैं। मंत्रियों की आवाजाही के लिए निर्धारित रूट्स पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
राजा भभूत सिंह के वीरता और योगदान की ब्रांडिंग
सरकार का उद्देश्य है कि राजा भभूत सिंह की वीरता और योगदान को आने वाली पीढिय़ों तक पहुंचाया जाए। उनके सम्मान में लिया जाने वाला यह निर्णय न केवल स्थानीय गौरव को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय इतिहास को भी सहेजने का कार्य करेगा। बता दें इससे पहले मार्च 2022 में भी पचमढ़ी में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई थी। अब एक बार फिर इसी स्थल पर कैबिनेट बैठक होने जा रही है। बिरासब से विकास और अपने जनजातीय नायकों को सम्मान देने के मुख्यमंत्री डॉ. यादव और राज्य शासन के सूत्र वाक्य के तहत बैठक में राजा मभूत सिंह के शौर्य तथा पराक्रम को याद किया जाएगा। पचमढ़ी के राजा भभूत सिंह ने जल, जंगल, जमीन एवं अपने क्षेत्र को बाहरी आक्रांताओं तथा अंग्रेजों से बचाए रखने के लिए समाज को एकजुट कर अंग्रेजी शासन का मुकाबला किया। राजा भभूत सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के समय महान स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे की मदद भी की। वे तात्या टोपे के आह्वान पर देश की आजादी की मशाल लेकर सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में निकल पड़े। उन्होंने सतपुड़ा की वादियों में आजादी की मशाल जलाई। राजा मभूत सिंह ने अंग्रेजों की आंख में धूल झोंकते हुए अक्टूबर 1858 के अंतिम सप्ताह में तात्या टोपे के साथ ऋषि शांडिल्य की पौराणिक तपोभूमि सांडिया के पास नर्मदा नदी पार की। भभूत सिंह और तात्या टोपे ने नर्मदांचल में आजादी के आंदोलन की योजना बनाई। पचमढ़ी में सतपुड़ा की गोद में तात्या टोपे ने अपनी फौज के साथ ममूत सिंह से मिलकर 8 दिनों तक पड़ाव डाला और आगे की तैयारी करते रहे। हर्राकोट के जागीरदार भभूत सिंह का जनजातीय समाज पर बहुत अधिक प्रमाव था। उन्होने जनजातीय समाज को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए तैयार किया।

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