
- फेल होने पर फिर से लेना होगा प्रशिक्षण
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी ड्यूटी में तैनात होने वाले कर्मचारियों को कल यानी की सोमवार को दूसरे दौर की ट्रेनिंग के बाद परीक्षा के दौर से गुजरना होगा। अगर इसमें वे फेल होते है, तो फिर से उन्हें प्रशिक्षण लेना होगा। भोपाल में ही इस तरह की परीक्षा देने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब नौ हजार के आसपास है।
दरअसल इस परीक्षा में उनसे वोटिंग से पहले यदि ईवीएम एवं वीवीपीएटी खराब हो जाए तो आप क्या करेंगे? जैसे करीब 25 प्रश्रों के जबाव देने होंगे। इसमें प्रश्न ईवीएम, वीवीपैट, मॉकपोल और वोटिंग से जुड़े होंगे। इन प्रश्नों का जवाब प्रशिक्षण के दौरान पहले ही मिल जाएंगे। इस परीक्षा के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि अधिकारी व कर्मचारी प्रशिक्षण के दौरान कितने गंभीर रहे हैं। यह प्रशिक्षण भोपाल में 105 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दिया जा रहा है। यही ट्रेनर्स ही आंसर शीट को जांचेंगे। प्रश्र पत्र के लिए खुद जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने सभी प्रश्न तैयार कराए हैं। इसके बाद एडिशनल सीईओ डॉ. विनोद यादव, सहायक नोडल अधिकारी संदीप श्रीवास्तव, मास्टर ट्रेनर्स आरके शर्मा आदि ने बकायदा प्रश्नपत्र तैयार के लिए काम किया है।
यह है वजह
जिले में कुल 2049 मतदान केंद्र हैं। प्रत्येक केंद्र पर चार अधिकारी-कर्मचारी (पीओ, पी-1, पी-2 और पी-3) की ड्यूटी लगेगी। इस हिसाब से कुल 8196 अधिकारी-कर्मचारी हैं। इनके अलावा 10न यानी, 800 से अधिक कर्मचारी रिजर्व के तौर पर रहेंगे। ताकि, जरूरत पडऩे पर उनकी ड्यूटी लगाई जा सके। अफसरों ने बताया कि इस बार कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो पहली बार वोटिंग कराएंगे। वे ट्रेनिंग को लेकर कितने गंभीर हैं, यह जांचने के लिए ट्रेनिंग के बाद परीक्षा कराएंगे। कर्मचारियों की अंतिम ट्रेनिग कल से शुरु हो रही है। यह ट्रेनिंग 6 से 8 नवंबर तक भोपाल के मोतीलाल विज्ञान कॉलेज और महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में दी जाएगी। दो-दो सत्र में ट्रेनिंग होगी। एक दिन में करीब 3600 कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के तुरंत बाद वे 25 प्रश्नों के जवाब देंगे। प्रश्न पत्र में ही चार उत्तर रहेंगे। इनमें से एक सही होगा। जिस पर राइट लगाना होगा। इसके बाद मास्टर ट्रेनर्स आंसरशीट को देखेंगे। यदि प्रश्न गलत निकले तो संबंधित कर्मचारी को दूसरे दिन फिर से ट्रेनिंग में बैठना होगा। इसी तरह से पी-2 और पी-3 यानी मतदान कराने वाले कर्मचारियों के लिए यह फाइनल ट्रेनिंग होगी। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए उन्हें चुनाव आयोग की पुस्तिका भी दी जाएगी। पीओ यानी पीठासीन अधिकारी और पी-1 यानी मतदान अधिकारी को एक बार फिर 13 और 14 नवंबर पर ट्रेनिंग दी जाएगी। इस दौरान उन्हें यह पता चल जाएगा कि उनकी किस विधानसभा में ड्यूटी लगेगी। हालांकि, मतदान केंद्र के बारे में उन्हें बाद में ही पता चल सकेगा।
ट्रेनिंग के मुख्य बिंदु
ट्रेनिंग के दौरान चुनावी ड्यूटी में तैनात होने वाले कर्मचारियों को जिन ङ्क्षबदुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसमें ईवीएम और वीवीपैट से मॉक पोल कैसे कराते हैं। कंट्रोल यूनिट पर प्रदर्शित परिणाम को वीवीपैट के मॉक पोल पर्चियों से मिलान किस तरह से करना है। मॉकपोल के परिणाम को सीयू से क्लियर करना और वीवीपैट ड्राप बॉक्स से मॉल पोल को पर्वियों से हटाना। वीवीपैट मॉक पोल पेपर पर्चियों के पृष्ठ भाग पर स्टॉम्प लगाकर काले लिफाफे को गुलाबी पेपर मुद्रा से मुहरबंद करना। मतों की गोपनीयता पर अभ्यर्थियों एवं मतदान अभिकर्ताओं की ब्रीफिंग करना। मतदान की घोषणा स्पष्ट रूप से करना और अभ्यर्थी/मतदान अभिकर्ता के हस्ताक्षर प्राप्त करना। मतदान समाप्ति के समय पंक्ति में खड़े व्यक्तियों को नंबर अंकित पर्चियां प्रदान करना। पंक्ति में खड़े मतदाताओं द्वारा मत देने के बाद क्लोज बटन दबाना है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को उचित बॉक्स में रखकर मुहरबंद करना है। सांविधिक एवं असांविधिक दस्तावेजों की भी मुहरबंदी करना और सभी निर्वाचन सामग्रियों को सग्रहण केंद्र पर जमा करने सुरक्षा काफिले के साथ कैसे जाना है आदि।