
- गर्मी के साथ ही बढ़ने लगी बिजली की डिमांड
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लाइन मेंटेनेंस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी बिजली ट्रिपिंग से निजात नहीं मिल रही है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की बात करें तो कंपनी पिछले दो साल से लाइन मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली कटौती करती आ रही है। बिजली कंपनी द्वारा राजधानी सहित कार्यक्षेत्र के अन्य जिलों में मेंटेनेंस के नाम पर रोज 6 से 7 घंटे तक बिजली काटी जा रही है, लेकिन मेटेनेंस पूरा नहीं हो पा रहा है। लेकिन हल्की आंधी में भी बिजली गुल हो जाती है। वहीं प्रदेश में गर्मी के कारण बिजली की मांग भी बढ़ रही है।
इस कारण फाल्ट की समस्या भी बढ़ गई है। वहीं लगातार मिल रही शिकायतों से ऊर्जा मंत्री भी नाराज हैं। गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में दो साल से लगातार मेंटेनेंस चल रहा है। इसके बाद भी बिजली गुल होने की समस्या खत्म नहीं हो पा रहा है। वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र वाले जिलों में रोज घोषित के साथ अघोषित बिजली कटौती ने लोगों को परेशान कर दिया है। इन दिनों प्रदेशभर में बिजली की डिमांड 12 से 14 हजार मेगावॉट की बीच है। बिजली उत्पादन 22 हजार मेगावॉट से अधिक है। यानी बिजली का उत्पादन डिमांड से अधिक हो रहा है। इससे साफ है कि प्रदेश में बिजली उपलब्धता पर्याप्त है। प्रदेश में बिजली गुल की समस्या से परेशान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर लगातार बैठकें कर रहे हैं। अधिकारियों की पर कार्रवाई भी की जा रही है। इसके बाद भी बिजली संबंधी शिकायते कम नहीं हो रही। इससे परेशान ऊर्जा मंत्री ने अपने घर में ही कॉल सेंटर बना दिया है। इस कॉल सेंटर पर भी बिजली उपभोक्ता अब शिकायतें कर रहे हैं।
अधिकारी नहीं उठाते फोन
लगातार हो रहे मेंटेनेंस के बाद भी राजधानी सहित बिजली कंपनी के कार्यक्षेत्र वाले जिलों में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। बिजली कंपनी के अधिकारी फोन नहीं उठा रहे। इसको देखते हुए अब बिजली कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल ने सभी अधिकारियों को 24 घंटे अपना फोन चालू करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि शिकायतों का निराकरण तत्काल किया जाए। विदिशा शहर में रोज बिजली गुल हो रही है। इसकी शिकायतें कलेक्टर तक के पास पहुंच गई। इसके बाद विदिशा कलेक्टर ने बिजली कंपनी के डीई को तलब कर लिया। कलेक्टर ने डीई को निर्देश दिए हैं कि 48 घंटे में सभी खराब ट्रांसफॉर्मर बदले जाएं। शहर में बार-बार ट्रिपिंग की वजह से बिजली कटौती की जा रही है।
गांवों की स्थिति और खराब
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में आने वाले गांवों के लोग बिजली कटौती से सबसे अधिक परेशान हैं। बिजली कंपनी के कार्यक्षेत्र वाले राजगढ़ जिले में भी यही हाल है। गर्मी के समय दिन में कई बार बिजली गुल हो रही है। बिजली कंपनी के अधिकारी समय पर समस्याओं का निराकरण नहीं कर पा रहे है। राजगढ़ के ब्यावरा क्षेत्र के 14 गांव में बिजली गुल है। बिजली कंपनी का अमला दिनभर में भी फाल्ट नहीं ढूंढ पाया। यही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में है। इससे लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। गुना में बिजली गुल होने की शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। कंपनी ने गुना वृत्त में विद्युत संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए अधिकारियों को तैनात किया गया है। ये अधिकारी प्रतिदिन शाम 4 बजे से रात्रि 12 बजे तक एनडीसीसी कंट्रोल रूम में तैनात रहेंगे तथा शिकायतों का त्वरित निराकरण भी करेंगे। बिजली कंपनियों के जिन अधिकारियों द्वारा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है, उन्हें रिप्लेस करें। ऐसे अधिकारियों के स्थान पर उनके जूनियर सक्षम अधिकारियों को पदस्थ करें। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह निर्देश मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिजली ट्रिपिंग और मेंटेनेंस कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। बैठक में एमडी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं का फोन नहीं उठाने पर 15 अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकी गई है।
मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति
जानकारों का कहना है कि लाइन मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है, जबकि बिजली का मेंटेनेंस सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। ऐसे में गर्मी के समय लोड बढऩे पर ट्रांसफॉर्मर खराब हो रहे हैं। आंधी-तूफान की स्थिति में बिजली के तार टूट रहे हैं और खंबे गिर रहे हैं। ट्रांसफॉर्मर के फ्यूज खराब हो रहे हैं और ट्रिपिंग हो रही है। इस वजह से बिजली गुल हो रही है। बिजली कंपनी का मैदानी अमला मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। इस वजह से बिजली गुल होने की समस्या कम नहीं हो पा रहा है। बिजली कंपनी द्वारा राजधानी सहित कार्यक्षेत्र के अन्य जिलों में मेंटेनेंस के नाम पर रोज 6 से 7 घंटे तक बिजली काटी जा रही है, लेकिन मेटेनेंस पूरा नहीं हो पा रहा है। जबकि मेंटेनेंस के लिए तीनों बिजली कंपनियों को 15-15 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई है। इसके बाद भी मेंटेनेंस समय पर नहीं हो पा रहा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तीनों बिजली कंपनी के अधिकारियों को ट्रिपिंग कम करने के निर्देश दे चुके हैं।