
- बारह साल बाद साढ़े चार हजार पैक्स के चुनाव
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में वर्षों से भंग पड़ी प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों (पैक्स) के चुनाव की कवायद शुरू हो गई है। मई से इसकी शुरुआत होगी, जो सितंबर तक चलेगी। इनके चुनाव निपटने के बाद जिला सहकारी बैंकों के चुनाव करवाए जाएंगे।
प्रदेश की 4523 पैक्स में चुनाव ड्यू हैं। पैक्स के चुनाव काफी समय से लंबित हैं। अधिकतर सहकारी समितियों का कार्यकाल मार्च 2018 में खत्म हो चुका है। वहां पहले अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को ही कमान सौंप दी गई थी। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान कांग्रेस ने इस पर आपत्ति की, तो वहां सहकारिता विभाग ने अपने प्रशासक बैठा दिए। पहले विधानसभा और बाद में लोकसभा चुनाव के कारण इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए।
2013 में हुए था पिछला चुनाव
गौरतलब है कि मप्र में पैक्स के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई है। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने ये चुनाव 5 मई से सितंबर तक कराने का निर्णय लिया है। इससे पहले यह चुनाव 2013 में हुए थे और तब से अब तक पैक्स के चुनाव नहीं हो पाए थे। इसके लिए मतदाता सूची तैयार करने का काम तेजी से शुरू हो गया है। 14 मई को सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।
मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने चुनाव कार्यक्रम एक साल पहले जारी किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते इसे टाल दिया गया था। अब, प्रदेश की 4531 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में अध्यक्ष और सदस्यों के चुनाव किए जाएंगे। यह चुनाव किसानों के जरिए किए जाते हैं।
पैक्स में प्रशासक तैनात
चुनाव न होने के कारण, प्रदेश की लगभग 4531 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में फिलहाल प्रशासक कार्यरत हैं। इसी तरह प्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों और अपेक्स बैंक में भी प्रशासक कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2013 में चुनाव के बाद पांच वर्ष के लिए संचालक मंडल ने काम किया। इसके बाद वर्ष 2018 में चुनाव होना था, लेकिन विधानसभा चुनाव के चलते पैक्स चुनाव टल गया। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव आ गया। इसके बाद कांग्रेस सरकार चुनाव की तैयारी करा रही थी, फिर सरकार गिर गई। वर्ष 2020 में कोरोना आ गया, इसके बाद निकाय चुनाव शुरू हो गए। वर्ष 2023 में चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई। कोर्ट ने दिसम्बर 2023 में सरकार को चुनाव कराने के निर्देश दिए। इसके बाद फिर अलग-अलग कारणों से चुनाव टल गए।
चार चरणों में होंगे चुनाव
प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों (पैक्स) के चुनाव चार चरणों में होंगे और इस प्रक्रिया के तहत समितियों और बैंकों में संचालक मंडल का गठन किया जाएगा। वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले जबलपुर में चुनाव को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने दिसंबर 2023 में चुनाव कराने के निर्देश दिए, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण चुनाव प्रक्रिया में और देरी हुई। चुनाव न होने के कारण समितियों और बैंकों में नीतिगत निर्णय नहीं लिए जा पा रहे हैं। किसानों से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, समितियों के विस्तार और कारोबार में भी निर्णय समय पर नहीं हो पा रहे हैं। प्रशासक केवल प्रशासनिक कामों पर ध्यान देते हैं, जिससे समितियों की प्रमुख गतिविधियों में देरी होती है। यह चुनाव पिछले कई वर्षों से लंबित हैं, लेकिन अब प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसके तहत, 25 हजार से अधिक कर्मचारियों की जरूरत होगी, जिन्हें जीएडी से आदेश जारी कर चुनाव कराने के लिए नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, चुनाव को सुचारू रूप से संचालन के लिए पुलिस बल की भी आवश्यकता होगी।