जन आर्शीवाद यात्रा से जातिगत समीकरण साधने के प्रयास

जन आर्शीवाद यात्रा
  • मौर्य, तिवारी और सावंत भी होंगे शामिल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज दो माह का ही समय रह गया है। ऐसे में दोनों प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस ने जहां जातिगत समीकरण साधने के लिए अलग-अलग अंचलों में सम्मेलन करने की रणनीति बनाई तो भाजपा ने इसकी काट के लिए निकाली जा रही जन आर्शीवाद यात्रा में ही जातिगत समीकरण साधने की योजना तैयार की है। इसके तहत अलग-अलग अंचलों के इलाकों के जातिगत समीकरण साधने के लिए दूसरे प्रदेशों के नेताओं को बुलाया जा रहा है। इन नेताओं को भी उन इलाकों में यात्रा में शामिल कराने की योजना है, जहां पर उनके सजातीय मतदाताओं को बड़ा प्रभाव है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. केशव प्रसाद मौर्य को बुलाया गया है। वे रीवा में जनसभा के बाद रोड शो में शामिल होंगे। इसके बाद मौर्य गुढ़ में जनसभा करेंगे और शाम को लखनऊ रवाना हो जाएंगे। रीवा वह स्थान है, जहां पर कुशवाहा समाज के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है और वे ही हार-जीत में बेहद अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कुशवाहा समुदाय की गिनती मजबूत ओबीसी जातियों में होती है। राज्य में करीब 60 लाख लोग कुशवाहा समुदाय के हैं और करीब दो दर्जन सीटों पर ये विधानसभा चुनाव के नतीजे तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।  इसी तरह से सांसद और दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी कल एक दिन के प्रवास पर आ रहे हैं। तिवारी गोहद, मेहगांव और लहार विधानसभा में जनसभाएं करेंगे और रात में नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे। यह वो इलाका है जहां पर ब्राह्मण मतदाता भाजपा से नाराज बताए जाते हैं। इसी वजह से उनका दौरा जातीय समीकरण साधने के लिए इन जिलों में तय किया गया है। ऐसे ही उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक 10 सितंबर को सिंगरौली के दौरे पर आने वाले हैं। इस जिले में आप का प्रभाव है। उधर, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत 11 और 12 सितंबर को दो दिवसीय प्रवास पर आ रहे हैं।  सावंत 11 सितंबर की सुबह उज्जैन में भस्म आरती में शामिल होने के बाद इंदौर पहुंचेंगे। इंदौर में रात्रि विश्राम करने के बाद डॉ. सावंत 12 सितंबर की सुबह ग्वालियर रवाना हो जाएंगे। ग्वालियर में पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वे उसी दिन शाम को दिल्ली चले जाएंगे। वे मराठा क्षत्रिय वर्ग से आते हैं। ग्वालियर चंबल में क्षत्रिय समाज की बड़ी संख्या है। यही नहीं ग्वालियर जिले में मराठाओं का भी अच्छा प्रभाव है। यही वजह है कि उनका दौरा ग्वालियर में तय किया गया है। तिवारी व सावंत के माध्यम से भाजपा दोनों सवर्ण वर्ग के मतदाताओं को साधना चाहती है।

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