
स्कूल शिक्षा विभाग की भर्राशाही…
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्थ करने और प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सर्व सुविधायुक्त सीएम राइज स्कूल शुरू करवाए हैं। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग की गलत नीतियों और अफसरों की भर्राशाही के कारण सीएम राइज स्कूलों में भी पढ़ाई चौपट हो रही है।
गौरतलब है की मुख्यमंत्री की मंशानुसार सीएम राइज स्कूलों में योग्य शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षाएं भी आयोजित की गई थीं। लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षकों की पदस्थापना में कई ऐसी गलतियां कर डाली जिससे सीएम राइज स्कूलों के शिक्षकों को पांच माह से वेतन तक नहीं मिला है। दूसरी तरफ बोर्ड परीक्षाओं के ठीक पहले अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी होने से स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था ठप हो गई है। विभाग की व्यवस्थाओं से नाराज शिक्षक संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
शिक्षक वेतन के लिए परेशान…
सीएम राइज स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने परीक्षा आयोजित की। अनियमितताओं से घिरी परीक्षा के बाद शिक्षकों की सीएम राइज स्कूलों में पदस्थापना कर दी गई। सीएम राइज स्कूलों में पदस्थापना के अब शिक्षक वेतन के लिए परेशान हो रहे है। राजधानी सीएम राइज स्कूलों में पदस्थ शिक्षक समेत तीन सौ से ज्यादा शिक्षकों को बीते पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। यह शिक्षक आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके है, लेकिन वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
अतिशेष शिक्षकों की सूची ने बिगाड़ी स्थिति…
वेतन नहीं मिलने से शिक्षक परेशान चल रहे थे कि अब विभाग ने दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा के ठीक एक महीने पहले अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी कर दी। राजधानी में ही 1078 शिक्षक अतिशेष है। इसी तरह प्रदेश भर में इनकी संख्या करीब 35 हजार है। इन शिक्षकों की पदस्थापना अब जिलों के बाहर की जाएगी। अचानक आयी अतिशेष की सूची से शिक्षक परेशान होने लगे है। बीते दिन से स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था बिल्कुल ठप पड़ी हुई है। लोक शिक्षण ने आधी-अधूरी तैयारियों के साथ अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की है। परीक्षा देकर सीएम राइज स्कूलों में पदस्थ हुए शिक्षकों को भी अतिशेष की सूची में डाल दिया गया है। शासकीय शिक्षक संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे का कहना है कि फरवरी का महीना प्रारंभ हो चुका है, वार्षिक परीक्षाओं के लिए चंद ही दिन शेष हैं। इस समय शिक्षकों को स्वस्थ / दिमाग से बच्चों को पढ़ाने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए। इस समय आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा अचानक अतिशेष की कार्यवाही प्रारंभ हो जाने से मध्यप्रदेश के समूचे शिक्षकों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। जबकि अभी तक शिक्षा विभाग का स्थापना का फॉर्मेट शत-प्रतिशत अपडेट नहीं हुआ है।
10वीं-12वीं परीक्षा के प्रवेश पत्र अपलोड
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की आगामी एक मार्च से शुरू होने वाली दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए है। प्राचार्य प्रवेश पत्र डाउनलोड कर संस्था की सील व हस्ताक्षर कर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएंगे। वहीं, मंडल ने डीएलएड परीक्षा 2022 के फार्म जमा करने की तिथि पांच फरवरी तक कर दी है। शिक्षकों की सेवा पुस्तिकाएं अपडेट नहीं हैं, पूरे प्रदेश में विषय सुधार के लिए शिक्षक जिला से लेकर संभागीय कार्यालयों में भटक रहा है, परन्तु उनमें भी शत-प्रतिशत सुधार नहीं हो पाया है। एजुकेशन पोर्टल की स्थिति यह है कि ऐसे विद्यालय जहां पर एक भी शिक्षक नहीं है, वहां एक भी पद भरे दिखा रहा है और जहां पर पर्याप्त शिक्षक हैं, वहां अभी भी रिक्त पद दिख रहे है। दुबे ने अतिशेष की कार्यवाही को स्थगित कर परीक्षा के बाद किए जाने की मांग की है।