
- कंपनियों को एमआरपी कम करने के मिले निर्देश
नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। खाद्य तेलों के मूल सीमा शुल्क यानी बीसीडी में 50 फीसदी की कटौती की गई है। कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल पर शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इस फैसले के चलते कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच आयात शुल्क में अंतर 8.75 प्रतिशत से 19.25 प्रतिशत हो गया है। सरकार ने आदेश किया है कि जितना जल्द हो सके, कंपनियां इसका फायदा ग्राहकों को दें। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख खाद्य तेल उद्योग संघों और उद्योग हितधारकों के साथ बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उन्हें शुल्क कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया। विभाग ने बयान में कहा, वितरकों के लिए मूल्य और अधिकतम खुदरा मूल्य दोनों को समायोजित किया जाए।
खाद्य विभाग ने तेल एसोसिएशनों को दी सलाह
विभाग ने तेल एसोसिएशनों से कहा, वे तत्काल मूल्य कटौती लागू करने की सलाह दें। साथ ही, ब्रांडवार अपडेट एमआरपी शीट साप्ताहिक आधार पर विभाग के साथ साझा करें। मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग के साथ एमआरपी की रिपोर्टिंग के लिए एक प्रारूप साझा किया है। इसमें जोर दिया कि आपूर्ति शृंखला के जरिये समय पर लाभ पहुंचाना आवश्यक है, ताकि उपभोक्ताओं को खुदरा कीमतों में भी इसी तरह की कमी हो सके।
31 मई को हुई थी कटौती
सरकार ने 31 मई को पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क में 50 फीसदी की कटौती कर इसे 20 से 10 फीसदी पर ला दिया था। अधिकारियों ने कहा, 19.25 प्रतिशत शुल्क का अंतर घरेलू रिफाइनिंग क्षमता उपयोग को प्रोत्साहित करने और रिफाइंड तेलों के आयात को कम करने में मदद करेगा।
एक साल में 25त्न तक बढ़े दाम
खाना पकाने वाले तेलों की कीमतें एक साल में 25 फीसदी से तक बढ़ी हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, वनस्पति तेल का भाव बुधवार को 155 रुपये लीटर था, जो एक साल पहले 126 रुपये था। इसी तरह सोया तेल की कीमत 123 से बढक़र 147 रुपये, सूरजमुखी तेल का दाम 123 से बढक़र 160 रुपये लीटर, पाम तेल का भाव 100 से बढक़र 132 रुपये और सरसों तेल की कीमत 138 से बढक़र 172 रुपये पर पहुंच गई। हालांकि, कुछ शहरों में इनकी कीमतें इससे भी ज्यादा हैं। हालांकि, हाल के महीनों में इनमें 17 फीसदी तक तेजी आई थी।
सोयाबीन, सूरजमुखी तेल का रेट घटेगा
गौरतलब है कि पिछले साल जब सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाया था, तो खाद्य तेल की कीमतों में तेज उछाल आया था। इसका असर आम जनता की जेब पर साफ नजर आया और खाद्य महंगाई में इजाफा हुआ। इसी को देखते हुए अब सरकार ने कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। अब इससे इन तेलों की कीमत घटने की संभावना बन गई है।