मध्यप्रदेश विधानसभा में लागू होगा ई-विधान

मध्यप्रदेश विधानसभा
  • अब सदन में विधायकों की परफॉर्मेंस देख सकेंगे लोग
  • मप्र में विधानसभा में विधायकों के सवाल सहित अन्य जानकारी होगी ऑनलाइन

    भोपाल/विनोद उपाध्याय /बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की विधानसभा में जल्द ही एक नया नवाचार देखने को मिल सकता है, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसके संकेत दिए हैं। क्योंकि इस नवाचार के होने के बाद प्रदेश की विधानसभा पूरी तरह से हाईटेक और डिजिटल हो जाएगी। इस व्यवस्था के लागू होने से एक आम मतदाता घर बैठे देख सकेगा की  विधायक विधानसभा में उनके क्षेत्र के विकास के लिए क्या-क्या कर रहे हैं। इससे मतदाता अपने विधायक की परफॉर्मेंस का आंकलन भी कर सकते हैं।
    गौरतलब है कि  विधानसभा तक पहुंचे जनप्रतिनिधि आपके क्षेत्र की आवाज उठाते हैं या नहीं, सदन में उनकी कितनी सक्रियता है। यह जानने का हक आम लोगों को है।  विधानसभा सचिवालय की भी ऐसी मंशा है। यदि सब ठीक रहा तो अगले साल से लोग सदन की कार्यवाही घर बैठे देख सकेंगे। सचिवालय ने काम शुरू कर दिया है। अन्य राज्यों से जानकारी जुटाई जा रही है। अभी सदन की कार्यवाही देखने के लिए प्रवेश पत्र व्यवस्था लागू है। लोगों को विधायक की अनुशंसा पर पत्र जारी होते हैं। अभी सदन के काम-काज की कार्यवाही का विवरण ऑनलाइन है। विधायकों के सवाल सहित अन्य जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं, पर सीधा  प्रसारण की व्यवस्था नहीं है। लोकसभा और राज्यसभा में ऐसी व्यवस्था है।  मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बताया कि यहां तैयारी शुरू हो गई है। अभी व्यवस्था सीमित समय के लिए होगी।
    कई राज्यों में लागू है ई-विधान
    विधानसभा के ई-विधान प्रोजेक्ट के तहत कवायद हो रही हैं। प्रोजेक्ट के तहत सदन का काम- काज ऑनलाइन हो चुका है। अब सदन में विधायकों की टेबल पर छोटी स्क्रीन लगाई जाएगी, जिससे सवाल उन्हें स्क्रीन पर दिख सकें। जवाब भी स्क्रीन पर दिखेंगे। यूपी में यह व्यवस्था लागू है। वहीं, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र में भी ई-विधान लागू हो चुका है। मध्यप्रदेश में यह प्रोजेक्ट 75 करोड़ रुपए का है। प्रदेश की विधानसभा को ई विधानसभा बनाने की तैयारी चल रही है, यानि पूरा काम कम्प्यूटर के माध्यम से होगा, ई विधान लागू होने के विधानसभा की पूरी कार्रवाई पेपर लेस हो जाएगी और ई-विधान के जरिए एमपी विधानसभा की कार्यवाही का आॅनलाइन संचालन किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बताया कि ई विधान व्यवस्था लागू होने के बाद दैनिक कार्यसूची, प्रश्नोत्तरी, बिल समेत सब कुछ डिजिटल होगा इसके बाद पेपर पर कुछ नहीं होगा।  इसके अलावा  ई- विधान व्यवस्था लागू होने के बाद विधानसभा के 54 करोड़ रुपये हर साल बचेंगे और 28 करोड़  ए4 साइज के कागज बचेंगे, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा इससे हमारा 70 प्रतिशत खर्च कम होगा। हर विधायक की सीट के सामने कम्प्यूटर सिस्टम लगाया जाएगा जिसमें पूरी जानकारी सिंगल क्लिक से मिलेगी। यानि पूरी विधानसभा हाईटेक और डिजिटल होगी।
    इस सत्र में पेश  होंगे द्वितीय अनुपूरक बजट सहित अन्य विधेयक: मप्र की 15वीं विधानसभा का अंतिम शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से होगा। पांच दिवसीय इस सत्र में सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। इसके साथ ही नगर पालिक विधि संशोधन, लोक सुरक्षा विधेयक सहित अन्य संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। विधानसभा सचिवालय ने रविवार को सत्र बुलाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी।
    प्रस्ताव तैयार
    विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि देश की सभी विधानसभाएं एक ही पोर्टल से जुड़ जाएंगी तो जितने भी एजेंडे, नोटिस, प्रश्न और उनके उत्तर होंगे वे सब एक स्थान पर ही होंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव लगभग तैयार हो गया है, जल्द ही यह व्यवस्था मध्यप्रदेश की विधानसभा में भी लागू हो सकेगी।  ई विधान व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा की टीम केरल और कर्नाटक राज्य का दौरा कर वहां ई- विधान की प्रक्रिया का अध्ययन करेगी। इस दौरे में विधानसभा अध्यक्ष के साथ विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह और आईटी से संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की विधानसभा ई विधान व्यवस्था लागू हो चुकी है, यूपी विधानसभा का बजट भी इस बार डिजिटल तरीके से पेश किया गया है।
    अध्यक्ष को संबोधित करते हुए न दें सूचनाएं
    विधानसभा सचिवालय ने सदस्यों को पत्र लिखकर कहा है कि कार्य संचालन नियम के अनुसार कोई भी सूचना विधानसभा सचिवालय को दी जाए। अभी देखने में यह आया है कि कई सदस्य अध्यक्ष को संबोधित करते हुए सूचनाएं देते हैं जो नियमानुसार सही नहीं है। डाक से भी सूचनाएं भेजी जा सकती हैं। सत्र के दौरान ऐसा कोई विषय भी नहीं उठाया जाएगा, जो न्यायालय में विचाराधीन हो।

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